कोटा. मेडिकल-शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों की भागीदारी और बढ़ता हुआ वर्चस्व निश्चित तौर पर गौरवान्वित करने वाला है. जहां पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा के एंट्रेंस से ही उनका दबदबा शुरू होता है. कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा कहते हैं कि नीट-यूजी परीक्षा के आंकड़े स्वतः ही छात्राओं की भागीदारी की बात को स्वीकार रहे हैं. नीट एग्जाम में जहां पर रजिस्ट्रेशन में भी छात्राएं बाजी मारती हैं और ज्यादा छात्राओं के रजिस्ट्रेशन साल दर साल बढ़ते ही जा रहे हैं. यहां तक कि अब तो छात्रों से ज्यादा संख्या में छात्राओं का ही रजिस्ट्रेशन होता है. इसके बाद परीक्षा देने से लेकर सलेक्शन तक में छात्राएं ही बाजी मार रही हैं. नीट एग्जाम के जरिए एमबीबीएस एडमिशन भी ज्यादा छात्राएं सीट पर ले रही हैं.
देव शर्मा बताते हैं कि नीट-यूजी 2020 के परिणामों पर गौर किया जाए तो देश भर में जहां बेटियों का ही परचम लहरा है. पूर्व दिशा में सुदूर सिक्किम अरुणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम में पंजाब तक उत्तर में हिमाचल प्रदेश से लेकर दक्षिण में केरल तक, सभी महत्वपूर्ण राज्यों में नीट-यूजी 2020 में राज्य स्तर पर प्रथम रैंक छात्राओं ने ही हासिल की है. ये सिलसिला उत्तरी-पूर्वी, छोटे-राज्यों एवं अंडमान-निकोबार जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में ही नहीं, जबकि मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों में भी छात्राओं ने ही नीट-यूजी 2020 की परीक्षा में राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया.
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आकांक्षा सिंह ने पूरे में से पूरे अंक लाकर बनाया रिकॉर्ड...
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा बताते हैं कि सबसे बड़ा कमाल दिल्ली की बेटी आकांक्षा सिंह ने किया. जिसने नीट-यूजी 2020 में 720 में से 720 अंक लाकर मेडिकल प्रवेश परीक्षा के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए. देव शर्मा इस पर कहते हैं कि आकांक्षा की उम्र पहली रैंक लाने वाले शादाब से कम थी, लेकिन उसे दूसरी रैंक दी गई. जबकि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को इस चीज में भी सुधार करना चाहिए था. इसके साथ ही नीट 2020 का परिणाम था, उसमें टॉपर 5 में 3 छात्राएं शामिल हैं. यहां भी उनका ही वर्चस्व रहा है.
नीट-यूजी 2020 में छात्रों की सक्सेस रेट की बात की जाए तो वह 55 फीसदी के आसपास रही है. जबकि परीक्षा में बैठने वाली छात्राओं के अनुपात में सक्सेस दर 57 फीसदी से ज्यादा है. ऐसे में साफ है कि छात्राओं ने 2020 नीट-यूजी परीक्षा में 2 फीसदी से ज्यादा सक्सेस छात्रों से हासिल की है. इसमें सिक्किम में जहां पर मानसी सुब्बा, अरुणाचल प्रदेश में कृतिका ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है. वहीं, पंजाब में इशिता गर्ग, हिमाचल प्रदेश में भव्या शर्मा, केरल में आयशा और मध्य प्रदेश में सौम्या शुक्ला टॉप रही हैं. हमेशा कन्या भ्रूण हत्या के मामले में सुर्खियों पर रहने वाले हरियाणा में भी प्रथम स्थान पर अमरीशा खेतान ने कब्जा जमाया है.
90 हजार छात्राओं ने 2019 में ज्यादा क्वालीफाई किया...
नीट-यूजी परीक्षा 2019 में जहां पर 90 हजार छात्राएं ज्यादा क्वालीफाई कर पाई थीं. परीक्षा में 1,51,9375 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया, जिसमें भी छात्राओं की संख्या 8,38,955 थी, जबकि छात्र 6,80,414 थे. इनमें से भी छात्राएं जो परीक्षा में बैठीं वे 7,80,467 थीं, जबकि छात्र 6,30,283 बैठे. वहीं, छात्राओं के क्वालीफाई करने की बात की जाए तो, 4,45,761 क्वालीफाई कर पाईं, जबकि छात्र 3,51,278 क्वालीफाई हुए.
20 फीसद से ज्यादा हुआ है छात्राओं का सिलेक्शन...
इसी तरह कोरोने के सबसे खतरनाक दौर में यानी नीट-यूजी 2020 में भी छात्राएं कहीं भी पीछे नहीं रहीं. वहीं, जहां 7,16,586 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया तो वहीं छात्राओं के रजिस्ट्रेशन 8,80,843 थे. छात्राओं के परीक्षा में बैठने की बात की जाए तो 7,48,866 छात्राओं ने परीक्षा दी है, जबकि छात्रों ने 6,58,075 ही बैठे हैं. इसी के अनुपात में जहां पर सिलेक्शन की बात की जाए तो लड़कों के सिलेक्शन बीते साल से भी कम 3,46,566 हुए छात्राओं के सिलेक्शन 4,27,946 हुए हैं. इसमें भी छात्राओं का सिलेक्शन 20 फीसदी से ज्यादा हुआ है.
साल 2019 के आंकड़े | |||
वर्ग | रजिस्टर्ड | परीक्षा दी | सिलेक्शन हुआ |
छात्र | 6,80,414 | 6,30,283 | 3,51,278 |
छात्रा | 8,38,955 | 7,80,467 | 4,45,761 |
साल 2020 के आंकड़े | |||
वर्ग | रजिस्टर्ड | परीक्षा दी | सिलेक्शन हुआ |
छात्र | 7,16,586 | 6,18,075 | 3,43,555 |
छात्रा | 8,80,843 | 7,48,866 | 4,27,943 |