कोटा. दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की बैठक (Kota BJP Working Committee Meet) में शामिल होने आज कई दिग्गज पहुंच रहे हैं. इनमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया का नाम भी शामिल है. कोटा के बूंदी रोड स्थित रिसॉर्ट में सुबह करीब 11 बजे वसुंधरा अपने समर्थकों के नारों के बीच दाखिल (Vasundhara Raje Reaches Kota) हुईं. इस बीच अजीबोगरीब स्थिति भी पैदा हुई जब उनके पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई. वहां एंट्री को लेकर भाजपा नेता कार्यकर्ता भिड़ते और एक दूसरे के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते भी सुनाई और दिखाई (Slogans raised on Ex CM Arrival) दिए.
प्रवेश को लेकर पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष प्रहलाद पवार और अन्य नेता व कार्यकर्ता आपस में उलझे. इसमें सिक्योरिटी गार्ड भी शामिल थे जिन्हें रोका गया लेकिन बाद में वो भी लड़ झगड़ कर अंदर दाखिल हो गए. कार्यकर्ताओं ने पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत को भी अंदर नहीं जाने दिया. हालांकि जब उन्हें अंदर मीटिंग में प्रवेश नहीं मिला. तब वह वापस परिसर से बाहर निकल गए. यहां पर पहुंचे पूर्व विधायक राजावत ने वसुंधरा राजे सिंधिया को नेतृत्व सौंपने की मांग उठा दी. इसी दौरान भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत का एंट्री न देने पर दर्द छलका. उन्होंने कहा कि मैं 3 बार विधायक हूं, लेकिन यह नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष को करना है कि किसे कार्यसमिति में रखें और नहीं हमें नहीं रखा गया है. नाराजगी जाहिर की. कहा- कार्यसमिति की बैठक में हम एंटाइटल नहीं हैं. प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को हमें सम्मान देना चाहिए था जो उन्होंने नहीं दिया और हमें कार्यकारिणी में नहीं रखा. हालांकि इस दौरान वसुंधरा राजे के मीडिया एडवाइजर को भी रोकने की कोशिश की, लेकिन परिचय देने पर उन्हें जाने दिया.
वसुंधरा को वापस दिया जाए राजस्थान का नेतृत्व : वसुंधरा समर्थक राजावत ने कांग्रेस के 55 साल के राज की खामियां गिनाईं. साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना करते करते वसुंधरा राजे के हाथों प्रदेश की कमान सौंपने की ख्वाहिश जाहिर की. राजावत ने कहा- 55 साल देश को कांग्रेस ने लूटा है. अब जाकर देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने हैं. मोदी और वसुंधरा राजे के नेतृत्व में आने वाले समय में कायापलट होगी और परिवर्तन होगा.राजस्थान का नेतृत्व वसुंधरा राजे को दिया जाना चाहिए, कार्यकर्ता भी इसके लिए आतुर हैं.
अपनी नेता से मिलने के चक्कर में भिड़े कार्यकर्ता: धक्का-मुक्की के सवाल पर उन्होंने कहा कि आम कार्यकर्ता वसुंधरा राजे सिंधिया के साथ जाना (Abusive Language By Vasundhara Supporters) चाह रहा था. उनके साथ भीड़ भी काफी थी, लेकिन आम कार्यकर्ता का बैठक में शामिल होना संभव ही नहीं है इसीलिए उन्हें रोका गया था. कार्यकर्ताओं नेताओं में गाली गलौज पर उन्होंने कहा कि ये स्वाभाविक है.