कोटा. नगर विकास न्यास ने सब्जी मंडी ऑटो स्टैंड से लेकर बजाज खाने तक निकाले जा रहे 40 फीट चौड़ी सड़क मार्ग के लिए रविवार को भी मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई है. यूआईटी कमरा तोड़ने के लिए सुबह ही पहुंची और आस-पास के मकानों को खाली करवा दिया गया. इसके साथ ही बिजली की सप्लाई भी बाधित कर दी गई, ताकि किसी तरह का कोई हादसा नहीं हो.
मशीनों ने एकाएक जैसे ही मकानों को तोड़ना शुरू किया तो वो धराशाई होते रहे, लेकिन काफी समय उनमें लगा. वहीं, अब इस पूरे मार्ग पर सड़क का निर्माण प्रस्तावित है, जिससे भीतरी शहर के व्यापारियों को भी इससे फायदा मिलेगा. साथ ही यहां रहने वाले लोगों को भी एक अच्छा विकल्प एक मार्ग मिलेगा. इसमें बजाज खाना, पीपली चौक, चार खंबा, अग्रसेन बाजार और सब्जी मंडी मोटर स्टैंड के इलाकों के लोगों को छोटे और संकरे बाजारों से होने वाले ट्रैफिक जाम से भी निजात मिलेगी. कार्रवाई के दौरान यूआईटी के तहसीलदार गजेंद्र सिंह, कैलाश चंद मीणा अन्य और यूआईटी थाने का जाब्ता और अन्य कार्मिक मौजूद थे.
सुबह 4 बजे पहुंचा, रास्तों को बंद करवा दिया
यूआईटी का दस्ता सुबह 4 बजे ही रामपुरा इलाके में पहुंच गया और उन में सब्जी मंडी में भी व्यापारियों को प्रवेश नहीं करने दिया. इसके अलावा आस-पास की सारी दुकानों को भी बंद रखा गया.
वहीं पुलिस का जाब्ता भी मौके पर पुलिस उप अधीक्षक राम कल्याण मीणा के नेतृत्व में मौजूद रहे. जिन्होंने सभी रास्तों को पूरी तरह से सील कर दिया. किसी भी व्यक्ति को इधर आने नहीं दिया गया. इस दौरान रामपुरा कोतवाली सीआई हंसराज मीणा और मकबरा सीआई रंजीत सिंह के साथ आरएसी और पुलिस लाइन का भी जाता बड़ी संख्या में मौजूद था.
4 मंजिला ऊंचे मकान तोड़े, 5000 स्क्वायर फीट में कार्रवाई
नगर विकास न्यास ने कार्रवाई के लिए दो पोकलैंड मशीनें भी लगाई थी. इसके अलावा मलबा को हटाने के लिए कई जेसीबी और डंपर लगाए गए थे. सुबह 8 बजे से तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई. जिसमें चार मंजिला मकान तक तोड़े गए हैं. इनमें 5 मकानों को तोड़ा गया है, जो कि करीब 5000 स्क्वायर फीट से ज्यादा के हैं. साथ ही एक मकान में तो एक साथ ही 25 के आस-पास दुकानें हैं और वह काफी बड़ा है. उसको तोड़ने में ही यूआईटी के अमले को घंटों लग गए.
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पहले से ही खाली करवा लिए गए थे मकान
यूआईटी के अधिकारियों ने पहले ही इन मकान मालिकों को डीएलसी दर और मकान के निर्माण के अनुसार मुआवजा देकर अधिग्रहित किया था. ऐसे में इन में जो दुकानें संचालित होती थी, उन्हें भी खाली करवा लिया गया था. कुछ दुकानों में आज भी सामान था. जिनको सुबह जल्दी ही यूआईटी के हमले ने पहुंचकर खाली करवाया और पूरे मकान को पूरी तरह से खाली होने पर ही कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. हालांकि यहां पर किसी भी तरह का कोई विरोध लोगों ने नहीं किया. क्योंकि मुआवजा देने के साथ ही यूआईटी ने एक्ट के अनुसार ही इन्हें अधिग्रहित किया है.