कोटा. नगर विकास न्यास की बजाज खाना से सब्जी मंडी टेंपो स्टैंड तक 40 फीट चौड़ी नई सड़क के निर्माण के लिए रविवार को फिर अधिग्रहित मकानों को गिराने की कार्रवाई की गई है. यूआईटी का पूरा अमला सुबह 7 बजे से चार खंबा अग्रसेन बाजार पहुंच गया, जहां पर पहले बिजली की सप्लाई को कटवाया गया. साथ ही यहां से गुजर रही बिजली के केबलों को भी कटवाया गया है.
इसके बाद ही यूआईटी की जेसीबी और बुलडोजर ने कार्रवाई करते हुए 3600 स्क्वायर फीट के दो अधिग्रहित मकानों को जमींदोज करना शुरू किया. लगातार कार्रवाई जारी है. इसके अलावा अग्रसेन बाजार स्थित नगर विकास न्यास की एक पार्किंग को भी तोड़ा गया है, जिससे रास्ता चौड़ा किया जा सके. इसके अलावा इन मकानों के मलबे को त्वरित गति से हटाने के लिए भी अलग से मशीनरी लगाई गई है. ट्रैक्टर ट्रॉली के जरिए इन्हें दूसरी जगह भेजा जा रहा है.
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इसके कार्रवाई के दौरान आस-पास के मकानों से लोगों को हटा दिया गया है और रास्तों को भी पूरी तरह से ब्लॉक किया गया है, जिससे कोई भी व्यक्ति अगर वहां से निकले तो मलबे के चलते उसे परेशानी नहीं हो या कोई हादसा नहीं हो. रविवार को जिन दो मकानों को तोड़ा गया है, वो चार खंबा से अग्रसेन बाजार के बीच के हैं. करीब 1 महीने पहले ही इस पूरे सड़क मार्ग के लिए अधिग्रहित 8 मकानों को तोड़ा गया था, जो कि टेंपो स्टैंड से पीपली चौक तक थे. अभी पीपली चौक से चार खंबा तक के अधिकृत मकानों को तोड़ने की कार्रवाई नहीं हुई है.
यूआईटी के हमले का कहना है कि यह कार्रवाई बाद में अमल में लाई जाएगी. कार्रवाई के दौरान युवती के उपसचिव मोहनलाल प्रतिहार, तहसीलदार राम कल्याण यादवेंद्र, कैलाश मीणा और सीआई आशीष भार्गव सहित पूरा अमला मौके पर मौजूद हैं. साथ ही स्थानीय नागरिक कोई विरोध नहीं कर दें, इसको देखते हुए भी भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया है.
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बता दें कि यूआईटी ने सब्जी मंडी टेंपो स्टैंड से चार खंबा बजाज खाने तक नए सड़क मार्ग का निर्माण पर स्वीकृति की गई है. यह करीब 1 किलोमीटर लंबा रास्ता होगा, जो 40 फीट चौड़ा भी होगा. इनके लिए यूआईटी एक्ट के तहत निजी परिसरों की भूमि अवाप्ति करने पर सहमति यूआईटी के बैठक में ली गई थी. इसके बाद मकानों को अधिग्रहित किया गया है और उन्हें दूसरी जगह पर भूखंड व राशि भी दी जा रही है. यूआईटी का दस्ता मकानों को अधिग्रहित करने के बाद अलग-अलग हिस्सों में सड़क मार्ग को चौड़ा करने के लिए अधिग्रहित मकानों को तोड़ा जा रहा है.