कोटा. कोविड-19 की पहली लहर के दौरान लगाए गए लॉकडाउन से ही कोटा के शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्रीमथुराधीश प्रभु के मंदिर के पट बंद हैं. केवल दर्शनार्थियों को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं है. मंदिर में पुजारी सेवा पूजा पूरी तरह से कर रहे हैं.
हाल ही में मन्दिर के दर्शन 15 सितंबर से खोलने पर सहमति बनी थी. ऐसे में मंदिर में कोविड गाइडलाइन की अनुपालना व अन्य प्रक्रियाओं को लेकर श्रीबड़े मथुरेशजी टेंपल बोर्ड जुटा हुआ है. प्रथम पीठाधीश्वर श्रीविट्ठलनाथ महाराज व युवराज गोस्वामी मिलन कुमार बावा ने बताया कि शुरुआत में सायं 5 बजे संध्या भोग आरती के दर्शन कराए जाएंगे. जिसमें केवल 100 लोग ही प्रभु के दर्शन कर सकेंगे.
प्रबंधक चेतन सेठ ने बताया कि श्रीविट्ठलनाथ महाराज की आज्ञानुसार 15 सितंबर से एक समय के दर्शन प्रारंभ कर दिए जाएंगे. दर्शनों की समस्त व्यवस्था वर्तमान परिस्थिति के अनुसार ही होगी. जिसमें कोविड गाइडलाइन की अनुपालना भी सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने बताया कि दर्शनों के लिए प्रवेशपत्र सोमवार से मिलना प्रारंभ होंगे. दर्शनार्थ प्रवेश पत्र कैथुनीपोल थाना से प्रातः 8 बजे से प्राप्त होंगे. प्रवेश पत्र प्राप्ति के लिए आधार कार्ड व दोनों वैक्सीन का प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा.
जो प्रवेश पत्र प्राप्त कर लेंगे, उन्हें दर्शनों के दौरान सभी सुरक्षा नियमों का पालन करना जरूरी होगा. सभी भक्त मास्क व आवश्यक दूरी के नियम का अनुपालन करते हुए दर्शन करेंगे. एक दिन में केवल 100 दर्शनार्थियों को ही संध्या आरती के दर्शन का लाभ मिलेगा. वहीं एक बार दर्शन कर लेने के बाद सप्ताह भर बाद ही दूसरी बार दर्शन हो सकेंगे. इसके साथ ही मंदिर परिसर में कई तरह की व्यवस्थाएं बदल दी गई हैं. बैरिकेडिंग भी अंदर तक की गई है. ताकि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भक्तों से करवाई जा सके. टेंपल बोर्ड की तरफ से लगाए गए सुरक्षाकर्मी और भगवान की सेवा में लगे पुजारी भी इन सब पर पूरी नजर रखेंगे.
बता दें कि श्रीमथुराधीश प्रभु के मंदिर पर कोरोना के कारण 19 मार्च 2020 से सभी दर्शन बंद कर दिए गए थे. जिसके बाद पिछले दिनों 28 अगस्त को प्रथम प्रथम पीठाधीश्वर श्री विट्ठलनाथ महाराज की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में दर्शन खोलने का निर्णय किया गया था. प्रथम पीठ युवराज गोस्वामी मिलन कुमार बावा ने बताया कि पुष्टिमार्ग में प्रभु के सामने कैमरा ले जाने की परंपरा नहीं है, इसीलिए ऑनलाइन या वर्चुअल किसी भी प्रकार के अन्य दर्शन नहीं कराए जा सकते हैं. प्रभु के सभी दर्शन खोलने को लेकर परिस्थितियों का आंकलन करके ही निर्णय किया जाएगा.