कोटा. कॉलेज में होने वाली पॉलिटिक्स को राजनीति की पहली सीढ़ी माना जाता है. ऐसे में कॉलेजों से निकलकर पहले भी कई नेता देश की राजनीति के अहम पदों पर पहुंचते रहे हैं. नगर निगम चुनाव में भी 3 पार्षद ऐसे हैं, जो कि छात्रसंघ अध्यक्ष कोटा के गवर्नमेंट कॉलेज से निकले हैं.
इनमें कांग्रेस पार्टी से जीते अनुराग गौतम और शिवांगिनी सोनी हैं. तीनों ही हालांकि कोटा दक्षिण नगर निगम से जीत कर आए हैं. इनमें से लेखराज योगी तो निर्दलीय होने के चलते जहां पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच में 36-36 पर टाई हो रहा है उसमें अहम किरदार बन गए हैं.
कॉमर्स कॉलेज से शुरू की थी अनुराग ने राजनीति
वार्ड नंबर 27 से कांग्रेस के पार्षद बने अनुराग गौतम में छात्र राजनीति में 2010 में ही कदम रख दिया था. एनएसयूआई के टिकट पर 2012 में कॉमर्स कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष भी रहे. इसके बाद 2015 में एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष रहे, उनका कार्यकाल 2017 तक चला. अनुराग गौतम ने सक्रिय राजनीति में कदम रख लिया और 2019 में कोटा दक्षिण के ब्लॉक बी के अध्यक्ष बन गए. कांग्रेस के टिकट पर ही इस बार उन्होंने वार्ड नंबर 27 से जीत दर्ज की है.
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संयुक्त मोर्चा से छात्रसंघ अध्यक्ष, निर्दलीय पार्षद बने
इधर, लेखराज योगी भी राजकीय कला महाविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष रहे हैं. महज कुछ वोटों से ही उन्होंने एबीवीपी के योगेश दाधीच को हराया था. योगी उस समय संयुक्त मोर्चा के कैंडिडेट के रूप में मैदान में थे. इसके बाद उन्होंने इस बार कांग्रेस पार्टी से टिकट मांगा था, लेकिन पार्षद का टिकट उन्हें नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने अपने वार्ड नंबर 44 से ही निर्दलीय नामांकन भर दिया और जीत दर्ज की है.
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जेडीबी गर्ल्स कॉलेज में रही अध्यक्ष, पार्षद बनी
जेडीबी कॉमर्स कॉलेज से 2017 में शिवांगिनी सोनी ने निर्दलीय ही छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था, जिसमें भी उन्होंने अच्छे मार्जिन से जीत दर्ज की थी. एबीवीपी के प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहा था. जबकि मुकाबला दो निर्दलीयों में ही हुआ. अब 2020 में उन्होंने अपने छावनी इलाके के वार्ड 58 से ही कांग्रेस से टिकट मांगा और उन्होंने जीत भी दर्ज की है.