कोटा. नवजात शिशुओं की मौत के मामले में कोटा का जेके लोन अस्पताल काफी बदनाम हुआ. इसके बाद राज्य सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर नए उपकरण, एनआईसीयू, पीआईसीयू और अन्य कई सुविधाएं विकसित. चिकित्सक, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ भी बढ़ाया गया. इससे बच्चों की अधिक केयर होने लगी है और मौत के आंकड़े लगातार गिर रहे हैं.
शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अमृता मयंगर का कहना है कि मौतों का यह आंकड़ा जनरल वार्ड के साथ नियोनेटल और पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट में भी कम हुआ है. वर्ष 2014 में बच्चों की मौत का प्रतिशत 7.62 था, यह कम-ज्यादा होता रहा. 2019 में यह 5.61 पर पहुंच गया था, लेकिन 2020 में वापस 6.87 हो गया. जेके लोन अस्पताल पूरे देश भर में सुर्खियां बन गया था, लेकिन अब यहां मौतों का आंकड़ा काफी नीचे गिर गया है. इस साल 15 अगस्त तक जेके लोन अस्पताल में शिशु मृत्युदर (infant mortality rate) 4.08 प्रतिशत दर्ज की गई है.
एनआईसीयू की बात की जाए तो वर्ष 2020 में 28 फ़ीसदी मई महीने में भर्ती बच्चों की मौत हुई थी. जबकि यह आंकड़ा इस साल 11 फ़ीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ा है. साथ ही सबसे कम अगस्त महीने में 4.89 फ़ीसदी रहा है. वहीं पीआईसीयू की बात की जाए तो अप्रैल 2020 में 23 फ़ीसदी यह आंकड़ा था, जो कि इस साल अगस्त में गिरकर 6 फ़ीसदी रह गया है.
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आधा रह गया एनआईसीयू में मौत का आंकड़ा
डॉ. अमृता मयंगर बताती है कि बीते साल जहां पर एनआईसीयू में मौत का आंकड़ा 17.63 फीसदी था. जहां 3783 नवजात एडमिट हुए थे. इनमें से 667 की मौत हो गई थी. जबकि यह आंकड़ा इस बार कम हो गया है. यहां 15 अगस्त तक 3044 नवजात को भर्ती एनआईसीयू जेकेलोन में किया गया है. इनमें से 258 बच्चों की मौत हुई है, यानी कि मौत का आंकड़ा 8.47 फीसद ही रहा है. यह पिछले साल के आंकड़े से आधा हो गया है. साथ ही मरीजों की भर्ती भी इस बार जेकेलोन अस्पताल में एनआईसीयू में बढ़ी है.
पीआईसीयू में 3.3 फ़ीसदी मौत का आंकड़ा गिरा
पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) के आंकड़े की बात की जाए तो वर्ष 2020 में जहां 13. 64 फीसदी बच्चों की मौत उपचार के दौरान हुई थी. इस पूरे साल में 1971 बच्चों को पीआईसीयू में भर्ती किया गया. इनमें से 269 बच्चों की उपचार के दौरान मौत हुई है. जबकि 2021 में 15 अगस्त तक 1391 बच्चे भर्ती हुए हैं. इनमें से 144 बच्चों की मौत हुई है. जो भर्ती बच्चों में डेथ रेशियो 10.35 फ़ीसदी है. यह पिछली बार से 3.3 फीसदी कम है.
करोड़ों के उपकरण, डॉक्टर की उपलब्धता, नर्सिंग केयर पर ध्यान
जेकेलोन अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ जीके शर्मा का कहना है कि नवजात शिशुओं के हमारे यहां जो सुविधाएं थी, उनमें आमूलचूल परिवर्तन किया गया है. हर बच्चे को यहां वार्मर की उपलब्धता हो रही है. इन्फ्यूजन पंप भी मिल रहे हैं, वेंटिलेटर, सी पेप, एबीजी मशीन बेडसाइड एक्स-रे और सोनोग्राफी मशीन भी बच्चों के लिए उपलब्ध है. बच्चों की नर्सिंग केयर और चिकित्सकों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है.
इंफेक्शनलैस एनआईसीयू, परिजनों की एंट्री बैन
डॉ. जीके शर्मा का कहना है कि राज्य सरकार ने करीब तीन करोड़ से ज्यादा लागत का एक एनआईसीयू जेके लोन अस्पताल में तैयार करवाया है, जो कि अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा है. यह इंफेक्शन फ्री एनआईसीयू है. जहां पर परिजनों की एंट्री भी पूरी तरह से बंद कर दी गई है. साथ ही इस पूरे एनआईसीयू में ड्रेस कोड लागू है. चिकित्सक से लेकर वहां काम करने वाला नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ भी बिना यूनिफार्म के अंदर प्रवेश नहीं करता है.
एनआईसीयू के आंकड़ों की तुलना
माह | भर्ती | मौत | प्रतिशत (2020) | भर्ती | मौत | प्रतिशत (2021) |
जनवरी | 291 | 27 | 9.27 | 417 | 33 | 7.9 |
फरवरी | 268 | 40 | 14.92 | 395 | 42 | 10.63 |
मार्च | 272 | 42 | 15.44 | 409 | 36 | 8.8 |
अप्रैल | 262 | 49 | 18.7 | 423 | 40 | 9.45 |
मई | 208 | 59 | 28.36 | 322 | 31 | 9.62 |
जून | 225 | 50 | 22.22 | 372 | 30 | 8.06 |
जुलाई | 336 | 51 | 15.17 | 461 | 34 | 7.37 |
अगस्त | 344 | 79 | 22.96 | 245 | 12 | 4.89 |
पीआईसीयू के आंकड़ों की तुलना
माह | भर्ती | मौत | प्रतिशत (2020) | भर्ती | मौत | प्रतिशत (2021) |
जनवरी | 202 | 22 | 10.89 | 141 | 23 | 16.31 |
फरवरी | 226 | 21 | 11.06 | 151 | 19 | 12.58 |
मार्च | 196 | 20 | 10.02 | 246 | 15 | 6.09 |
अप्रैल | 141 | 30 | 21.17 | 163 | 21 | 12.88 |
मई | 129 | 29 | 22.48 | 135 | 17 | 12.59 |
जून | 123 | 19 | 15.44 | 161 | 21 | 13.04 |
जुलाई | 177 | 25 | 14.10 | 187 | 16 | 8.55 |
अगस्त | 161 | 16 | 9.93 | 207 | 12 | 5.79 |
शिशु मृत्यु दर की गत वर्षों की तुलना (आंकड़े 15 अगस्त तक के)
वर्ष | अस्पताल में भर्ती शिशु | शिशुओं की मौत | प्रतिशत |
2014 | 15719 | 1198 | 7.62 |
2015 | 17569 | 1260 | 7.17 |
2016 | 17892 | 1193 | 6.60 |
2017 | 17216 | 1027 | 5.96 |
2018 | 16436 | 1005 | 6.11 |
2019 | 17137 | 963 | 5.61 |
2020 | 13960 | 960 | 6.87 |
2021 | 9842 | 402 | 4.08 |