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कोटा में बनने वाले ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की जमीन के लिए राज्य सरकार ने दी सहमति

कोटा में बनने वाले ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की जमीन के लिए राज्य सरकार ने सहमति दे दी है. इसके अंतर्गत 1250 एकड़ भूमि को यथाशीघ्र निशुल्क आवंटन के लिए सहमति जताई है.

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ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की जमीन के लिए सहमति
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Published : Jul 14, 2021, 6:52 PM IST

Updated : Jul 14, 2021, 7:40 PM IST

कोटा. नए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की राह अब आसान हो गई है. राज्य सरकार ने आज एक आदेश जारी करते हुए निशुल्क जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को देने के लिए सहमति जता दी है. यह आदेश नागरिक उड्डयन विभाग के संयुक्त शासन सचिव राजीव जैन ने कोटा जिला कलेक्टर को भेजा है. इसके अंदर 1250 एकड़ भूमि को यथाशीघ्र निशुल्क आवंटन के लिए सहमति जताई है.

इस निर्णय के पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बात भी की थी. इसके कुछ देर बाद ही एयरपोर्ट के लिए निशुल्क भूमि आवंटन का पत्र राज्य सरकार की तरफ से जिला कलेक्टर उज्ज्वल राठौड़ को दिया गया है.

पढ़ें: जयपुर एयरपोर्ट के निजीकरण में होगी देरी, अडानी ग्रुप ने मांगा 6 महीने का समय

लंबे समय से एयरपोर्ट की शंभूपुरा में जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने चिन्हित कर रखी थी. लेकिन वर्तमान एरोड्रम के पास स्थित जमीन को लेकर पेच फंसा हुआ था, जिसमें कि राज्य सरकार चाहती थी कि पहले उस जमीन का अधिकार एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के लिए करें कि वह राज्य सरकार को सौंपेगी या नहीं.

इस निर्णय के पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बात की थी. इसके कुछ देर बाद ही निशुल्क भूमि एयरपोर्ट के लिए आवंटन का पत्र राज्य सरकार की तरफ से जिला कलेक्टर उज्ज्वल राठौड़ को भेजा गया है. एयरपोर्ट की शंभूपुरा में जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने काफी पहले चिन्हित कर ली थी, लेकिन वर्तमान एरोड्रम के पास स्थित एयरपोर्ट की जमीन को लेकर पेच फंसा हुआ था.

पढ़ें: Rajasthan: सऊदी अरब में बंधक दो भारतीयों की वतन वापसी, बच्चों से मिलकर हुए भावुक

राज्य सरकार चाहती थी कि पहले उस जमीन का अधिकार एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के लिए किया जाए. इसके बाद नए एयरपोर्ट को लेकर दिल्ली में चल रही प्रक्रिया पूरी तरह से ठप हो गई थी. अब दोबारा राज्य सरकार की तरफ से पत्र जारी होने के बाद सिविल एविएशन मिनिस्ट्री तुरंत इस पर निर्णय करते हुए कोटा एयरपोर्ट के लिए टेंडर निकाल सकती है. साथ ही जो जमीन राज्य सरकार ने एयरपोर्ट के लिए निशुल्क आवंटन का फैसला लिया है वह करीब 1000 करोड़ रुपए की है.

पढ़ें: RPF के जवान ने यात्री को मौत के मुंह से निकाला, देखें वीडियो...

बीते 2 सालों से कोटा में एयरपोर्ट के लिए कश्मकश का दौर जारी है. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला दिल्ली से सिविल एविएशन मिनिस्ट्री और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों से लगातार कोटा में एयरपोर्ट के लिए बात कर रहे थे. 2019 में टीम यहां पर आकर देख कर भी गई थी और सर्वे किया गया था. इसमें शंभूपुरा के नजदीक जमीन चिन्हित कर ली गई थी, लेकिन पुराने एयरपोर्ट की जमीन को यूआईटी को हस्तांतरित करने की बात आ गई थी. इसके बाद ही राज्य सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के बीच पत्र व्यवहार का दौर जारी था.

दूसरी तरफ नए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को ही लोक सभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की थी, जिसमें कोटा एयरपोर्ट के लिए बात भी हुई थी. सिंधिया ने सहमति जताई थी कि वह एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों के साथ इस विषय में बैठक लेंगे. साथ ही कोटा में आधुनिक सुविधा युक्त एयरपोर्ट बनाने के लिए सहमति जता दी थी.

कोटा. नए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की राह अब आसान हो गई है. राज्य सरकार ने आज एक आदेश जारी करते हुए निशुल्क जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को देने के लिए सहमति जता दी है. यह आदेश नागरिक उड्डयन विभाग के संयुक्त शासन सचिव राजीव जैन ने कोटा जिला कलेक्टर को भेजा है. इसके अंदर 1250 एकड़ भूमि को यथाशीघ्र निशुल्क आवंटन के लिए सहमति जताई है.

इस निर्णय के पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बात भी की थी. इसके कुछ देर बाद ही एयरपोर्ट के लिए निशुल्क भूमि आवंटन का पत्र राज्य सरकार की तरफ से जिला कलेक्टर उज्ज्वल राठौड़ को दिया गया है.

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लंबे समय से एयरपोर्ट की शंभूपुरा में जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने चिन्हित कर रखी थी. लेकिन वर्तमान एरोड्रम के पास स्थित जमीन को लेकर पेच फंसा हुआ था, जिसमें कि राज्य सरकार चाहती थी कि पहले उस जमीन का अधिकार एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के लिए करें कि वह राज्य सरकार को सौंपेगी या नहीं.

इस निर्णय के पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बात की थी. इसके कुछ देर बाद ही निशुल्क भूमि एयरपोर्ट के लिए आवंटन का पत्र राज्य सरकार की तरफ से जिला कलेक्टर उज्ज्वल राठौड़ को भेजा गया है. एयरपोर्ट की शंभूपुरा में जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने काफी पहले चिन्हित कर ली थी, लेकिन वर्तमान एरोड्रम के पास स्थित एयरपोर्ट की जमीन को लेकर पेच फंसा हुआ था.

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राज्य सरकार चाहती थी कि पहले उस जमीन का अधिकार एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के लिए किया जाए. इसके बाद नए एयरपोर्ट को लेकर दिल्ली में चल रही प्रक्रिया पूरी तरह से ठप हो गई थी. अब दोबारा राज्य सरकार की तरफ से पत्र जारी होने के बाद सिविल एविएशन मिनिस्ट्री तुरंत इस पर निर्णय करते हुए कोटा एयरपोर्ट के लिए टेंडर निकाल सकती है. साथ ही जो जमीन राज्य सरकार ने एयरपोर्ट के लिए निशुल्क आवंटन का फैसला लिया है वह करीब 1000 करोड़ रुपए की है.

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बीते 2 सालों से कोटा में एयरपोर्ट के लिए कश्मकश का दौर जारी है. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला दिल्ली से सिविल एविएशन मिनिस्ट्री और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों से लगातार कोटा में एयरपोर्ट के लिए बात कर रहे थे. 2019 में टीम यहां पर आकर देख कर भी गई थी और सर्वे किया गया था. इसमें शंभूपुरा के नजदीक जमीन चिन्हित कर ली गई थी, लेकिन पुराने एयरपोर्ट की जमीन को यूआईटी को हस्तांतरित करने की बात आ गई थी. इसके बाद ही राज्य सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के बीच पत्र व्यवहार का दौर जारी था.

दूसरी तरफ नए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को ही लोक सभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की थी, जिसमें कोटा एयरपोर्ट के लिए बात भी हुई थी. सिंधिया ने सहमति जताई थी कि वह एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों के साथ इस विषय में बैठक लेंगे. साथ ही कोटा में आधुनिक सुविधा युक्त एयरपोर्ट बनाने के लिए सहमति जता दी थी.

Last Updated : Jul 14, 2021, 7:40 PM IST
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