कोटा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में पढ़ रहे एमबीबीएस स्टूडेंट्स (Supreme Court order) को भी राहत मिली है. उन्हें अब पीजी प्रवेश के लिए एम्स जैसे संस्थानों में भी आरक्षण मिलेगा यानी कि इंस्टीट्यूशनल प्रेफरेंस का फायदा उन्हें दिया जाएगा. इसके लिए 200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम को इंप्लीमेंट किया जा रहा है. आईएनआईसीईटी जुलाई सेशन की काउंसलिंग भी इसी रोस्टर सिस्टम के तहत आयोजित की जाएगी. इसके तहत रोस्टर सिस्टम से निकाली गई सीटों पर एम्स अंडर ग्रेजुएट कैंडिडेट को 21 से 22 फीसदी सीटों पर प्रवेश मिलेगा.
कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट परिजात मिश्रा ने बताया कि यह फायदा 2016 से पहले खोले गए एम्स में दिया गया है. फिलहाल इन एम्स में एमबीबीएस का फाइनल बैच निकल चुका है. ऐसे में इनमें एम्स दिल्ली, भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर व ऋषिकेष शामिल हैं. वहां पर एमबीबीएस की 677 सीट व पीजी की सीट 576 हैं.
राजस्थान या किसी भी अन्य प्रदेश से एमबीबीएस कर रहे स्टूडेंट को पीजी करने के लिए 50 फीसदी स्टेट कोटा मिल रहा था. लेकिन ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में ऐसा नहीं था. ऐसे में एम्स दिल्ली, जोधपुर, भोपाल, पटना, रायपुर व ऋषिकेश से एमबीबीएस का पहला बैच निकल चुका है. उन स्टूडेंट्स को पीजी एडमिशन के लिए परेशान होना पड़ रहा था. जिसके बाद उन्होंने न्यायालय की शरण ली. सुप्रीम कोर्ट ने इन छात्रों को राहत देते हुए फैसला सुनाया है. यह मामला 2021 से न्यायालय में था, जिस पर न्यायालय के फैसले के बाद एम्स में इसे लागू कर दिया है.