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कोटा से 58 बसों में महाराष्ट्र के 1204 छात्र अपने गृह जिलों को हुए रवाना - Children leave for Maharashtra from Kota

कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले महाराष्ट्र के बच्चे गुरुवार को अपने घरों को वापस लौटे. इनके लिए महाराष्ट्र सरकार ने 71 बसों को भेजा था, लेकिन 58 बसों में महज 1204 स्टूडेंट को बैठाकर अलग-अलग जोन के लिए रवाना किया गया है.

कोटा से महाराष्ट्र के लिए छात्र रवाना, Students leave for Maharashtra from Kota
कोटा से महाराष्ट्र के लिए छात्र रवाना
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Published : Apr 30, 2020, 9:14 PM IST

कोटा. जिले से स्टूडेंट वापसी का क्रम यूपी सरकार ने 17 अप्रैल को शुरू किया था, जो आज 14 दिन बाद भी लगातार जारी है. कोटा से अब तक 15 स्टेट और यूनियन टेरिटरी के बच्चे अपने घरों को लौट चुके हैं. जिसमें महाराष्ट्र के बच्चे गुरुवार को अपने घरों को वापस लौटे हैं. इनके लिए महाराष्ट्र सरकार ने 71 बसों को भेजा था लेकिन 58 बसों में महज 1204 स्टूडेंट को बैठाकर अलग-अलग जोन के लिए रवाना किया गया है.

कोटा से 58 बसों में महाराष्ट्र के लिए छात्र रवाना

इन बसों में सवार हुए स्टूडेंट्स का कहना है कि वे कोटा में फंसे हुए थे. कुछ बच्चों ने कहा कि वह असहज यहां पर नहीं थे, लेकिन अब जब बस से आ गई है, तो हम अपने घरों को लौट जाएंगे तो ठीक रहेगा. हालांकि कुछ स्टूडेंट ने कोटा में फंसे होने की जानकारी देते हुए कहा कि मैस का खाना बंद हो गया था.

पढ़ें- बाड़मेर में गुटखा और तंबाकू बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई

साथ ही छोटी छोटी चीजों के लिए भी घर से बाहर निकलना पड़ रहा था. किसी भी क्षण हम संक्रमण की चपेट में आ सकते थे. क्योंकि हमारी सभी सुविधाएं हमें हॉस्टल की जगह बाहर मिल रही थी. अपने बच्चों के साथ महाराष्ट्र के अमरावती के लिए जाने वाली एक महिला ने कहा कि वह बीते 1 महीने से पास के लिए कलेक्ट्रेट के कई चक्कर लगा चुकी है, लेकिन उन्हें जाने की अनुमति नहीं मिली. साथ ही किराया भी काफी ज्यादा लग रहा था. ऐसे में अब सरकार ने बसे भेज दी है, तो राहत उन्हें मिलेगी.

6 जोन के अनुसार बांट कर भेजा

बसों को 6 जोन के अनुसार बांटकर भेजा गया है. जिसमें मुंबई जॉन की बसों में पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और ठाणे के बच्चों को भेजा है. वहीं पुणे की बसें में कोल्हापुर, सांगली, सातारा और सोलापुर जिलों के बच्चों को भेजा गया है. इसी तरह से नासिक की बसों में अहमदनगर, धुले, जलगांव और नंदुरबार जिले वासियों की वापसी हुई है.

पढ़ें- परकोटे के भाजपा नेता मिले कलेक्टर से, जरूरतमंदों को राशन किट उपलब्ध कराने की उठाई मांग

वहीं, औरंगाबाद की बसों में बीड़, जलाना, लातूर, नांदेड, उस्मानाबाद, परभणी व हिंगोली, नागपुर की बसों में भंडारा, चंद्रपुर, नागपुर, वर्धा गोंदिया व गढ़चिरौली के लोगों की वापसी की गई. साथ ही अमरावती की बसों में अकोला, बुलढाणा, यवतमाल व वाशिम के बच्चे वापस गए हैं.

दिल्ली सरकार भी करेगी बच्चों को रेस्क्यू

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट के जरिए जानकारी दी है कि कोटा में फंसे हुए दिल्ली के बच्चों को भी जल्द निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए हम प्लानिंग बना रहे हैं कि किस तरह से कोटा में फंसे हुए दिल्ली के बच्चों को वापस लाया जा सके.

कोटा. जिले से स्टूडेंट वापसी का क्रम यूपी सरकार ने 17 अप्रैल को शुरू किया था, जो आज 14 दिन बाद भी लगातार जारी है. कोटा से अब तक 15 स्टेट और यूनियन टेरिटरी के बच्चे अपने घरों को लौट चुके हैं. जिसमें महाराष्ट्र के बच्चे गुरुवार को अपने घरों को वापस लौटे हैं. इनके लिए महाराष्ट्र सरकार ने 71 बसों को भेजा था लेकिन 58 बसों में महज 1204 स्टूडेंट को बैठाकर अलग-अलग जोन के लिए रवाना किया गया है.

कोटा से 58 बसों में महाराष्ट्र के लिए छात्र रवाना

इन बसों में सवार हुए स्टूडेंट्स का कहना है कि वे कोटा में फंसे हुए थे. कुछ बच्चों ने कहा कि वह असहज यहां पर नहीं थे, लेकिन अब जब बस से आ गई है, तो हम अपने घरों को लौट जाएंगे तो ठीक रहेगा. हालांकि कुछ स्टूडेंट ने कोटा में फंसे होने की जानकारी देते हुए कहा कि मैस का खाना बंद हो गया था.

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साथ ही छोटी छोटी चीजों के लिए भी घर से बाहर निकलना पड़ रहा था. किसी भी क्षण हम संक्रमण की चपेट में आ सकते थे. क्योंकि हमारी सभी सुविधाएं हमें हॉस्टल की जगह बाहर मिल रही थी. अपने बच्चों के साथ महाराष्ट्र के अमरावती के लिए जाने वाली एक महिला ने कहा कि वह बीते 1 महीने से पास के लिए कलेक्ट्रेट के कई चक्कर लगा चुकी है, लेकिन उन्हें जाने की अनुमति नहीं मिली. साथ ही किराया भी काफी ज्यादा लग रहा था. ऐसे में अब सरकार ने बसे भेज दी है, तो राहत उन्हें मिलेगी.

6 जोन के अनुसार बांट कर भेजा

बसों को 6 जोन के अनुसार बांटकर भेजा गया है. जिसमें मुंबई जॉन की बसों में पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और ठाणे के बच्चों को भेजा है. वहीं पुणे की बसें में कोल्हापुर, सांगली, सातारा और सोलापुर जिलों के बच्चों को भेजा गया है. इसी तरह से नासिक की बसों में अहमदनगर, धुले, जलगांव और नंदुरबार जिले वासियों की वापसी हुई है.

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वहीं, औरंगाबाद की बसों में बीड़, जलाना, लातूर, नांदेड, उस्मानाबाद, परभणी व हिंगोली, नागपुर की बसों में भंडारा, चंद्रपुर, नागपुर, वर्धा गोंदिया व गढ़चिरौली के लोगों की वापसी की गई. साथ ही अमरावती की बसों में अकोला, बुलढाणा, यवतमाल व वाशिम के बच्चे वापस गए हैं.

दिल्ली सरकार भी करेगी बच्चों को रेस्क्यू

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट के जरिए जानकारी दी है कि कोटा में फंसे हुए दिल्ली के बच्चों को भी जल्द निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए हम प्लानिंग बना रहे हैं कि किस तरह से कोटा में फंसे हुए दिल्ली के बच्चों को वापस लाया जा सके.

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