कोटा. शहर को आवारा पशुओं से फ्री बनाने के लिए प्रदेश सरकार की देवनारायण योजना के तहत यूआईटी ने शहर भर में घूम रहे आवारा और बेसराहा पशुओं की धरपकड़ शुरू की है. इसके लिए पहले पशुपालकों को समझाया.
इसी के चलते यूआईटी के अतिक्रमण निरोधक दस्ते ने रेलवे कॉलोनी, रंग तालाब, पुरोहितजी की टापरी और खेड़ली फाटक में देवनारायण योजना में अपना भूखंड आरक्षित कराने के लिए आवेदन करने के लिए पशुपालकों को समझाइश की. साथ ही इलाको में आवारा घूम रहे मवेशियों को नगर निगम की कैटल वाहन के द्वारा किशोरपुरा स्तिथ गोशाला में भिजवाया.
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यूआईटी थाना के थानाधिकारी आशीष भार्गव ने बताया कि राज्य सरकार की देवनारायण योजना के लिए शहर भर में जमा पशु पालकों को शिफ्ट करने के लिए आवेदन करने के लिए समझाइस की जा रही है. उन्होंने बताया कि शहर की सड़कों से आवारा मवेशियों के जमावड़े के कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं. इसको देखते हुए खेड़ली फाटक इलाके से करीब 22 पशुओं को पकड़ा. जिसमे 12 भैंसे और दस गाय हैं. इनको नगर निगम की कैटल वाहन से कायन हाउस पहुंचाया गया.
उन्होंने कहा कि यह अभियान लगातार चलेगा. जिससे शहर को कैटल फ्री बनाया जा सके और आवारा जानवरों से होने वाले हादसों पर अंकुश लगाया जा सके.