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कोटा : श्रीजी अस्पताल रेमडेसीविर मामले में राज्य मानव अधिकार आयोग ने मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट

कोटा के श्रीजी अस्पताल में कोविड-19 के मरीज को रेमडेसीविर की जगह पानी का इंजेक्शन लगाने के आरोपों के कोटा के एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने राज्य मानव अधिकार आयोग को शिकायत की थी. इसके बाद आयोग ने मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.

Kota Shreeji Hospital Case State Human Rights Commission
राज्य मानव अधिकार आयोग ने मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट
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Published : May 24, 2021, 9:55 PM IST

कोटा. राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस जीके व्यास ने कोटा के जिला कलेक्टर, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया है कि 4 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें. इस प्रकरण की अगली सुनवाई 22 जून को नियत की गई है.

राज्य मानव अधिकार आयोग ने मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट

कोटा-झालावाड़ रोड स्थित कोटा हार्ट इंस्टिट्यूट के श्रीजी अस्पताल पर इलाज के दौरान रेमडेसीविर की जगह पानी का इंजेक्शन लगाने के आरोप लगे थे. जिसमें 1 महिला माया की मौत हो गई थी. दूसरा मरीज रतनलाल अभी भी आईसीयू में भर्ती है. आरोप है कि नर्सिंग कर्मी ने इंजेक्शन चुराकर कालाबाजारी की थी. पुलिस के डिकॉय ऑपरेशन में इस मामले में गिरफ्तारी भी हुई थी.

इस मामले में कोटा के एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने राज्य मानव अधिकार आयोग को शिकायत की थी. इस पर राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस जीके व्यास ने कोटा के जिला कलेक्टर, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट मांगी है.

पढ़ें- तीसरी लहर में महफूज रहेंगे बच्चे- रणदीप गुलेरिया

याचिकाकर्ता एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने बताया कि उन्होंने राज्य मानव अधिकार आयोग को शिकायत में लिखा था कि इस मामले में अलग-अलग जांच तो की जा रही है, लेकिन जीवन रक्षक इंजेक्शन रेमडेसीविर को अलॉट करने, स्टॉक रखने, आईसीयू में सीसीटीवी कैमरा लगाने, इंजेक्शन का रिकॉर्ड, खाली शीशी संधारित करने, और डॉक्टर की उपस्थिति में इंजेक्शन लगाने की गाइडलाइन की पालना नहीं हुई.

इस मामले में दो थानों में अलग-अलग मुकदमे भी दर्ज हुए हैं. जिसमें एक मुकदमा अस्पताल के प्रबंधन पर दर्ज किया गया है. जो कि गैर इरादतन हत्या का है. लेकिन इसकी जो जांच काफी धीमी गति से चल रही है. समय इस पर संज्ञान लेकर निष्पक्ष जांच निगरानी में हो.

कोटा. राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस जीके व्यास ने कोटा के जिला कलेक्टर, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया है कि 4 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें. इस प्रकरण की अगली सुनवाई 22 जून को नियत की गई है.

राज्य मानव अधिकार आयोग ने मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट

कोटा-झालावाड़ रोड स्थित कोटा हार्ट इंस्टिट्यूट के श्रीजी अस्पताल पर इलाज के दौरान रेमडेसीविर की जगह पानी का इंजेक्शन लगाने के आरोप लगे थे. जिसमें 1 महिला माया की मौत हो गई थी. दूसरा मरीज रतनलाल अभी भी आईसीयू में भर्ती है. आरोप है कि नर्सिंग कर्मी ने इंजेक्शन चुराकर कालाबाजारी की थी. पुलिस के डिकॉय ऑपरेशन में इस मामले में गिरफ्तारी भी हुई थी.

इस मामले में कोटा के एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने राज्य मानव अधिकार आयोग को शिकायत की थी. इस पर राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस जीके व्यास ने कोटा के जिला कलेक्टर, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट मांगी है.

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याचिकाकर्ता एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने बताया कि उन्होंने राज्य मानव अधिकार आयोग को शिकायत में लिखा था कि इस मामले में अलग-अलग जांच तो की जा रही है, लेकिन जीवन रक्षक इंजेक्शन रेमडेसीविर को अलॉट करने, स्टॉक रखने, आईसीयू में सीसीटीवी कैमरा लगाने, इंजेक्शन का रिकॉर्ड, खाली शीशी संधारित करने, और डॉक्टर की उपस्थिति में इंजेक्शन लगाने की गाइडलाइन की पालना नहीं हुई.

इस मामले में दो थानों में अलग-अलग मुकदमे भी दर्ज हुए हैं. जिसमें एक मुकदमा अस्पताल के प्रबंधन पर दर्ज किया गया है. जो कि गैर इरादतन हत्या का है. लेकिन इसकी जो जांच काफी धीमी गति से चल रही है. समय इस पर संज्ञान लेकर निष्पक्ष जांच निगरानी में हो.

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