कोटा. जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में कमेटियों की जांच जारी है. सोमवार को राज्य मानव अधिकार आयोग की टीम भी अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंची. टीम में आयोग के सचिव बीएल मीणा और रजिस्ट्रार ओपी पुरोहित शामिल रहे. टीम ने नियो नेटल इंसेंटिव केयर यूनिट, एफबीएनसी, पीआईसीयू और सामान्य वार्ड का भी निरीक्षण किया. साथ ही पूरे मामले में बारीकी से जांच की है. टीम ने बच्चों की मौत के मामले में डेथ रिव्यू मांगा है. जिसके लिए मेडिकल बोर्ड बना कर हर पहलू को जोड़ने के लिए निर्देश दिए हैं.
यह भी पढ़ें: कोटा: जेके लोन अस्पताल प्रशासन की टूटी नींद, वार्डों की साफ-सफाई में जुटे सफाईकर्मी
टीम के सदस्यों ने कहा है कि वह हर बच्चे की मेडिकल बोर्ड से मौत के कारणों की पुष्टि करवा रहे हैं. टीम ने जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक कक्ष में अधिकारियों से बैठक की और जांच के संबंध में दिशा-निर्देश भी दिए हैं. इस दौरान टीम के साथ जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन, एसडीएम दीपक मित्तल, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना, जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा, सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
मीडिया से बातचीत में टीम ने कहा कि अभी पूरा मामला प्रक्रियाधीन है. हमारी जांच चल रही है. वार्ड से लेकर एनआईसीयू तक देख लिए हैं और भी व्यवस्थाएं देखेंगे. इसकी पूरी रिपोर्ट अस्पताल प्रबंधन से मांग रहे हैं. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बच्चों की मौत के मामले में कोई शिकायत हमारे पास नहीं है. मेडिकल स्टाफ की लापरवाही के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि ये जांच का मुद्दा है. जांच करके ही हम पूरी रिपोर्ट बनाएंगे. उसमें सामने आएगा कि किसकी गलती है. मरीज के परिजनों से भी बात की है और अन्य के साथ भी बातचीत करेंगे.
यह भी पढ़ें: जेके लोन अस्पताल में क्यों हो रही बच्चों की मौत? दिल्ली और जोधपुर एम्स की टीम तैयार करेगी रिपोर्ट
10 दिसंबर से अब तक 19 बच्चों की मौत
जेके लोन अस्पताल में 10 दिसंबर को 1 दिन में ही 12 बच्चों से मौत हुई थी. इसके बाद मामला का खुलासा हुआ और लगातार बच्चों की मौत का क्रम जारी है. बीते 10 दिसंबर से अब तक 19 बच्चों की मौत जेके लोन अस्पताल में हो चुकी है. साथ ही पूरे दिसंबर महीने में 40 बच्चों की मौत हो चुकी है. पूरे साल में 927 बच्चों की मौत अब तक की हुई है.