कोटा. 'द कश्मीर फाइल्स' पर बढ़ते विवाद के बीच कोटा जिला प्रशासन ने स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें साफ तौर पर बताया गया है कि फिल्म के प्रदर्शन पर किसी तरह की कोई रोक नहीं है. शहर एसपी केसर सिंह शेखावत ने साफ कहा है कि (The Kashmir Files Movie Screening in Kota) इस आदेश को गलत प्रचारित किया गया है. उनका कहना है कि आदेश में कहीं भी नहीं लिखा है कि फिल्म पर रोक लगी है. पुलिस फिल्म देखने जाने वाले लोगों को रोक भी नहीं रही है. लोग स्वतंत्र होकर फिल्म देख सकते हैं.
जिले में द कश्मीर फाइल्स मूवी और आगामी त्योहारों को देखते हुए जिला प्रशासन ने धारा 144 इजाद की थी. यह 22 मार्च से अगले एक माह तक प्रभावी रहेगी. इस आदेश में कहीं भी नहीं लिखा था कि फिल्म पर रोक है. लेकिन पूरे देश में फिल्म पर रोक की बात कही गई. भाजपा नेताओं के साथ-साथ फिल्म निर्माता और कई लोगों ने भी ट्वीट की और कोटा में 'द कश्मीर फाइल्स' की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने की बात कही.
इस पर कोटा जिला प्रशासन ने मंगलवार को एक स्पष्टीकरण भी जारी कर दिया. जिसमें साफ तौर पर कहा है कि फिल्म के प्रदर्शन पर किसी तरह की कोई रोक नहीं है. कोटा शहर एसपी केसर सिंह शेखावत ने साफ कहा है कि इस आदेश को गलत प्रचारित किया गया है. उनका कहना है कि (sp kesar singh shekhawat on section 144) आदेश में कहीं भी नहीं लिखा है कि फिल्म पर रोक लगी है. पुलिस फिल्म देखने जाने वाले लोगों को रोक भी नहीं रही है. लोग स्वतंत्र होकर फिल्म देख सकते हैं.
मीडिया ने उनसे पूछा कि धारा 144 कोटा जिले में लगाई गई, जबकि देशभर में ही फिल्म की स्क्रीनिंग हो रही है. इस पर एसपी शेखावत ने कहा कि फिल्म में जो दृश्य दिखाएं गए हैं, इससे फिल्म के दौरान और बाद में भी नारे लगते रहे हैं. इसी पर एहतियातन बरतते हुए हमने यह धारा 144 लगाई है. इसमें चंबल की वितरिका में हो रहे हादसों को रोकने का भी कारण है. इसके अलावा आने वाले त्योहारों को देखते हुए भी शांति-व्यवस्था बनाए रखने का कारण भी है.
आदेश को समझने में लोगों ने गलती की : जिले के एडीएम प्रशासन राजकुमार सिंह ने कहा कि धारा 144 को लेकर जो आदेश निकाला गया था. उसको समझने में ही लोगों ने गलती की है. सभी जगह पर एक ही बात कही गई कि फिल्म को बैन कर दिया गया है और उसको प्रदर्शन नहीं किया जाएगा. जबकि ऐसा नहीं है. धारा 144 में फिल्म के सिनेमाघरों में प्रदर्शनों में किसी तरह के रूप कोई रोक नहीं है.
इसके अलावा धार्मिक आयोजनों पर भी किसी तरह की कोई रोक नहीं है. इन सभी लोगों को अगर जुलूस निकालना है, तो उसके लिए अनुमति लेनी होगी. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया है कि केवल धरने, प्रदर्शन और जुलूस पर रोक है. अन्य धार्मिक कार्यक्रम पहले की तरह आयोजित किए जाएंगे.
कांग्रेस की प्रदेश सचिव ने निष्क्रिय करने की मांग उठाई : दूसरी तरफ कांग्रेस की प्रदेश सचिव राखी गौतम ने भी कोटा में त्योहारों के अवसर पर लगाई गई धारा 144 का विरोध किया है. राखी गौतम ने इसके लिए सीएमओ में भी बात की है. गौतम का कहना है कि इस आदेश में आने वाले त्योहारी सीजन के कारण तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न नहीं होने को दर्शाया गया है. जबकि वर्तमान स्थिति में यह विरोधाभास का कारण बन रहा है. इस निर्णय पर कांग्रेस पार्टी की छवि खराब हो रही है. ऐसे में लगाई गई धारा 144 को तुरंत प्रभाव से निष्क्रिय करने के आदेश दें.
संशोधित आदेश जारी हुआ तो BJYM ने की आतिशबाजी, पूनिया ने किया कटाक्ष : द कश्मीर फाइल्स फिल्म का हवाला देकर कोटा में आगामी धार्मिक त्योहारों को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा लगाई गई धारा 144 के मामले में चौतरफा विरोध के बाद सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा. जिला प्रशासन ने संशोधित आदेश निकाला, जिस पर भाजयुमो ने जयपुर में आतिशबाजी की तो वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने इसे सरकार का यू-टर्न बताते हुए तीखा कटाक्ष किया.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट करते हुए कहा कि फिर झुकी सरकार. जब वापस लेना ही था तो फिर आदेश जारी किया ही क्यों. पूनिया ने लिखा, यदि हिम्मत है तो जारी रखते धारा 144. पर ऐसा लगता है कि इन कर्मों से साल 2023 में धारा 144 कांग्रेस पर ही लगेगी. भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने भी इस मामले में सरकार पर कटाक्ष किया.