कोटा. पंचायती राज चुनाव (Panchayati Raj Election 2021 in Kota) में कोटा के दो बीजेपी विधायक अपने बेटों के राजनीतिक करियर की शुरुआत करना चाहते हैं. ऐसे में शहर में होने वाले जिला परिषद के चुनाव में दोनों विधायकों ने अपने पुत्रों का एक ही वार्ड से नामांकन दाखिल करवाया है. वहीं कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने अपने बेटे को पंचायत समिति चुनाव लड़ाने से इनकार कर दिया है.
पंचायती राज चुनाव के लिए नामांकन दाखिल का आज अंतिम दिन है. ऐसे में सैकड़ों की संख्या में कोटा की पांचों पंचायत समिति और जिला परिषद के लिए आवेदन किए गए हैं. इनमें कांग्रेस भाजपा के साथ-साथ निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी नामांकन दाखिल किए हैं. सबसे रोचक मुकाबला जिला परिषद के वार्ड नंबर एक में देखने को मिलेगा.
वार्ड नंबर एक से भाजपा के दो विधायकों के बेटों ने नामांकन दाखिल किया है. वार्ड नंबर 1 से रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर (MLA Madan Dilawar son filed nomination) के बेटे पवन दिलावर ने नामांकन दाखिल किया है. वहीं केशोरायपाटन से भाजपा विधायक चंद्रकांता मेघवाल के बेटे (MLA Chandrakanta Meghwal son filed nomination) हनी वर्मा ने भी वार्ड नंबर 1 से नामांकन दाखिल किया है.
दूसरी तरफ सांगोद से विधायक भरत सिंह ने अपने ही बेटे को चुनाव लड़ाने से इनकार कर दिया है. उनके बेटे को भी पंचायत समिति सदस्य के लिए कांग्रेस के लोग टिकट मांग रहे थे, लेकिन जिन लोगों को टिकट मिला है, उनमें भरत सिंह के बेटे गंगा सिंह शामिल नहीं हैं. जबकि कांग्रेस पार्टी ने विधायकों को ही अपने-अपने इलाकों में टिकट बांटने के लिए सिंबल जारी किए थे.
टिकट की चाबी तीसरे विधायक के पाले में
दो विधायकों को पुत्रों ने नामांकन दाखिल कर दिया है. इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए दोनों ने कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं. जिसे भी पार्टी टिकट देगी उसी का समर्थन किया जाएगा. दोनों ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में ही नामांकन भरा है. ऐसे में अगर पार्टी सिंबल नहीं देती है, तो स्वतः ही उनका नामांकन रद्द हो जाएगा. हालांकि विधायक मदन दिलावर और चंद्रकांता मेघवाल का यह विधानसभा क्षेत्र नहीं है. लाडपुरा क्षेत्र से कल्पना देवी विधायक हैं. जो की बीजेपी से ही हैं. पंचायत चुनावों में बीजेपी विधायकों की सहमति से ही टिकट का वितरण कर रही है. ऐसे में अब दोनों विधायकों के पुत्रों की चाबी कल्पना देवी के हाथ में है.
मेरे बेटे के चुनाव लड़ने की बात ही दुर्भाग्यपूर्ण अध्याय: भरत सिंह
विधायक भरत सिंह ने कहा कि मैं मेरे बेटे को चुनाव लड़वाने की बात को ही एक दुर्भाग्यपूर्ण अध्याय मानता हूं. मैंने कभी इसको लेकर जिक्र नहीं किया, न ही कभी मेरे बेटे ने चुनाव लड़ने की बात कही.