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रूद्राक्ष हत्याकांड के आरोपी अनूप पाडिया को एक मामले में 5 साल की सजा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनाए गए आदेश

जिला सत्र न्यायालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पहली बार कोटा में सजा सुनाई है. यह सजा बहुचर्चित रुद्राक्ष हत्याकांड के मामले में अजमेर जेल में बंद अनूप पाडिया को सुनाई गई है. इस मामले में अनूप पाडिया मोबाइल टावर लोन देने के नाम पर एक व्यक्ति से धोखाधड़ी की थी.

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनाई सजा
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Published : Feb 11, 2020, 10:11 AM IST

Updated : Feb 11, 2020, 1:34 PM IST

कोटा. जिले में वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए पहली बार आरोपी को सजा सुनाई गई है. यह सजा जिला और सेशन न्यायालय ने धोखाधड़ी के मामले में सुनाई है. आरोपी अजमेर जेल में बंद है. ऐसे में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही आरोपी को 5 साल की सजा दी गई है. इस मामले में आरोपी अनूप पाडिया पहले से ही बहुचर्चित रुद्राक्ष हत्याकांड के मामले में सजा भुगत रहा है.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनाई सजा

जानकारी के अनुसार बजाजखाना निवासी नारायणलाल शर्मा ने 16 मई 2007 को भीमगंजमंडी थाने में शिकायत दी थी कि अनूप पाडिया ने मोबाइल कंपनी का टावर लगवाने और लोन दिलवाने के नाम पर उससे साढ़े तीन लाख ले लिए. इसके एवज में चार लाख 27 हजार के तीन बैंकों के चेक दे दिए, तीनो चेक डिसऑनर हो गए. पुलिस ने आरोपी को 8 जून 2007 को गिरफ्तार कर चालान पेश किया था. न्यायालय किराया अधिकरण ने धोखाधड़ी में 5 साल और अन्य धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई थी.

पढ़ेंः Special: इस संभाग में 29 फीसदी बिजली पर लगता है 'चूना', यह शहर बिजली चोरी में अव्वल

इस मामले में आरोपी की तरफ से जिला और सत्र न्यायालय में अपील दायर की गई थी. इस अपील पर वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अजमेर जेल से आरोपी अनूप पाडिया की सुनवाई की गई. न्यायालय ने अनूप की 5 साल की सजा को बरकरार रखा है. अन्य धाराओं में उसे बरी कर दिया है. कोटा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में निर्णय सुनाए जाने का यह पहला मामला है.

कोटा. जिले में वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए पहली बार आरोपी को सजा सुनाई गई है. यह सजा जिला और सेशन न्यायालय ने धोखाधड़ी के मामले में सुनाई है. आरोपी अजमेर जेल में बंद है. ऐसे में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही आरोपी को 5 साल की सजा दी गई है. इस मामले में आरोपी अनूप पाडिया पहले से ही बहुचर्चित रुद्राक्ष हत्याकांड के मामले में सजा भुगत रहा है.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनाई सजा

जानकारी के अनुसार बजाजखाना निवासी नारायणलाल शर्मा ने 16 मई 2007 को भीमगंजमंडी थाने में शिकायत दी थी कि अनूप पाडिया ने मोबाइल कंपनी का टावर लगवाने और लोन दिलवाने के नाम पर उससे साढ़े तीन लाख ले लिए. इसके एवज में चार लाख 27 हजार के तीन बैंकों के चेक दे दिए, तीनो चेक डिसऑनर हो गए. पुलिस ने आरोपी को 8 जून 2007 को गिरफ्तार कर चालान पेश किया था. न्यायालय किराया अधिकरण ने धोखाधड़ी में 5 साल और अन्य धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई थी.

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इस मामले में आरोपी की तरफ से जिला और सत्र न्यायालय में अपील दायर की गई थी. इस अपील पर वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अजमेर जेल से आरोपी अनूप पाडिया की सुनवाई की गई. न्यायालय ने अनूप की 5 साल की सजा को बरकरार रखा है. अन्य धाराओं में उसे बरी कर दिया है. कोटा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में निर्णय सुनाए जाने का यह पहला मामला है.

Intro:जिला सत्र न्यायालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पहली बार कोटा में सजा सुनाई है. यह सजा बहुचर्चित रुद्राक्ष हत्याकांड के मामले में अजमेर जेल में बंद अनूप पाडिया को सुनाई गई है. इस मामले में अनूप पाडिया मोबाइल टावर लोन देने के नाम पर एक व्यक्ति से धोखाधड़ी की थी.


Body:कोटा.
कोटा में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पहली बार आरोपी को सजा सुनाई गई है. यह सजा जिला एवं सेशन न्यायालय ने धोखाधड़ी के मामले में सुनाई है. आरोपी अजमेर जेल में बंद है ऐसे में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही आरोपी को 5 साल की सजा दी गई है. इस मामले में आरोपी अनूप पाडिया पहले से ही बहुचर्चित रुद्राक्ष हत्याकांड के मामले में सजा भुगत रहा है.
जानकारी के अनुसार बजाजखाना निवासी नारायणलाल शर्मा ने 16 मई 2007 को भीमगंजमंडी थाने में शिकायत दी थी कि अनूप पाडिया ने मोबाइल कंपनी का टावर लगवाने और लोन दिलवाने के नाम पर उससे साढ़े तीन लाख ले लिए इसकी एवज में चार लाख 27 हजार के तीन बैंकों के चेक दे दिए, तीनो चेक डिसऑनर हो गए. पुलिस ने आरोपी को 8 जून 2007 को गिरफ्तार कर चालान पेश किया था. न्यायालय किराया अधिकरण ने धोखाधड़ी में 5 साल और अन्य धाराओं में 7 - 7 साल की सजा सुनाई थी.


Conclusion: इस मामले में आरोपी की तरफ से जिला एवं सत्र न्यायालय में अपील दायर की गई थी, इस अपील पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अजमेर जेल से आरोपी अनूप पाडिया की सुनवाई की गई. न्यायालय ने अनूप की 5 साल की सजा को बरकरार रखा है. अन्य धाराओं में उसे बरी कर दिया है. कोटा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में निर्णय सुनाए जाने का यह पहला मामला है.




बाइट-- राजेश शर्मा, लोक अभियोजक, कोटा
Last Updated : Feb 11, 2020, 1:34 PM IST
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