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गाय के नाम पर 700 करोड़ की टैक्स वसूली तो उनके हमलों में घायल होने वालों को मिले मुआवजा: भरत सिंह - भरत सिंह लेटेस्ट न्यूज

कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर गाय और सांड के हमलों में घायल और मरने वालों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है. भरत सिंह ने कहा कि गाय के नाम पर राज्य सरकार 700 करोड़ रुपये टैक्स वसूलती है. लेकिन उनके हमलों के पीड़ितों को मुआवजा न देना गलत है.

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सांगोद विधायक भरत सिंह
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Published : Jul 14, 2021, 11:05 AM IST

कोटा. सांगोद विधायक भरत सिंह लगातार जनसमस्याओं से जुड़े मुद्दों को उठाते रहते हैं. अपने ही नहीं दूसरे विधानसभा क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को भी वो उठाते हैं. अवैध खनन सहित कई मामलों में वह अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर होकर बोलते आए हैं. भरत सिंह ने अब गाय और सांड के हमलों में घायल और मरने वाले लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग उठाई है.

पढ़ें: गहलोत-पायलट कैंप के बीच खींचतान में उलझे गोविंद डोटासरा का बतौर अध्यक्ष 1 साल पूरा, इन चुनौतियों का नहीं मिला तोड़...

विधायक भरत सिंह ने कहा कि राजस्थान सरकार हर साल 700 करोड़ रुपये गाय के नाम से टैक्स की वसूली करती है. लेकिन गाय और सांडों के हमलों में मरने और घायल होने वाले लोगों को कोई मुआवजा या मदद नहीं दी जाती है. जबकि हिंसक वन्यजीवों के हमले में मृत या घायल व्यक्ति को वन विभाग आर्थिक सहायता उपलब्ध कराता है. वन्यजीवों के नाम पर कोई टैक्स की वसूली भी नहीं की जाती है.

विधायक भरत सिंह का सीएम गहलोत को पत्र

भरत सिंह ने आगे कहा कि आकाशीय बिजली गिरने से सरकार ने तत्काल राहत देते हुए मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की मदद की. वहीं घायलों को भी आपदा प्रबंधन की गाइडलाइन के तहत मदद मिलती है. यहां तक कि दुर्घटना होने पर भी लोगों को मुआवजा दिया जाता है. ऐसे में गाय के नाम से टैक्स वसूली के बाद भी पीड़ितों को मुआवजा ना देना गलत है. यपुर में फॉरेन टूरिस्ट के भी इस तरह से मौत गाय के चलते हो गई थी.

बारां के अंता तहसील के मिर्जापुर गांव के मदन लाल जाटव ने भरत सिंह को आर्थिक सहायता के लिए पत्र लिखा है. पत्र में पीड़ित ने बताया कि 1 जून को वह अपने खेत से काम करके वापस आ रहा था तभी रास्ते में सांड ने उसपर हमला कर दिया. हमले में उसके कूल्हे की हड्डी टूट गई. इलाज में उसके लाखों रुपये खर्च हो गए हैं. उसके आर्थिक हालात ऐसे नहीं हैं कि अब वह अपना इलाज आगे करवा सके. ऐसे में उसे सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता दिलाई जाए.

विधायक भरत सिंह ने इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भी लिखा है. उन्होंने कहा कि अंता विधानसभा से गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया विधायक हैं, उनकी विधानसभा क्षेत्र का आदमी मुझसे मदद मांग रहा है, यह शर्मनाक है.

भरत सिंह ने बताया कि हर साल सड़कों पर घूम रही गायों और सांडों के हमले में कई लोग घायल हो जाते हैं और कई लोगों की मौत हो जाती है. कोटा में 12 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. उन्हें फूटी कौड़ी भी सरकार ने नहीं दी है. यहां तक कि सहानुभूति प्रकट नहीं की. जयपुर में विदेशी पर्यटक की भी गाय के हमले में मौत हो गई थी.

सांगोद विधायक ने इस संबंध में पहले भी विधानसभा में प्रश्न उठाया था. भरत सिंह ने कहा कि हमें गाय की रोटी नहीं खानी चाहिए. गाय के नाम से जो रोटी मिल रही है, उससे ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए जो पीड़ित हैं. सरकार रोजाना 2 करोड़ रुपये का रेवेन्यू गाय के नाम से वसूल कर रही है, जो कि शराब और रजिस्ट्री के जरिये आता है.

कोटा. सांगोद विधायक भरत सिंह लगातार जनसमस्याओं से जुड़े मुद्दों को उठाते रहते हैं. अपने ही नहीं दूसरे विधानसभा क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को भी वो उठाते हैं. अवैध खनन सहित कई मामलों में वह अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर होकर बोलते आए हैं. भरत सिंह ने अब गाय और सांड के हमलों में घायल और मरने वाले लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग उठाई है.

पढ़ें: गहलोत-पायलट कैंप के बीच खींचतान में उलझे गोविंद डोटासरा का बतौर अध्यक्ष 1 साल पूरा, इन चुनौतियों का नहीं मिला तोड़...

विधायक भरत सिंह ने कहा कि राजस्थान सरकार हर साल 700 करोड़ रुपये गाय के नाम से टैक्स की वसूली करती है. लेकिन गाय और सांडों के हमलों में मरने और घायल होने वाले लोगों को कोई मुआवजा या मदद नहीं दी जाती है. जबकि हिंसक वन्यजीवों के हमले में मृत या घायल व्यक्ति को वन विभाग आर्थिक सहायता उपलब्ध कराता है. वन्यजीवों के नाम पर कोई टैक्स की वसूली भी नहीं की जाती है.

विधायक भरत सिंह का सीएम गहलोत को पत्र

भरत सिंह ने आगे कहा कि आकाशीय बिजली गिरने से सरकार ने तत्काल राहत देते हुए मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की मदद की. वहीं घायलों को भी आपदा प्रबंधन की गाइडलाइन के तहत मदद मिलती है. यहां तक कि दुर्घटना होने पर भी लोगों को मुआवजा दिया जाता है. ऐसे में गाय के नाम से टैक्स वसूली के बाद भी पीड़ितों को मुआवजा ना देना गलत है. यपुर में फॉरेन टूरिस्ट के भी इस तरह से मौत गाय के चलते हो गई थी.

बारां के अंता तहसील के मिर्जापुर गांव के मदन लाल जाटव ने भरत सिंह को आर्थिक सहायता के लिए पत्र लिखा है. पत्र में पीड़ित ने बताया कि 1 जून को वह अपने खेत से काम करके वापस आ रहा था तभी रास्ते में सांड ने उसपर हमला कर दिया. हमले में उसके कूल्हे की हड्डी टूट गई. इलाज में उसके लाखों रुपये खर्च हो गए हैं. उसके आर्थिक हालात ऐसे नहीं हैं कि अब वह अपना इलाज आगे करवा सके. ऐसे में उसे सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता दिलाई जाए.

विधायक भरत सिंह ने इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भी लिखा है. उन्होंने कहा कि अंता विधानसभा से गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया विधायक हैं, उनकी विधानसभा क्षेत्र का आदमी मुझसे मदद मांग रहा है, यह शर्मनाक है.

भरत सिंह ने बताया कि हर साल सड़कों पर घूम रही गायों और सांडों के हमले में कई लोग घायल हो जाते हैं और कई लोगों की मौत हो जाती है. कोटा में 12 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. उन्हें फूटी कौड़ी भी सरकार ने नहीं दी है. यहां तक कि सहानुभूति प्रकट नहीं की. जयपुर में विदेशी पर्यटक की भी गाय के हमले में मौत हो गई थी.

सांगोद विधायक ने इस संबंध में पहले भी विधानसभा में प्रश्न उठाया था. भरत सिंह ने कहा कि हमें गाय की रोटी नहीं खानी चाहिए. गाय के नाम से जो रोटी मिल रही है, उससे ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए जो पीड़ित हैं. सरकार रोजाना 2 करोड़ रुपये का रेवेन्यू गाय के नाम से वसूल कर रही है, जो कि शराब और रजिस्ट्री के जरिये आता है.

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