कोटा. रामगंजमंडी और मोडक स्टेशन के बीच चलती हुई ट्रेन में आग लगने का मामला सामने आया है. हालांकि समय रहते आग का पता चल गया. इससे ट्रेन को स्टेशन पर रोका गया और आग पर काबू पाया गया. अगर समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जाता तो ट्रेन द बर्निंग ट्रेन बन जाती और इसमें सवार हजारों यात्रियों की जान खतरे में आ जाती. ट्रेन में जब आग लगी है तो उसकी लपटें देख यात्रियों की जान सांसत में आ गई थी.
पढ़ें: सलमान खान की याचिका पर सुनवाई से इनकार
जानकारी के अनुसार ट्रेन नंबर 08243 बिलासपुर भगत की कोठी एक्सप्रेस ट्रेन रामगंजमंडी स्टेशन से निकली थी कि उसके सैकेंड एसी के कोच के ब्रेक जाम हो गए. जिसके कारण लगातार पटरी से उनका घर्षण होता रहा और आग लग गई. आग धीरे-धीरे बढ़ती गई. आग कोच के निचले हिस्से तक पहुंच गई. हालांकि तेज धुंआ बढ़ने से यात्रियों की जान सांसत में आ गई और इसकी सूचना रेलवे स्टाफ को दी गई. जिसके बाद रेलवे कार्मिकों ने ड्राइवर तक बात पहुंचाई और अगले स्टेशन मोडक पर स्टॉपेज नहीं होने पर भी ट्रेन को रुकवाया गया.
साथ ही अग्निशमन और फायर फाइटिंग के जो सिस्टम मोडक स्टेशन पर मौजूद थे, उनकी मदद से आग को बुझाया गया. बाद में जाम हुए ब्रेक पर भी काफी पानी डाला. जिससे वह ठंडे हो कर छूट गए. इसके बाद ब्रेक सामान्य होने पर ट्रेन को कोटा के लिए रवाना कर दिया गया. कोटा पहुंचने के बाद रेलवे के इंजीनियरिंग विंग और कोच रिपेयरिंग से जुड़े लोगों ने उसकी जांच की और ट्रेन को आगे जाने के लिए फिट माना. जिसके बाद उसे आगे भेज दिया गया.
अगर इस घटना का समय रहते पता नहीं चलता तो, आग बढ़कर कोच के अंदर तक आ सकती थी और इससे पूरी ट्रेन में आग लग सकती थी. इससे ट्रेन में सवार हजारों यात्रियों की जान जा सकती थी. इस संबंध में रेलवे ने भी एक इंक्वायरी शुरू कर दी है. हालांकि इस दौरान करीब 40 मिनट तक ट्रेन मॉडल स्टेशन पर खड़ी रही. इसके बाद कोटा स्टेशन पर भी अतिरिक्त समय रोककर उसकी जांच की गई.