कोटा. नाबालिग से दुष्कर्म के 3 साल पुराने मामले में आज न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए एक आरोपी को 20 साल की सजा से दंडित किया है. इसके साथ ही 10 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है. आरोपी ने 13 वर्षीय बालिका से जबरन दुष्कर्म किया था. कोविड-19 को देखते हुए अभियुक्त को केंद्रीय कारागृह में ही रखा गया था और वर्चुअली फैसला सुनाया गया. अभियुक्त के अधिवक्ता भी वर्चुअली ही इस मामले में जुड़े थे.
विशिष्ट लोक अभियोजक प्रेम नारायण नामदेव ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा (Minor rape case Kota) इलाके की एक बालिका अपनी बुआ के घर मोड़क थाना इलाके में आई थी. उसकी बुआ मजदूरी के लिए कहीं बाहर दूसरे जिले में गई हुई थी. यहां पर बालिका अपनी फूफा के साथ ही रह रही थी. इसी दौरान 25 मई, 2019 को अपनी बुआ के घर से थोड़ी दूरी पर शौच के लिए गई थी. वहां 26 वर्षीय दिनेश भील ने उसका साथ दुष्कर्म किया.
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आरोपी जिस समय दुष्कर्म कर रहा था, बालिका की बुआ की देवरानी ने इस घटना को होते हुए देख लिया था. इसी दौरान दिनेश मौके से फरार हो गया. देवरानी से इस मामले की जानकारी मिलने के बाद बालिका की बुआ भी 2 से 3 दिन बाद कोटा पहुंची और इस मामले में मोडक थाने में प्रकरण दर्ज करवाया.
रिपोर्ट पर आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. साथ ही इस मामले में पॉक्सो क्रम संख्या एक न्यायालय में चालान पेश किया. इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से 26 गवाह पेश किए गए. गवाहों और फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर न्यायाधीश अशोक चौधरी ने आज फैसला सुनाया.