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कोचिंग संस्थानों के लिए राज्य सरकार ने जारी की एसओपी, बाहर से आने वाले छात्रों को करवाना होगा कोविड टेस्ट - कोटा में कोचिंग खुली

कोटा में संचालित 3000 से ज्यादा हॉस्टल और करीब 2000 मैस के लिए राज्य सरकार की ओर से एसओपी जारी की गई है. कोचिंग खोलने के लिए राज्य सरकार ने जारी की एसओपी के अनुसार कंटेनमेंट जोन के बाहर ही कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई हो सकेगी.

Advisory for coaching, SOP continues to open coaching
कोचिंग संस्थानों के लिए राज्य सरकार ने जारी की एसओपी
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Published : Jan 6, 2021, 10:44 PM IST

कोटा. प्रदेश सरकार ने 18 जनवरी से स्कूल और कॉलेज खोलने की अनुमति जारी कर दी है. इसके साथ ही कोचिंग संस्थानों में भी बच्चे पढ़ाई कर सकेंगे. कोटा शिक्षा नगरी है, यहां पर देश भर से इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए लाखों बच्चे आते हैं. ऐसे में यहां के कोचिंग संस्थान भी अब 18 जनवरी से बच्चों को कोचिंग दे सकेंगे. इसके लिए राज्य सरकार ने मानक संचालन प्रक्रिया जारी कर दी है. जिसके तहत ही कोचिंग संस्थान अपने यहां पर बच्चों को पढ़ा सकेंगे.

कोचिंग संस्थानों के लिए राज्य सरकार ने जारी की एसओपी

इसके अलावा कोटा में संचालित 3000 से ज्यादा हॉस्टल और करीब 2000 मैस के लिए भी एसओपी जारी की गई है. कोचिंग खोलने के लिए राज्य सरकार ने जारी की एसओपी के अनुसार कंटेनमेंट जोन के बाहर ही कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई हो सकेगी. यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों की अभिभावकों से कोचिंग संस्थान को पहले अनुमति लेनी होगी. उनकी सहमति के बाद ही विद्यार्थी को कोचिंग में पढ़ाया जा सकेगा. साथ ही ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग को भी प्रेफरेंस देते हुए कोचिंग संस्थानों को विद्यार्थियों को प्रोत्साहित भी करना होगा.

कोचिंग संस्थानों में प्रवेश लेने वाले हर विद्यार्थी की जानकारी जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी कोचिंग संस्थानों की होगी. साथ ही प्रदेश से बाहर आने वाले विद्यार्थियों को 24 घंटे के भीतर ही आरटीपीसीआर टेस्ट करवाना होगा. इसके साथ ही जिला कलेक्टर के निर्देश पर एक अधिकारी को नोडल के रूप में बनाया जाएगा, जो पूरी व्यवस्था पर निगरानी बनाए रखेंगे.

परिसरों में रखनी होगी पूरी सावधानी

कोचिंग संस्थानों को पूरी तरह से सैनिटाइज करवाना होगा. इसके साथ ही परिसर में जगह-जगह हाथ धोने के लिए व्यवस्था करनी होगी. थर्मल स्कैनिंग व सैनिटाइजेशन की भी पूरी व्यवस्था करनी होगी. क्लास रूम में स्टूडेंट के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए 6 फीट दूर बैठना होगा. कोचिंग संस्थानों के पूरे परिसर में जगह जगह पर कोविड-19 से बचाव की एडवाइजरी चप्पा करनी होगी. एक बैच से दूसरे बैच के बीच कम से कम 30 मिनट का अंतर रखना होगा. परिसर के बाहर अनावश्यक रूप से स्टाफ, छात्रों और अभिभावकों की भीड़ एकत्रित नहीं होगी. सभी कोचिंग संस्थानों को 'नो मास्क नो एंट्री' का नियम अपनाना होगा.

पढ़ें- शर्तों के साथ 18 जनवरी से खुलेंगे स्कूल-कॉलेज और कोचिंग, नियमों का पालन नहीं करने पर होगी दंडनीय कार्रवाई

हर हॉस्टल में बनानी होगी आइसोलेशन की व्यवस्था

जारी की गई एसओपी के तहत सभी हॉस्टल समय कोविड 19 के लक्षण वाले स्टूडेंट को दूसरे विद्यार्थियों से दूर रखना होगा. ऐसे में हॉस्टल के एक फ्लोर पर आइसोलेशन रूम बनाने होंगे. जहां पर अन्य विद्यार्थियों के जाना निषेध रहेगा. इसके साथ ही एक रूम में दो स्वर्ण को रखने की परंपरा खत्म करनी होगी. अगर बड़ा हॉल है, तो उसमें से सेपरेशन करवा कर अलग-अलग स्टूडेंट को रखा जाएगा. हॉस्टल में अनावश्यक रूप से लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाएगी.

मैस में भी रखनी होगी सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी पालना

हर हॉस्टल में मैस की व्यवस्था करनी होगी, ताकि स्टूडेंट को बाहर से खाना नहीं मंगवाना पड़े. साथ ही सभी छात्रों को उनके कमरे में ही भोजन पहुंचाने की व्यवस्था भी हॉस्टल को करनी होगी. मैस की किचन में पूरी साफ सफाई की व्यवस्था रखने की जिम्मेदारी संचालक की होगी. जहां पर बैठकर तुरंत भोजन करते हैं, वहां रोज धुलाई और सैनिटाइजेशन होगा, जो व्यक्ति खाना परोस रहा है या जो खाना बन रहा है. वह पूरा हाइजीनिक तरीके से परोसा हो रखा जाएगा. इसके लिए पूरे बचाव के संसाधन मास्क, ग्लब्स व कैप का उपयोग उन्हें करना होगा.

कोटा. प्रदेश सरकार ने 18 जनवरी से स्कूल और कॉलेज खोलने की अनुमति जारी कर दी है. इसके साथ ही कोचिंग संस्थानों में भी बच्चे पढ़ाई कर सकेंगे. कोटा शिक्षा नगरी है, यहां पर देश भर से इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए लाखों बच्चे आते हैं. ऐसे में यहां के कोचिंग संस्थान भी अब 18 जनवरी से बच्चों को कोचिंग दे सकेंगे. इसके लिए राज्य सरकार ने मानक संचालन प्रक्रिया जारी कर दी है. जिसके तहत ही कोचिंग संस्थान अपने यहां पर बच्चों को पढ़ा सकेंगे.

कोचिंग संस्थानों के लिए राज्य सरकार ने जारी की एसओपी

इसके अलावा कोटा में संचालित 3000 से ज्यादा हॉस्टल और करीब 2000 मैस के लिए भी एसओपी जारी की गई है. कोचिंग खोलने के लिए राज्य सरकार ने जारी की एसओपी के अनुसार कंटेनमेंट जोन के बाहर ही कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई हो सकेगी. यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों की अभिभावकों से कोचिंग संस्थान को पहले अनुमति लेनी होगी. उनकी सहमति के बाद ही विद्यार्थी को कोचिंग में पढ़ाया जा सकेगा. साथ ही ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग को भी प्रेफरेंस देते हुए कोचिंग संस्थानों को विद्यार्थियों को प्रोत्साहित भी करना होगा.

कोचिंग संस्थानों में प्रवेश लेने वाले हर विद्यार्थी की जानकारी जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी कोचिंग संस्थानों की होगी. साथ ही प्रदेश से बाहर आने वाले विद्यार्थियों को 24 घंटे के भीतर ही आरटीपीसीआर टेस्ट करवाना होगा. इसके साथ ही जिला कलेक्टर के निर्देश पर एक अधिकारी को नोडल के रूप में बनाया जाएगा, जो पूरी व्यवस्था पर निगरानी बनाए रखेंगे.

परिसरों में रखनी होगी पूरी सावधानी

कोचिंग संस्थानों को पूरी तरह से सैनिटाइज करवाना होगा. इसके साथ ही परिसर में जगह-जगह हाथ धोने के लिए व्यवस्था करनी होगी. थर्मल स्कैनिंग व सैनिटाइजेशन की भी पूरी व्यवस्था करनी होगी. क्लास रूम में स्टूडेंट के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए 6 फीट दूर बैठना होगा. कोचिंग संस्थानों के पूरे परिसर में जगह जगह पर कोविड-19 से बचाव की एडवाइजरी चप्पा करनी होगी. एक बैच से दूसरे बैच के बीच कम से कम 30 मिनट का अंतर रखना होगा. परिसर के बाहर अनावश्यक रूप से स्टाफ, छात्रों और अभिभावकों की भीड़ एकत्रित नहीं होगी. सभी कोचिंग संस्थानों को 'नो मास्क नो एंट्री' का नियम अपनाना होगा.

पढ़ें- शर्तों के साथ 18 जनवरी से खुलेंगे स्कूल-कॉलेज और कोचिंग, नियमों का पालन नहीं करने पर होगी दंडनीय कार्रवाई

हर हॉस्टल में बनानी होगी आइसोलेशन की व्यवस्था

जारी की गई एसओपी के तहत सभी हॉस्टल समय कोविड 19 के लक्षण वाले स्टूडेंट को दूसरे विद्यार्थियों से दूर रखना होगा. ऐसे में हॉस्टल के एक फ्लोर पर आइसोलेशन रूम बनाने होंगे. जहां पर अन्य विद्यार्थियों के जाना निषेध रहेगा. इसके साथ ही एक रूम में दो स्वर्ण को रखने की परंपरा खत्म करनी होगी. अगर बड़ा हॉल है, तो उसमें से सेपरेशन करवा कर अलग-अलग स्टूडेंट को रखा जाएगा. हॉस्टल में अनावश्यक रूप से लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाएगी.

मैस में भी रखनी होगी सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी पालना

हर हॉस्टल में मैस की व्यवस्था करनी होगी, ताकि स्टूडेंट को बाहर से खाना नहीं मंगवाना पड़े. साथ ही सभी छात्रों को उनके कमरे में ही भोजन पहुंचाने की व्यवस्था भी हॉस्टल को करनी होगी. मैस की किचन में पूरी साफ सफाई की व्यवस्था रखने की जिम्मेदारी संचालक की होगी. जहां पर बैठकर तुरंत भोजन करते हैं, वहां रोज धुलाई और सैनिटाइजेशन होगा, जो व्यक्ति खाना परोस रहा है या जो खाना बन रहा है. वह पूरा हाइजीनिक तरीके से परोसा हो रखा जाएगा. इसके लिए पूरे बचाव के संसाधन मास्क, ग्लब्स व कैप का उपयोग उन्हें करना होगा.

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