कोटा. कोरोना वायरस के खतरे को लेकर रेलवे बोर्ड ने एडवाइजरी जारी करते हुए कई जरूरी कदम उठाए गए हैं. इसके तहत वातानुकूलित शयनयान कोच में यात्रियों को मिलने वाली कंबल की सुविधा हटा ली गई है. अब यात्रियों को अपने घर से ही कंबल लाना पड़ रहा है. हालांकि, अधिकांश यात्री बिना कंबल के ही सफर कर रहे हैं.
बता दें, कि रेलवे बोर्ड ने सभी कोचों में से पर्दे हटाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अधिकांश ट्रेनों में ऐसा संभव नहीं हुआ है. कोटा रेलवे स्टेशन पर दोपहर में पहुंची इंदौर-जोधपुर एक्सप्रेस ट्रेन के एयर कंडीशन कोचों में पर्दे लगे हुए थे. इसके अलावा गोवा संपर्क क्रांति जो कि चंडीगढ़ से मडगांव के बीच चलती है, उसमें भी पर्दे नहीं हटाए गए हैं. जब इस संबंध में ट्रेन के सुपरवाइजर से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि कंबल की सुविधा को तो हटा लिया गया है. संक्रमण का खतरा मरीजों को था, लेकिन पर्दे का आदेश एक दिन पहले ही मिला है. ऐसे में जब ट्रेन अपने अंतिम गंतव्य स्थल पर जाएगी. तब उसके पर्दे को हटाने का कार्य शुरू होगा.
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मॉपिंग और सैनिटाइजिंग का ले रहे सहारा...
एडीआरएम विनीत पांडे का कहना है, कि रेलवे स्टेशन पर रेलिंग के अलावा जहां पर भी यात्रियों के हाथ लगते हैं, वहां पर सैनिटाइजर से लगातार सफाई करवा रहे हैं. साथ ही टिकट विंडो और रिजर्वेशन काउंटर के आसपास भी जाएं तो यात्रियों की संख्या ज्यादा होती है और लंबी कतार में वह लगते हैं, वहां पर मॉपिंग करवाई जा रही है। रेलवे स्टेशन पर 24 घंटे कोरोना को लेकर एडवाइजरी दी जा रही है.
रेलवे अस्पताल में बनाया 12 बेड का आइसोलेशन...
कोटा मंडल के एडीआरएम विनीत पांडेय ने बताया, कि रेलवे बोर्ड से आदेश मिले थे कि जितने भी अस्पताल संचालित हो रहे हैं, उनमें 10 फीसदी क्षमता का आइसोलेशन वार्ड बनाया जाए. इसको लेकर हमने कोटा मंडल रेलवे अस्पताल में 12 बेड का आइसोलेशन वार्ड बना दिया है. साथ ही अस्पताल में आने वाले मरीजों की कोरोना को लेकर स्क्रीनिंग का कार्य भी जारी है.