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गड़बड़झाला: कोरोना मरीजों से अब ऐसे वसूली कर रहे निजी अस्पताल, इजाद किया दूसरा तरीका - disobeying gehlot rules of corona test

राज्य सरकार ने कोविड-19 की जांच के लिए 800 रुपए चार्ज फिक्स कर दिया है. यह भी निर्देश दिया कि कोविड जांच के लिए इससे अधिक रुपये लेने पर अस्पताल या जांच केंद्रों पर कार्रवाई की जाएगी. लेकिन कोटा के कुछ निजी अस्पतालों में कोविड जांच के नाम पर आरटीपीसीआर की जगह दूसरी जांचें कर लोगों से धनराशि वसूल रहे हैं. इस संबंध में ईटीवी भारत की टीम ने खुद जाकर वास्तविकता जानने का प्रयास किया.

निजी अस्पताल कर रहे वसूली, disobeying gehlot rules of corona test
कोरोना जांच के नाम पर वसूली
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Published : Dec 6, 2020, 11:01 PM IST

कोटा. कोरोना महामारी से पूरा देश त्रस्त है लेकिन संक्रमण के इस दौर में लाभ उठाने वाले भी कम नहीं हैं. देश भर में निजी अस्पतालों की लगातार शिकायतें आ रही थीं. इसके बाद राज्य सरकार ने भी निजी चिकित्सालय और प्रयोगशालाओं में कोविड-19 के लिए होने वाली आरटीपीसीआर जांच के दाम तय कर दिए हैं. सख्त निर्देश देते हुए इसके दाम 800 रुपए किए गए हैं. इससे ज्यादा कोई भी अस्पताल या जांच केंद्र लेता है तो कार्रवाई का आदेश भी है.

कोटा के कुछ निजी अस्पतालों ने अपनी सरकार के आदेश को ही धता बताते हुए आरटीपीसीआर की जगह दूसरी जांचों को प्राथमिकता दे दी है. इनमें वह ज्यादा राशि भी वसूल रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम इस संबंध में शनिवार को कोटा के झालावाड़ रोड स्थित कोटा हार्ट अस्पताल में पहुंची. यहां पर जांच के बारे में बात की तो उन्होंने आरटीपीसीआर जांच नहीं होने की बात कही, लेकिन साथ ही कहा कि वे एंटीबॉडी से कोविड-19 की जांच कर लेंगे, इसके लिए 1500 रुपए देने होंगे.

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इसके बाद ईटीवी भारत की टीम दादाबाड़ी स्थित भारत विकास अस्पताल पहुंची. जहां पर भी कोविड-19 हेल्प डेस्क पर जाकर को कोरोना की जांच कराने की बात कही, तो उन्होंने कह दिया कि कोविड-19 प्रोफाइल उनके यहां पर होता है, जिसमें दो-तीन टेस्ट हैं. इस टेस्ट के 3700 रुपए लगेंगे, लेकिन वहां पर बैठे कार्मिक ने कहा कि उन्हें पूरी जानकारी नहीं है. टीम के सदस्य से कहा कि लैब में चले जाएं, वहां पर उन्हें पूरी जानकारी मिलेगी.

जब टीम लैब में पहुंची तो वहां काउंटर पर बैठी महिला कार्मिकों ने कहा कि कोविड-19 का आरटीपीसीआर टेस्ट नहीं करते हैं, लेकिन इसकी जगह पर कोविड-19 प्रोफाइल में तीन-चार जांचे होती हैं जिससे कोविड-19 संक्रमण का पता चल जाता है. इसमें उन्होंने आईएल-6 टेस्ट होने की बात भी कही. इसके लिए उन्होंने 4000 से ज्यादा रुपए की मांग की.

यह भी पढ़ें: अब निकायों के ऊपर जिम्मेदारी, विवाह स्थलों पर कोविड-19 गाइडलाइन की पालना कराने के निर्देश

दूसरी तरफ जब इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कोटा जोन के संयुक्त निदेशक डॉ. सतीश खंडेलवाल से बातचीत की तो उनका कहना है कि राज्य सरकार ने केवल आरटी पीसीआर टेस्ट को ही मान्यता दी हुई है. निजी लैब में आरटी पीसीआर टेस्ट के दाम भी 800 रुपए तय कर दिए हैं. अगर कोई जांच केंद्र दूसरे तरह के जांच करने का दावा करती है, तो वह गलत है. उन्हें अगर इस संबंध में कोई भी शिकायत प्राप्त होगी तो वह आगे इन पर कार्रवाई करेंगे.

कोटा. कोरोना महामारी से पूरा देश त्रस्त है लेकिन संक्रमण के इस दौर में लाभ उठाने वाले भी कम नहीं हैं. देश भर में निजी अस्पतालों की लगातार शिकायतें आ रही थीं. इसके बाद राज्य सरकार ने भी निजी चिकित्सालय और प्रयोगशालाओं में कोविड-19 के लिए होने वाली आरटीपीसीआर जांच के दाम तय कर दिए हैं. सख्त निर्देश देते हुए इसके दाम 800 रुपए किए गए हैं. इससे ज्यादा कोई भी अस्पताल या जांच केंद्र लेता है तो कार्रवाई का आदेश भी है.

कोटा के कुछ निजी अस्पतालों ने अपनी सरकार के आदेश को ही धता बताते हुए आरटीपीसीआर की जगह दूसरी जांचों को प्राथमिकता दे दी है. इनमें वह ज्यादा राशि भी वसूल रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम इस संबंध में शनिवार को कोटा के झालावाड़ रोड स्थित कोटा हार्ट अस्पताल में पहुंची. यहां पर जांच के बारे में बात की तो उन्होंने आरटीपीसीआर जांच नहीं होने की बात कही, लेकिन साथ ही कहा कि वे एंटीबॉडी से कोविड-19 की जांच कर लेंगे, इसके लिए 1500 रुपए देने होंगे.

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इसके बाद ईटीवी भारत की टीम दादाबाड़ी स्थित भारत विकास अस्पताल पहुंची. जहां पर भी कोविड-19 हेल्प डेस्क पर जाकर को कोरोना की जांच कराने की बात कही, तो उन्होंने कह दिया कि कोविड-19 प्रोफाइल उनके यहां पर होता है, जिसमें दो-तीन टेस्ट हैं. इस टेस्ट के 3700 रुपए लगेंगे, लेकिन वहां पर बैठे कार्मिक ने कहा कि उन्हें पूरी जानकारी नहीं है. टीम के सदस्य से कहा कि लैब में चले जाएं, वहां पर उन्हें पूरी जानकारी मिलेगी.

जब टीम लैब में पहुंची तो वहां काउंटर पर बैठी महिला कार्मिकों ने कहा कि कोविड-19 का आरटीपीसीआर टेस्ट नहीं करते हैं, लेकिन इसकी जगह पर कोविड-19 प्रोफाइल में तीन-चार जांचे होती हैं जिससे कोविड-19 संक्रमण का पता चल जाता है. इसमें उन्होंने आईएल-6 टेस्ट होने की बात भी कही. इसके लिए उन्होंने 4000 से ज्यादा रुपए की मांग की.

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दूसरी तरफ जब इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कोटा जोन के संयुक्त निदेशक डॉ. सतीश खंडेलवाल से बातचीत की तो उनका कहना है कि राज्य सरकार ने केवल आरटी पीसीआर टेस्ट को ही मान्यता दी हुई है. निजी लैब में आरटी पीसीआर टेस्ट के दाम भी 800 रुपए तय कर दिए हैं. अगर कोई जांच केंद्र दूसरे तरह के जांच करने का दावा करती है, तो वह गलत है. उन्हें अगर इस संबंध में कोई भी शिकायत प्राप्त होगी तो वह आगे इन पर कार्रवाई करेंगे.

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