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कोटा में प्रिकॉशन डोज में नहीं दिखा रही जनता रूचि, 18 से 59 साल का एक भी व्यक्ति नहीं लगवाने पहुंचा वैक्सीन

कोटा में प्रिकॉशन डोज को लेकर (Precautionary Dose in Kota) लोग रूचि नहीं दिखा रहे हैं. एडवाइजरी जारी करने के बावजूद भी पूरे जिले में 18 से 59 साल के एक भी व्यक्ति ने अब तक प्रिकॉशन डोज नहीं लगवाई है. देखिए ये रिपोर्ट...

Precautionary Dose in Kota
कोटा में प्रिकॉशन डोज में नहीं दिखा रही जनता रुचि
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Published : Apr 14, 2022, 10:36 PM IST

कोटा : केंद्र सरकार ने 18 से 59 साल के लोगों को कोविड-19 से बचाव के लिए प्रिकॉशन डोज लगाने की एडवाइजरी जारी की है. इस डोज को निशुल्क नहीं लगाया जाएगा. ऐसे में जनता भी इसमें रूचि नहीं दिखा रही है. यह अभियान 13 अप्रैल से शुरू हुआ था, लेकिन एक भी निजी अस्पताल में इसके लिए (Corona Situation in Kota) वैक्सीन खरीदने का आदेश नहीं दिया है. यहां तक कि कोटा पूरे जिले में 18 से 59 साल के एक भी व्यक्ति ने प्रिकॉशन डोज नहीं लगवाई है.

वर्तमान में कोविड-19 का ज्यादा खतरा प्रदेश में नहीं नजर आ रहा है. इक्के-दुक्के ही कॉविड-19 के मामले सामने आ रहे हैं. हाल ही में केंद्र सरकार ने 18 से 59 साल के लोगों को कोविड-19 से बचाव के लिए प्रिकॉशन डोज लगाने की एडवाइजरी जारी की है. इस डोज को निशुल्क नहीं लगाया जाएगा. ऐसे में जनता भी इसमें रूचि नहीं दिखा रही है. यह अभियान 13 अप्रैल से शुरू हुआ था, लेकिन एक भी निजी अस्पताल में इसके लिए वैक्सीन खरीदने का आदेश नहीं दिया है.

कोटा सीएमएचओ डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर ने क्या कहा...

यहां तक कि कोटा पूरे जिले में 18 से 59 साल के एक भी व्यक्ति ने प्रिकॉशन डोज नहीं लगवाई है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर के अनुसार केवल फ्रंटलाइन वर्कर और जिनके लिए राज्य सरकार ने अनुमति देकर प्रिकॉशन डोज लगवाई थी, उन्हें ही वैक्सीन फ्री लगाई गई है. जबकि 18 से 59 साल के लोगों के लिए प्रिकॉशन डोज निजी अस्पतालों में लगनी है. जहां पर एक भी व्यक्ति नहीं लग पाई है. कोटा जिले में टारगेटेड पापुलेशन 1262685 है.

पढ़ें : Vaccination at Kota Crossroads : पुलिस की तरह चिकित्सा विभाग चौराहे पर जांचेगा वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट, नहीं होने पर मौके पर लगाई जाएगी वैक्सीन

कोविन से भेजे जा रहे हैं मैसेज, एक ने भी नहीं करवाया रजिस्ट्रेशन : केंद्र सरकार ने देश भर में वैक्सीन लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन के साथ डोज का रिकॉर्ड और सर्टिफिकेट जारी करने के लिए कोविन ऐप और वेबसाइट को बनाया था. इसके जरिए ही रजिस्ट्रेशन प्रिकॉशन डोज का भी करवाना है. जिन लोगों ने पहले रजिस्ट्रेशन कराकर पहली और दूसरी डोज लगाई हुई है, उन्हें कोविन के जरिए मैसेज प्रिकॉशन डोज के लिए भेजा जा रहा है. सीएमएचओ डॉ. तंवर का कहना है कि प्रिकॉशन डोज सभी को लगाना अनिवार्य तो नहीं है, लेकिन हम सभी को सलाह दे रहे हैं कि लोग इसे लगवाएं. अभी तक कोटा जिले में एक भी व्यक्ति ने प्रिकॉशन डोज के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया. यहां तक कि एक भी व्यक्ति ने निजी अस्पताल में जाकर पूछताछ या संपर्क भी प्रिकॉशन डोज के लिए नहीं की है.

पढ़ें : अब 12 से 14 साल के बच्चे भी खुद को महसूस कर रहे सुरक्षित, नेशनल वैक्सीनेशन डे पर शुरू हुआ अभियान

एक डोज के लिए देने होंगे 386 रुपए : डॉ. तंवर का कहना है कि कोटा जिले में सभी लोगों के कोविशिल्ड व को-वैक्सीन ही लगी थी. इसलिए तीसरी और प्रिकॉशन डोज भी कोटा में यही लगेगी. इसमें वैक्सीन का दाम 225, लगाने का खर्चा 150 और 11 रुपए जीएसटी लगाया है. ऐसे में लाभार्थी को यह डोज 386 रुपए की पड़ेगी. इसी राशि में सिरिंज व कॉटन सहित सभी व्यवस्थाएं निजी अस्पताल को करनी है.

शेड्यूल बनाया ट्रेनिंग भी दे दी है, 40 निजी अस्पताल लगा सकते हैं वैक्सीन : सीएमएचओ डॉ. तंवर का कहना है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कोटा जिले में प्रिकॉशन रोज के लिए शेड्यूल भी बना दिया है. इसके साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में किस तरह से व्यक्ति लगानी है, उसकी ट्रेनिंग भी दे दी है. हालांकि, प्राइवेट अस्पतालों ने अभी तक इसके लिए ऑर्डर नहीं दिया है. इसका कारण भी यह है कि वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों ने रूचि नहीं दिखाई है. इसी के चलते निजी अस्पताल संचालक हतोत्साहित हैं. उनका मानना है कि अगर वह वैक्सीन खरीद लेंगे, तो हमारी जिम्मेदारी हो जाएगी. कोटा में करीब 40 अस्पताल वैक्सीन को लगा सकते हैं.

कोटा : केंद्र सरकार ने 18 से 59 साल के लोगों को कोविड-19 से बचाव के लिए प्रिकॉशन डोज लगाने की एडवाइजरी जारी की है. इस डोज को निशुल्क नहीं लगाया जाएगा. ऐसे में जनता भी इसमें रूचि नहीं दिखा रही है. यह अभियान 13 अप्रैल से शुरू हुआ था, लेकिन एक भी निजी अस्पताल में इसके लिए (Corona Situation in Kota) वैक्सीन खरीदने का आदेश नहीं दिया है. यहां तक कि कोटा पूरे जिले में 18 से 59 साल के एक भी व्यक्ति ने प्रिकॉशन डोज नहीं लगवाई है.

वर्तमान में कोविड-19 का ज्यादा खतरा प्रदेश में नहीं नजर आ रहा है. इक्के-दुक्के ही कॉविड-19 के मामले सामने आ रहे हैं. हाल ही में केंद्र सरकार ने 18 से 59 साल के लोगों को कोविड-19 से बचाव के लिए प्रिकॉशन डोज लगाने की एडवाइजरी जारी की है. इस डोज को निशुल्क नहीं लगाया जाएगा. ऐसे में जनता भी इसमें रूचि नहीं दिखा रही है. यह अभियान 13 अप्रैल से शुरू हुआ था, लेकिन एक भी निजी अस्पताल में इसके लिए वैक्सीन खरीदने का आदेश नहीं दिया है.

कोटा सीएमएचओ डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर ने क्या कहा...

यहां तक कि कोटा पूरे जिले में 18 से 59 साल के एक भी व्यक्ति ने प्रिकॉशन डोज नहीं लगवाई है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर के अनुसार केवल फ्रंटलाइन वर्कर और जिनके लिए राज्य सरकार ने अनुमति देकर प्रिकॉशन डोज लगवाई थी, उन्हें ही वैक्सीन फ्री लगाई गई है. जबकि 18 से 59 साल के लोगों के लिए प्रिकॉशन डोज निजी अस्पतालों में लगनी है. जहां पर एक भी व्यक्ति नहीं लग पाई है. कोटा जिले में टारगेटेड पापुलेशन 1262685 है.

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कोविन से भेजे जा रहे हैं मैसेज, एक ने भी नहीं करवाया रजिस्ट्रेशन : केंद्र सरकार ने देश भर में वैक्सीन लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन के साथ डोज का रिकॉर्ड और सर्टिफिकेट जारी करने के लिए कोविन ऐप और वेबसाइट को बनाया था. इसके जरिए ही रजिस्ट्रेशन प्रिकॉशन डोज का भी करवाना है. जिन लोगों ने पहले रजिस्ट्रेशन कराकर पहली और दूसरी डोज लगाई हुई है, उन्हें कोविन के जरिए मैसेज प्रिकॉशन डोज के लिए भेजा जा रहा है. सीएमएचओ डॉ. तंवर का कहना है कि प्रिकॉशन डोज सभी को लगाना अनिवार्य तो नहीं है, लेकिन हम सभी को सलाह दे रहे हैं कि लोग इसे लगवाएं. अभी तक कोटा जिले में एक भी व्यक्ति ने प्रिकॉशन डोज के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया. यहां तक कि एक भी व्यक्ति ने निजी अस्पताल में जाकर पूछताछ या संपर्क भी प्रिकॉशन डोज के लिए नहीं की है.

पढ़ें : अब 12 से 14 साल के बच्चे भी खुद को महसूस कर रहे सुरक्षित, नेशनल वैक्सीनेशन डे पर शुरू हुआ अभियान

एक डोज के लिए देने होंगे 386 रुपए : डॉ. तंवर का कहना है कि कोटा जिले में सभी लोगों के कोविशिल्ड व को-वैक्सीन ही लगी थी. इसलिए तीसरी और प्रिकॉशन डोज भी कोटा में यही लगेगी. इसमें वैक्सीन का दाम 225, लगाने का खर्चा 150 और 11 रुपए जीएसटी लगाया है. ऐसे में लाभार्थी को यह डोज 386 रुपए की पड़ेगी. इसी राशि में सिरिंज व कॉटन सहित सभी व्यवस्थाएं निजी अस्पताल को करनी है.

शेड्यूल बनाया ट्रेनिंग भी दे दी है, 40 निजी अस्पताल लगा सकते हैं वैक्सीन : सीएमएचओ डॉ. तंवर का कहना है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कोटा जिले में प्रिकॉशन रोज के लिए शेड्यूल भी बना दिया है. इसके साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में किस तरह से व्यक्ति लगानी है, उसकी ट्रेनिंग भी दे दी है. हालांकि, प्राइवेट अस्पतालों ने अभी तक इसके लिए ऑर्डर नहीं दिया है. इसका कारण भी यह है कि वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों ने रूचि नहीं दिखाई है. इसी के चलते निजी अस्पताल संचालक हतोत्साहित हैं. उनका मानना है कि अगर वह वैक्सीन खरीद लेंगे, तो हमारी जिम्मेदारी हो जाएगी. कोटा में करीब 40 अस्पताल वैक्सीन को लगा सकते हैं.

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