कोटा. शहर के उद्योग नगर थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वाहन चोर गिरोह का खुलासा किया है. पुलिस ने गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया साथ ही उनके कब्जे से 33 बाइक भी बरामद की है. जिनकी कीमत करीब 15 लाख रुपए बताई जा रही है.
जानकारी के अनुसार इस गैंग के सदस्य कोटा शहर के अलग-अलग इलाकों से इन वाहनों को चुराते थे. आरोपी अपने चोरी के वाहनों को जंगल में छुपा दिया करते थे. जिसके बाद मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में ले जाकर इन बाइकों को बेच दिया करते थे.
कोटा शहर एसपी गौरव यादव ने पूरी वारदात का खुलासा करते हुए बताया कि प्रशिक्षु आईपीएस मृत्युंजय मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई थी. जिसके जरिए पुराने चालानशुदा अपराधियों से पूछताछ और उन पर निगरानी रखी गई. इस दौरान मुखबिर की सूचना पर डीसीएम चौराहे के नजदीक भामाशाह मंडी की तरफ से आ रहे एक वाहन पर सवार तीन युवकों को रोक कर पूछताछ की गई. इनके पास मिली बाइक चोरी की निकली इसके बाद इन तीनों आरोपियों कुशाल कुमार उर्फ कौशल, गणेश कुमार मेघवाल और जितेंद्र उर्फ जीतू मेघवाल को गिरफ्तार कर लिया गया. इनमें से कौशल गुमानपुरा थाने में और जीतू मेघवाल केशोरायपाटन थाने में चोरी के चालनशुदा आरोपी हैं.
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जंगल में छुपा देते थे चोरी के वाहन
एसपी गौरव यादव ने बताया कि कोटा शहर के गुमानपुरा अनंतपुरा, दादाबाड़ी, आरकेपुरम, नयापुरा, कुन्हाड़ी व अन्य क्षेत्रों से चोरी की गई 33 मोटरसाइकिल को चुराना इन आरोपियों ने स्वीकार किया है. जिन्हें यह लोग प्रेम नगर अफॉर्डेबल योजना के पीछे भड़किया खाल के जंगलों में इन चोरी के दुपहिया वाहनों को छुपा देते थे. इनकी निशानदेही पर पुलिस भड़किया खाल पहुंची जहां उन्हें तिरपाल से ढके हुए वाहन मिले जिन्हें पुलिस ने कब्जे में ले लिया.
गाड़ियों की पहचान बदल देते थे चोर
पुलिस ने बताया कि जितेंद्र उर्फ जीतू मेघवाल मिस्त्री का काम करता था. वह मोटरसाइकिल को चुराने के बाद अपनी दुकान पर ले जाकर इंजनों की अदला-बदली कर देता था. कुछ के चेचिस बदल देता था. साथ ही नंबर प्लेट भी बदल दी जाती थी जिससे वाहन की पहचान बदल जाती. इसके बाद यह मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में ले जाकर इन वाहनों को बेच दिया करते थे.