कोटा. कोरोना वायरस ने जिस तरह से आम लोगों के जीवन पर असर डाला है उससे लोगों की दिनचर्या में काफी बदलाव आए हैं. आलम ये है कि लोग घरों तक ही सिमित हो गए है. आवश्यक वस्तुओं के लिए घरों के नजदीक कुछ समय के लिए खुलने वाली दुकानों से ही सामान ले रहे है.
बारां जिले से अभी तक कोई कोरोना पॉजिटिव केस नहीं पाया गया है. इसके बावजूद भी जिला प्रशासन की ओर से सावधानी बरती जा रही है. छबड़ा नगर पालिका अपने संसाधनो के साथ कोरोना जंग में लगी हुई है.
सम्पूर्ण पालिका क्षेत्र को सैनिटाइज करने के साथ ही कस्बे की सफाई व्यवस्था में कोई कमी नहीं रखी जा रही. पालिका अध्यक्ष के.सी जैन और अधिशाषी अधिकारी सन्दीप गहलोत स्वयं वार्डों में अपनी उपस्तिथि में सैनेटाइजर करवा रहे है. जीरो मोबिलिटी क्षेत्रों में जहां लोगों के खाद्य सामग्री से लेकर उनके जररूत के अन्य सामान और मेडिकल टीम तक उपलब्ध करवाई जा रही है.
साथ ही नगर पालिका द्वारा 25 मार्च से शुरू किए खाने के ढाई सौ पैकेट प्रतिदिन की संख्या जीरो मोबिलिटी लागू होने के बाद अब साढ़े 7 सो प्रतिदिन पैकेट पर पहुंच गई है. यानी अभी 13 अप्रेल तक 19 हजार खाने के पैकेट बाटे जा चुके हैं.
लोगों को दिए जाने वाले खाने के पैकेट के लिए एक टीम बनाई गई जो ई.ओ सन्दीप गहलोत मॉनिटर कर रहे हैं. इसके अलावा नगर पालिका द्वारा पालिका इमरजेंसी रिलीफ फंड में कुल 2 लाख 8 हजार की नकदी जमा हो चुकी है.
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राज्य सरकार द्वारा नगर पालिका क्षेत्रों में मास्क लगाने के लागू किए गए नियमों की पालना में पालिका कार्मिकों द्वारा घर से निकलने वाले लोगों से मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंस की लगातार अपील की जा रही है. मध्य प्रदेश से सीमा लगी होने से यहां पुलिस द्वारा बार्डर पर नियमों की पालना कड़ाई से की जा रही है.
चिकित्सा विभाग द्वारा अभी तक कुल 65 लोगों को क्वॉरेंटाइन के लिए भेजा जा चुका है. जिनमें से 58 तो बारां और 7 छबड़ा के कडेयावन मॉडल स्कूल के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखे गए है. जीरो मोबिल्टी घोषित कर ने के बाद क्षेत्र में किसी भी बाहरी व्यक्ति का आनाजाना मना है.