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कोटा: कोरोना काल में लिखी कविताओं के काव्य संग्रह का किया गया विमोचन

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Published : Jun 30, 2020, 9:59 PM IST

कोरोना काल में लोगों को जागरूक करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल के कम्पनी कमांडेंट ने कविताओं की रचना की. उन रचनाओं के काव्य संग्रह का विमोचन मंगलवार को कोटा में किया गया.

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कोरोना काल में लिखी कविताओं के काव्य संग्रह का किया गया विमोचन

कोटा. कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में लोगों को जागरूक करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल के कम्पनी कमांडेंट ने कविताएं लिखी. इन कविताओं का एक काव्य संग्रह का मंगलवार को कोटा के नयापुरा में एक निजी अस्पताल में विमोचन किया गया. इसके लेखक शरद गुप्ता ने बताया कि शरद की शब्द यात्रा के तहत लघु काव्य रचना तैयार की है. कोरोना काल का काव्य पर शब्द रचना की है. इस लघु काव्य में उन सभी रचनाओं को संकलित किया है जो लॉकडाउन के दौरान लिखी गई हैं.

रेलवे सुरक्षा बल के कम्पनी कमांडेंट ने कविताओं की रचना की है

शरद गुप्ता ने बताया कि यह लघु काव्य रचना भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब प्रचलित हुई. इस काव्य संग्रह की एक कविता मत निकल..मत निकल...मत निकल, शत्रु यह अदृश्य है, नाश इसका लक्ष्य है, कर ना भूल तू जरा भी मत फिसल, मत निकल मत निकल.... काफी प्रसिद्ध हुई है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन लगने के बाद 26 मार्च को ये रचना लिखी थी. इस काव्य रचना में उन सभी सम्भावनाओं को व्यक्त किया गया है जो लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करने पर हो सकती है.

पढ़ें: नागौर: कोरोना से बचाव के लिए अब 7 जुलाई तक चलेगा जागरूकता अभियान

रचनाकार शरद गुप्ता ने बताया कि महाराज सयाजीराव यूनिवर्सिटी बड़ौदा में भी यह रचना पहुंची. यूनिवर्सिटी के डांस डिपार्टमेंट को यह रचना काफी पसंद आई. जिसके बाद इस रचना पर 337 स्टूडेंट्स ने फेसबुक पर ऑनलाइन कथक और भरतनाट्यम नृत्य की प्रस्तुति दी. शरद गुप्ता ने बताया कि इस गीत को सबसे पहले संस्कार भारती गुजरात जूनागढ़ की टीम ने क्लासिकल प्रस्तुति दी थी. जिसे गुजरात के मुख्यमंत्री ने भी सराहा था. वहीं इस गीत को प्रसिद्ध सिंगर उदित नारायण ने भी गाया है.

कोटा. कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में लोगों को जागरूक करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल के कम्पनी कमांडेंट ने कविताएं लिखी. इन कविताओं का एक काव्य संग्रह का मंगलवार को कोटा के नयापुरा में एक निजी अस्पताल में विमोचन किया गया. इसके लेखक शरद गुप्ता ने बताया कि शरद की शब्द यात्रा के तहत लघु काव्य रचना तैयार की है. कोरोना काल का काव्य पर शब्द रचना की है. इस लघु काव्य में उन सभी रचनाओं को संकलित किया है जो लॉकडाउन के दौरान लिखी गई हैं.

रेलवे सुरक्षा बल के कम्पनी कमांडेंट ने कविताओं की रचना की है

शरद गुप्ता ने बताया कि यह लघु काव्य रचना भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब प्रचलित हुई. इस काव्य संग्रह की एक कविता मत निकल..मत निकल...मत निकल, शत्रु यह अदृश्य है, नाश इसका लक्ष्य है, कर ना भूल तू जरा भी मत फिसल, मत निकल मत निकल.... काफी प्रसिद्ध हुई है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन लगने के बाद 26 मार्च को ये रचना लिखी थी. इस काव्य रचना में उन सभी सम्भावनाओं को व्यक्त किया गया है जो लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करने पर हो सकती है.

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रचनाकार शरद गुप्ता ने बताया कि महाराज सयाजीराव यूनिवर्सिटी बड़ौदा में भी यह रचना पहुंची. यूनिवर्सिटी के डांस डिपार्टमेंट को यह रचना काफी पसंद आई. जिसके बाद इस रचना पर 337 स्टूडेंट्स ने फेसबुक पर ऑनलाइन कथक और भरतनाट्यम नृत्य की प्रस्तुति दी. शरद गुप्ता ने बताया कि इस गीत को सबसे पहले संस्कार भारती गुजरात जूनागढ़ की टीम ने क्लासिकल प्रस्तुति दी थी. जिसे गुजरात के मुख्यमंत्री ने भी सराहा था. वहीं इस गीत को प्रसिद्ध सिंगर उदित नारायण ने भी गाया है.

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