कोटा. देशभर में कोटा मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग के कारण विख्यात है. यहां देशभर से लाखों स्टूडेंट्स पढ़ने के लिए आते हैं. ऐसे में कोटा की तरफ ऑनलाइन कोचिंग संस्थानों का भी रुझान दिखने लगा है. कोटा की ऑफलाइन कोचिंग को चुनौती देने के लिए 2 नए संस्थान "अनअकैडमी" और "फिजिक्स वाला" इस साल कोटा पहुंचे हैं. जहां पर उन्होंने ऑफलाइन कोचिंग शुरू की है. ये दोनों ही संस्थान अभी तक ऑनलाइन डिजिटल एजुकेशन दे रहे थे.
कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़ा रहे फैकल्टी के नए संस्थानों से जुड़ने को लेकर खींचतान भी चल रही है. कोटा के कोचिंग संस्थान अपने फैकल्टी को लाख से करोड़ो रुपए तक के पैकेज देते हैं. इस बार करीब 200 से 300 फैकल्टी मेंबर्स एक से दूसरे कोचिंग की तरफ गए हैं. कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि वो बीते 30 साल से कोचिंग शिक्षा से जुड़े हुए हैं. उनका मानना है कि ये कार्य फैकल्टी की हॉर्स ट्रेडिंग जैसा ही है.
अनअकैडमी के दो नए सेंटर: अनअकैडमी ने अपने दो सेंटर शुरू किए हैं, जिसमें (Unacademy opens offline coaching Centre in Kota) बच्चों को नीट और जेईई के लिए तैयार किया जाएगा. इसके लिए कोटा कोचिंग से जुड़े 30 से ज्यादा फैकल्टी को अपने साथ जोड़ा गया है. यहां पर कक्षा 9 से ही बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा है.
कोटा से जा चुके हैं कई नेशनल प्लेयर: शिक्षा नगरी कोटा बीते 20 साल से ज्यादा से एजुकेशन में सिरमौर बनी हुई है. ऐसे में यहां पर साल 2005 से 2011 के बीच कई संस्थान खुले जिनमें फिटजी, नारायणा, श्रीचैतन्य और एकलव्य शामिल हैं. लेकिन कोटा में वे फिट नहीं बैठ पाए और विद्यार्थियों की संख्या कम होने के चलते ये सेंटर बंद हो गए. इसके अलावा एजूवेव, इनसाइड, दासवानी, राव अकैडमी सहित कई कोचिंग भी यहां पर अपना सेंटर बंद कर चुके हैं. देव शर्मा का मानना है कि श्रीचैतन्य व नारायणा साउथ के बड़े इंस्टिट्यूट थे. लेकिन नेशनल लेवल परफॉर्मेंस नहीं देने के कारण उन्हें वापस जाना पड़ा.
इन संस्थानों में पढ़ रहे हैं डेढ़ लाख से ज्यादा बच्चे: वर्तमान में चल रहे कोचिंग संस्थानों में सबसे ज्यादा स्टूडेंट एलेन करियर इंस्टीट्यूट (Kota Coaching Centers) के पास हैं. इसके अलावा रेजोनेंस, रिलायबल, मोशन, आकाश बायजुज, वाइब्रेंट, न्यूक्लियस, कॅरियर पॉइंट और बंसल क्लासेज भी यहां पर अपनी ऑफलाइन कोचिंग दे रहे हैं. अब इनमें अनअकैडमी और फिजिक्स वाला का नाम भी जुड़ गया (Unacademy opens offline coaching Centre in Kota) है.
ऑनलाइन से स्टूडेंट्स का मोहभंग: कोविड 19 के दौरान पूरे देश भर के कोचिंग और शिक्षण संस्थाएं बंद रही थी. इसका खामियाजा विद्यार्थियों को उठाना पड़ा. उन्हें ऑनलाइन एजुकेशन दी गई, लेकिन इस ऑनलाइन एजुकेशन से विद्यार्थी संतुष्ट नहीं हुए. अधिकांश विद्यार्थियों ने इसे नकार दिया. विद्यार्थियों का कहना था कि ऑनलाइन एजुकेशन में फोकस होकर पढ़ाई नहीं हो पाती. इसके साथ ही उनके डाउट भी क्लियर नहीं होते हैं. टीचर से इंटरेक्शन नहीं होने के चलते वे पिछड़ जाते हैं. इसीलिए ऑनलाइन कोचिंग और एजुकेशन से विद्यार्थियों का मोहभंग हो चुका है.
स्टूडेंट के पॉइंट ऑफ व्यू से काफी अच्छा : एक्सपर्ट का मानना है कि नए संस्थान आने से कोटा के स्टूडेंट्स के लिए फायदा होता है. फैकल्टी और सुविधाओं के लिहाज से हो रहे कंपटीशन के कारण स्टूडेंट्स को बेहतर क्वालिटी मिलती है. साथ ही आपस में फैकल्टी के बीच कंपटीशन होने से स्टूडेंट्स को अच्छा कंटेंट मिलता है.
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जोड़-तोड़ नहीं कर रहे: पीडब्ल्यू की दूसरी फैकल्टी सचिन जाखड़ का कहना है कि कोटा शिक्षा की काशी है. यहां पर बहुत बड़ी संख्या में बच्चे रहते हैं. हम ऑनलाइन के बाद ऑफलाइन की तैयारी कर रहे थे. इसमें सबसे अच्छा ऑप्शन कोटा ही हमारे सामने था, जिसे हमने चुना. आगे आने वाले समय में हम दूसरे शहरों में भी सेंटर खोलेंगे. फैकल्टी के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले से ही हमारे पास काफी बड़ा स्टाफ है. यहां पर हमारी एक्जिस्टिंग और स्टार फैकल्टी आकर पढ़ाई करवाएंगी. हमारी टीम में बड़ी संख्या में भी कोटा से लोग हैं. फैकल्टी के जोड़-तोड़ के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोटा के कोचिंग संस्थानों से जुड़े लोग इंटेंशनली हमसे जुड़ना चाहते हैं, तो उनके लिए दरवाजे खुले हैं. हम किसी की फैकल्टी को तोड़कर ले आएं और रातों-रात उनके साथ पढ़ाना शुरू कर दें, ऐसा हमारा कोई इंटेंशन भी नहीं है.
हम किसी को चुनौती देने नहीं, पढ़ाने आए हैं: पीडब्ल्यू में ही फैकल्टी मनीषराज का कहना ही कि हमारा लक्ष्य टॉपर के साथ औसत बच्चों पर ही ज्यादा ध्यान देने का है. मध्यम और निचले तबके के बच्चों की सिलेक्शन में मदद करते हैं. हमारे सलेक्शन की हिस्ट्री में ऑटो ड्राइवर, गार्ड और निचले तबके के कई लोग हैं. बच्चों को पर्सनल गाइडेंस भी दिया जाएगा. डाउट फैकल्टी और काउंसलर स्टूडेंट की समस्याओं पर ध्यान देंगे. पुराने संस्थानों को चुनौती देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम यहां पर किसी को चुनौती देने नहीं आए हैं. हम यहां पर पढ़ाने आए हैं. शांति से पढ़ाएंगे और कोटा का स्टैंडर्ड और बच्चे जिस उद्देश्य के लिए आते हैं, उनके लिए हम काम करेंगे. फीस भी काफी कम है और स्टार फैकल्टी भी यहां ऑफलाइन पढ़ाएंगे.
लंबे समय का टारगेट लेकर कोटा आए हैं : फिजिक्स वाला के पंकज सेजरिया का कहना है कि कोटा में पीडब्ल्यू का ऑफलाइन सेंटर खुलने जा रहा है. हम तीन मॉडल ऑनलाइन, दूसरा पाठशाला हाइब्रिड मॉडल, और प्योर ऑफलाइन मॉडल के साथ कोटा में आ गए हैं. 11वीं और 12वीं के लिए 5 जुलाई से पहला बैच शुरू होगा. यहां पर मेडिकल और इंजीनियरिंग दोनों की तैयारी करवाई जाएगी.
पहले भी हुई है फैकल्टी की हॉर्स ट्रेडिंग, संस्थान से अलग होकर भी खुले हैं कोचिंग
- कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स के लिए लगातार छोटे-बड़े सेंटर खुलते रहे हैं. जिनमें 2016-17 बीट्रिक्स कोचिंग संस्थान खुला, लेकिन अगले दो-तीन साल में बंद हो गया. इसमें भी कोटा के कई फैकल्टी जुड़े थे.
- कोटा की एलेन संस्थान से कुछ फैकल्टी ने अलग हो कर साल 2018 में सर्वोत्तम इंस्टीट्यूट खोला, लेकिन कुछ साल बाद ये भी टूट गया. अब सर्वोत्तम ने दूसरे कोचिंग संस्थान मोशन के साथ जुड़कर आगे की राह बनाई.
- साल 2017 में एलन कोचिंग की फैकल्टी अमित गुप्ता और अमरनाथ आनंद ने न्यूक्लियस कोचिंग खोला था. इसमें अन्य फैकल्टी भी उनके साथ जुड़े थे.
- एडवांस अचीवर्स अकैडमी भी 2019 में कोटा में खुला था, लेकिन अब इसे ऑनलाइन एजुकेशन पर शिफ्ट किया गया है.
- 2021 में ISAC कोचिंग भी कोटा में खुला है. इसमें भी कोटा की कोचिंग संस्थान एलन की फैकल्टी जुड़ी है. इसके अलावा एडलैब्स, होप व विजन 2000 की भी क्लासेज शुरू हुई थी, ये समय के साथ बंद हो गए.
- 2019 में ही रेजोनेंस कोचिंग संस्थान से फैकल्टी चंद्रशेखर शर्मा, चांदीप सिंघल और आयुष गोयल ने रिलायबल कोचिंग संस्थान खोला था. यह कोचिंग संस्थान भी अभी बच्चों को पढ़ा रहा है.