कोटा. मालीवाल ने ये रिश्वत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ भूपेंद्र सिंह तंवर के लिए लेना बताया है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो सीएमएचओ ऑफिस में आगे की कार्रवाई जारी रखी हुई है.
कोरोना महामारी में जहां पर पूरा देश त्रस्त है. कोटा में भी बिना ऑक्सीजन और दवाओं के मरीज बेहाल है. कई मरीजों की मौत भी होना सामने आया है. इसके बावजूद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का काला खेल सामने आया है. जिसमें चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में लगी हुई गाड़ियों के बिलों के भुगतान की एवज में 7 फीसदी के अनुसार रिश्वत लेते हुए डिस्ट्रिक्ट अकाउंट मैनेजर महेंद्र कुमार मालीवाल को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रंगे हाथों ट्रैप किया है.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि परिवादी अविनाश हाड़ा ने एसीबी कोटा चौकी को परिवाद दिया था. जिसमें बताया कि उनकी फर्म का कॉन्ट्रैक्ट सीएमएचओ ऑफिस में गाड़ियां उपलब्ध करवाने के लिए हुआ है. इसके लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर सात फ़ीसदी के तौर पर रिश्वत की मांग कर रहे हैं. रिश्वत नहीं देने पर बिल भुगतान नहीं किया जाता है.
साथ ही टेंडर को कैंसिल करने की धमकी भी मुझे दी गई है. मैंने अपने बिलों को पास करवाने के लिए डिस्टिक अकाउंट मैनेजर महेंद्र कुमार मालीवाल से संपर्क किया, तो उन्होंने कहा कि 3 महीने के जो बिल बकाया है. उनकी राशि जारी करने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी 7 फीसदी के अनुसार एक लाख 30 हजार रुपए रिश्वत मांग रहे हैं. इसके बाद मैंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर के लिए महेंद्र कुमार मालीवाल को पहले 50 और फिर 30 हजार रुपए दो किस्तों में दिए हैं. कुल मिलाकर 80 हजार रुपए में दे चुका हूं, लेकिन मेरे बिलों को पास नहीं किया गया.
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महेंद्र कुमार मालीवाल बकाया 50 हजार रुपए की मांग कर रहा है. इस परिवाद पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को हटाने 15 अप्रैल को रिश्वत मांग का सत्यापन करवाया. जिसमें महेंद्र कुमार मालीवाल ने सीएमएचओ डॉ भूपेंद्र सिंह तंवर और खुद के लिए 50 हजार रुपए की मांग की. इसके बाद एसीबी ने ट्रैप कार्रवाई की. जिसमें शुक्रवार को परिवादी अविनाश हाड़ा ने महेंद्र कुमार मालीवाल को 50 हजार रुपए बतौर रिश्वत दिए. जिसके बाद उन्होंने यह रिश्वत की राशि अपनी लाल रंग की ब्रेजा गाड़ी में रख लिए.
एसीबी ने इसके बाद दबिश देते हुए महेंद्र कुमार मालीवाल को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही उसके ब्रेजा गाड़ी से पचास हजार रुपए की रिश्वत राशि भी बरामद कर ली. उसने रिश्वत की राशि सीएमएचओ डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर के लिए लेना बताया है. यह ट्रैप कार्रवाई भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस उपाधीक्षक हर्षराज सिंह खरेड़ा के नेतृत्व में पुलिस निरीक्षक नरेश सिंह चौहान, कॉन्स्टेबल भरत सिंह, मोहम्मद खालिक, देवेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह, बृजराज, मनोज कुमार, मुकेश सैनी, योगेंद्र सिंह, हेमन्त सिंह और सरोज शामिल थी. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने इस मामले में महेंद्र कुमार मालीवाल के घर की तलाशी भी शुरू कर दी है. जिसे इंस्पेक्टर रमेश आर्य की टीम कर रही है.
सीएमएचओ की भूमिका भी संदिग्ध
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि सीएमएचओ डॉ भूपेंद्र सिंह तंवर की पूरी भूमिका संदिग्ध है. ऐसे में अभी उनके खिलाफ भी जांच की जा रही है. फिलहाल उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है. क्योंकि रिश्वत की राशि उन्होंने सीधे नहीं ली है. जबकि जिस कार्मिक महेंद्र कुमार मालीवाल ने रिश्वत की राशि ली है, वह भूपेंद्र सिंह तंवर का ही नाम ले रहा है. वहीं परिवादी से भी रिश्वत की मांग सीएमएचओ डॉ भूपेंद्र सिंह तंवर ने भी पहले की थी. साथ ही पहले की जो रिश्वत दी गई है, वह भी डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर तक पहुंची है.