कोटा. नगर निगम चुनाव में ड्यूटी पर लगे एक कार्मिक की मौत का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि यह कार्मिक गिर्राज प्रसाद बैरवा खतोलिया जिले के रजोपा में पंचायत सहायक के पद पर कार्यरत थे. परिजनों ने इस दौरान प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परिजनों का कहना है कि वह हृदय रोग से ग्रसित थे. ऐसे में उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से दूसरी ड्यूटी लगाने का आग्रह किया था, लेकिन किसी ने एक नहीं सूनी.
इसके बाद वे शनिवार को सुबह ड्यूटी करने के लिए शुक्रवार को ही कोटा पहुंच गए. यहां पर आते ही उनकी तबीयत बिगड़ गई. परिजनों ने सुबह 3:00 बजे उन्हें एमबीएस अस्पताल में भर्ती करवाया. जहां पर चिकित्सकों ने उन्हें हृदय रोग से गंभीर रूप से ग्रसित होना बताया. इसके बाद परिजन उन्हें लेकर झालावाड़ रोड स्थित निजी अस्पताल में लेकर गए. जहां पर शनिवार सुबह 5:00 उन्होंने दम तोड़ दिया. परिजनों ने आरोप लगाया है कि उच्चाधिकारियों ने हठधर्मिता छोड़कर गिर्राज प्रसाद की ड्यूटी को निरस्त कर दी होती तो अब उनकी जान नहीं जाती.
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पिता के कोविड-19 पॉजिटिव होने पर ड्यूटी निरस्त, बेटा साथ रहा फिर भी करेगा ड्यूटी
इसी तरह का मामला एक और सामने आया है. जहां राजकीय विद्यालय पारलिया में शिक्षक राजेंद्र नागर का स्वास्थ्य लंबे समय से खराब था, लेकिन फिर भी उन्होंने कोटा उत्तर नगर निगम में चुनावी ड्यूटी की. जहां उनकी तबीयत बिगड़ गई. परिजनों ने उनका कोविड-19 टेस्ट करवाया, जो कि पॉजिटिव आया. इसके बाद वे अस्पताल में भर्ती हैं. हालांकि उनका बेटा जो उनके साथ था. वह अभी भी बीएलओ ड्यूटी वार्ड नंबर 16 में कर रहा है. उसकी ड्यूटी भी प्रशासन ने निरस्त नहीं की है, उसमें सेक्टर मजिस्ट्रेट से भी इसके लिए लिखित में एप्लीकेशन देकर मांग की थी. हालांकि उसकी बात को अनसुना कर दिया है.