कोटा. पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा सीएमएचओ डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले हुए हैं. रामनारायण मीणा सीएमएचओ को नहीं हटाए जाने को लेकर नाराज भी हैं. उन्होंने इसी मामले में कहा है कि सीएमएचओ डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले आ गए हैं. इसके बाद बिना नाम लिए कांग्रेस के ही नेताओं पर रामनारायण मीणा ने हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि कोटा के बड़े पावरफुल नेता सीएमएचओ को बचा रहे हैं और कांग्रेस को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं.
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सांगोद विधायक भरत सिंह ने कोटा के जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेंद्र झालानी के खिलाफ पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी. जिस पर राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरसीएचओ को निकाल दिया. लेकिन पीपल्दा विधायक अभी भी सीएमएचओ डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले हुए हैं. मीणा सीएमएचओ को नहीं हटाए जाने को लेकर नाराज हैं. उन्होंने इसी मामले में कहा है कि सीएमएचओ के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले आ गए हैं. इसके बाद बिना नाम लिए कांग्रेस के ही नेताओं पर हमला बोला. उन्होंने कहा है कि कोटा के बड़े पावरफुल नेता सीएमएचओ को बचा रहे हैं और कांग्रेस को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं.
रामनारायण मीणा ने कहा कि आरसीएचओ डॉ. देवेंद्र झालानी को कार्यमुक्त करके चेचट स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया है. जबकि सबसे ज्यादा आरोपित और जिसके ऊपर एसीबी की निगाह है वो कोटा सीएमएचओ डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर हैं. उनके खिलाफ कई तरह की शिकायत आ रही हैं. इनके ऑफिस के एक अकाउंटेंट ने 50 हजार रुपये की रिश्वत ली हैं. इसमें टैक्सी सप्लाई करने वाले ने साफ कहा है कि राशि सीएमएचओ के लिए दी थी. मेरे विधानसभा क्षेत्र में जितनी पोस्ट हैं, उनमें से अधिकांश खाली पड़ी हुई हैं. ऐसा केवल सीएमएचओ डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर की वजह से ही है. जबकि 147 पदों में से 57 पद रिक्त हैं. वही जो 90 लोग कार्यरत हैं. उनमें सभी 19 लोगों को प्रतिनियुक्ति पर लगाया हुआ है. हालात उन चिकित्सकों के ये हैं कि कई चिकित्सक केंद्रों पर नहीं जाते हैं. उनसे यह दबाव बनाकर बिल बनवाते हैं.
स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं, सीएमएचओ को नहीं हटा सकता
रामनारायण मीणा ने कहा कि चिकित्सा मंत्री खुद कोटा सीएमएचओ के मामले में कहते हैं कि मैं उन्हें नहीं हटा सकता हूं. जबकि कांग्रेस भ्रष्टाचार के खिलाफ जीत कर आई है. हमारे कांग्रेस के नेता लाल बहादुर शास्त्री और माधवराव सिंधिया ने ट्रेन एक्सीडेंट में भी इस्तीफा दे दिया था. ऐसे में कोटा सीएमएचओ के भ्रष्टाचार के बावजूद उन्हें कौन पावरफुल व्यक्ति बचा रहा है. इसकी चर्चा भी कोटा की जनता कर रही है. कांग्रेस को इससे बदनामी झेलनी पड़ रही है.
सीएम करे दखल, मंत्री शर्मा करें हिम्मत
विधायक ने कहा कि उनके अलावा बारां के विधायक पानाचंद मेघवाल ने भी कोटा सीएमएचओ के खिलाफ मुद्दा विधानसभा में उठाया है. इसके अलावा मैंने भी पत्र उनके खिलाफ लिखा है. वह लगातार भ्रष्टाचार के मामलों में जुड़े रहे हैं. भ्रष्टाचार को हमारे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत क्यों सहन कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री ऐसे लोगों से क्यों नीचे गर्दन करके दब रहे हैं. मुझे उम्मीद है मुख्यमंत्री गहलोत दखलअंदाजी करेंगे और स्वास्थ्य मंत्री हिम्मत करके कोटा सीएमएचओ को पद से हटाएंगे. साथ ही एसीबी को उनके खिलाफ जांच की परमिशन देंगे, ताकि इनको गिरफ्तार किया जा सके.