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ट्रेन से टकराकर चोटिल हुआ पैंथर का बच्चा, ट्रेंकुलाइज कर कोटा जू में किया जा रहा उपचार

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Published : Jan 22, 2021, 9:07 PM IST

बूंदी जिले के भीमलत के नजदीक गुरुवार रात मेवाड़ एक्सप्रेस की चपेट में एक पैंथर आ गया. जिसके बाद पैंथर घायल हालत में ट्रैक पर ही पड़ा रहा. सूचना पर वन विभाग की टीम और कोटा चिड़ियाघर की टीम मौके पर पहुंची और पैंथर को ट्रैंकुलाइज कर कोटा लाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है.

Treatment of injured Panther, Panther collision with train
ट्रेन से टकराकर चोटिल हुआ पैंथर का बच्चा

कोटा. कोटा-चित्तौड़गढ़ रेल लाइन में बूंदी जिले के भीमलत के नजदीक गुरुवार देर रात मेवाड़ एक्सप्रेस से एक पैंथर चपेट में आ गया. घायल अवस्था में पैंथर घंटों तक मौके पर ही पड़ा रहा. इसकी सूचना रेलवे ने वन विभाग को दी, जिस पर वन विभाग की टीम सुबह मौके पर पहुंची. इसके बाद कोटा से चिड़ियाघर की टीम को मौके पर बुलाया गया और उसको ट्रेंकुलाइज कर कोटा लाया गया है. जहां पर कोटा चिड़ियाघर में उसका उपचार चल रहा है.

रात 2:30 बजे वन विभाग बूंदी की टीम को पैंथर के घायल अवस्था में रेलवे ट्रैक के नजदीक पड़े होने की सूचना मिली. इस पर सुबह 4:00 बजे वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन पैंथर को रेस्क्यू नहीं किया जा सकता था. क्योंकि उसकी एक पूछ कटकर रेलवे ट्रैक के पास पड़ी थी. साथ ही उसकी बाईं टांग पूरी तरह से जख्मी हो चुकी थी. पैंथर से चला भी नहीं जा रहा था. ऐसे में वो ट्रैक के पास ही घायल अवस्था में बैठा रहा, लेकिन वन विभाग की टीम ने जब उसके नजदीक जाने की कोशिश की, तो वह पैंथर ने टीम पर ही हमला करने की कोशिश की और वह गुर्राने लग गया.

पढ़ें- दुधवा गांव में पशुबाड़े में लगी आग, 24 मवेशी जिंदा जले

इसकी सूचना बूंदी डीएफओ सोनल जोरियर को मिली. उन्होंने सुबह 4:00 बजे कोटा चिड़ियाघर से चिकित्सकों की टीम को मौके के लिए बुलाया. इसके बाद खुद वे सुबह 7:00 बजे मौके पर पहुंची. वहीं कोटा चिड़ियाघर की टीम 8:30 बजे मौके पर पहुंची. जिसके बाद पैंथर को ट्रेंकुलाइज कर कोटा जू में लाया गया है. उसकी स्थिति अभी गंभीर बनी हुई है. रेंजर राजेंद्र विजयवर्गीय ने बताया कि पैंथर 1 साल का बच्चा है, जो कि संभवत मेवाड़ एक्सप्रेस की चपेट में ही आया है.

कोटा. कोटा-चित्तौड़गढ़ रेल लाइन में बूंदी जिले के भीमलत के नजदीक गुरुवार देर रात मेवाड़ एक्सप्रेस से एक पैंथर चपेट में आ गया. घायल अवस्था में पैंथर घंटों तक मौके पर ही पड़ा रहा. इसकी सूचना रेलवे ने वन विभाग को दी, जिस पर वन विभाग की टीम सुबह मौके पर पहुंची. इसके बाद कोटा से चिड़ियाघर की टीम को मौके पर बुलाया गया और उसको ट्रेंकुलाइज कर कोटा लाया गया है. जहां पर कोटा चिड़ियाघर में उसका उपचार चल रहा है.

रात 2:30 बजे वन विभाग बूंदी की टीम को पैंथर के घायल अवस्था में रेलवे ट्रैक के नजदीक पड़े होने की सूचना मिली. इस पर सुबह 4:00 बजे वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन पैंथर को रेस्क्यू नहीं किया जा सकता था. क्योंकि उसकी एक पूछ कटकर रेलवे ट्रैक के पास पड़ी थी. साथ ही उसकी बाईं टांग पूरी तरह से जख्मी हो चुकी थी. पैंथर से चला भी नहीं जा रहा था. ऐसे में वो ट्रैक के पास ही घायल अवस्था में बैठा रहा, लेकिन वन विभाग की टीम ने जब उसके नजदीक जाने की कोशिश की, तो वह पैंथर ने टीम पर ही हमला करने की कोशिश की और वह गुर्राने लग गया.

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इसकी सूचना बूंदी डीएफओ सोनल जोरियर को मिली. उन्होंने सुबह 4:00 बजे कोटा चिड़ियाघर से चिकित्सकों की टीम को मौके के लिए बुलाया. इसके बाद खुद वे सुबह 7:00 बजे मौके पर पहुंची. वहीं कोटा चिड़ियाघर की टीम 8:30 बजे मौके पर पहुंची. जिसके बाद पैंथर को ट्रेंकुलाइज कर कोटा जू में लाया गया है. उसकी स्थिति अभी गंभीर बनी हुई है. रेंजर राजेंद्र विजयवर्गीय ने बताया कि पैंथर 1 साल का बच्चा है, जो कि संभवत मेवाड़ एक्सप्रेस की चपेट में ही आया है.

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