कोटा. शहर के एक निजी कोचिंग इंस्टीट्यूट ने रविवार को देश के चैम्पियन स्टूडेंट्स को पुरस्कृत किया. चैम्पियन विद्यार्थियों का सम्मान समारोह समरस सभागार में आयोजित किया गया. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रुप में एवरेस्ट फतह करने वाली दिव्यांग पर्वतारोही पद्मश्री अरूणिमा सिन्हा, गिनिज बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुके तबला वादक तृप्तराज पाण्डया और योग गुरू छोटी गुरूमां उपस्थित रहें. इस कार्यक्रम में कक्षा 3रीं से 10वीं तक के 80 विद्यार्थियों को 41 लाख 50 हजार के नकद पुरस्कार दिए गए. कार्यक्रम में छात्रों के साथ-साथ अभिभावकों को भी सिल्वर मेडल के रूप में उपहार और सर्टिफिकेट दिया गया.
पद्मश्री अरूणिमा सिन्हा ने बढ़ाया बच्चों का हौसला
विशिष्ट अतिथि एवरेस्ट फतह करने वाली दिव्यांग पर्वतारोही पद्मश्री अरूणिमा सिन्हा ने बच्चों का हौसला बढ़ाते हुए बताया कि यदि हम हौसला रखें तो कोई हमें हरा नहीं सकता. हमारी कमजोरी ही हमारी ताकत बन सकती है. बड़े लक्ष्य पालें उन्हें हासिल करने के लिए जी तोड़ मेहनत करें. डर हमारा दुश्मन है, इसे हावी नहीं होने दें. मैंने माउंट एवरेस्ट के साथ सातो महाद्वीपों की चोटियां पर चढ़ाई की. मुझें हिम्मत मेरी मां से मिलती है, जिन्होंने पिता के निधन के बाद हमारी परवरिश की. अब मैं दिव्यांगों की ताकत बनना चाहती हूं. देश ही नहीं दुनिया में दिव्यांगों में ऊर्जा भरना चाहती हूं. भारत में एक ऐसी अकेडमी खोलने की मेरी इच्छा है, जहां दिव्यांगों को आगे बढ़ने की हर स्वतंत्रता हो, हर सुविधा उपलब्ध करवाई जाए.
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वहीं, कार्यक्रम में योग गुरू छोटी गुरूमां ने बेटी बचाओ और बेटो को समझाओ के नारे के साथ कहा कि आज के जमाने में बेटियों को स्वयं सुरक्षा करने की हिम्मत रखनी चाहिए. अपने आप को कभी भी कमजोर नही समझना चाहिए.
गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुके तबला वादक तृप्तराज पाण्डय ने भी कार्यक्रम में तबला वादन का प्रदर्शन किया. तृप्तराज ने एक से बढ़कर एक आकर्षक तबला वादन की प्रस्तुति दी.