कोटा. शहर के हिस्ट्रीशीटर और एक लाख रुपए का इनामी आरोपी असलम शेरखान चिंटू ने गुरुवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. एक दिन पहले ही यूआईटी ने उसके बंगाली कॉलोनी छावनी स्थित मकान पर कार्रवाई करते हुए तोड़फोड़ की थी. इसके साथ ही भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया था.
जानकारी के अनुसार बीते 7 दिनों से असलम शेरखान चिंटू को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही थी. कई टीमें भी उसको गिरफ्तार करने के लिए बनाई गई थी. हालांकि, पुलिस इस मामले में गिरफ्तार करने की बात ही कह रही है क्योंकि आरोपी को 8 फरवरी के पहले हाईकोर्ट में पेश करने के आदेश हुए थे.
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सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा के मामले में मिली जमानत को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था. साथ ही अन्य 3 प्रकरणों में भी कोटा की निचली अदालतों ने उसकी जमानत रद्द कर वारंट निकाल दिए थे. इन सभी चारों मामलों में असलम शेर खान चिंटू फरार चल रहा था. साथ ही उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस को भी कोर्ट ने निर्देश दिए थे, जिसमें 8 फरवरी के पहले उसे गिरफ्तार कर पेश करने को कहा गया था.
इसके बाद डीजीपी एमएल लाठर की अनुशंसा पर उस पर एक लाख रुपए का इनाम रखा गया था. साथ ही पुलिस उसके परिजनों पर भी नजर बनाए हुए थी. उसकी गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह दबिश भी दी जा रही थी.
22 सालों से अपराध की दुनिया में सक्रिय
असलम शेर खान चिंटू बीते 22 सालों से अपराध की दुनिया में सक्रिय है. पहला मुकदमा 1998 में उसके खिलाफ दर्ज हुआ था. इसके बाद से ही लगातार वह अपराध करता रहा, जिनमें लूट, डकैती, हत्या, हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट सहित कई धाराओं में उसके खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं. इसके साथ ही दो मुकदमे हत्या के भी हैं. इसके अलावा गवाहों को धमकाने और उनके साथ मारपीट का भी मुकदमा है.