कोटा. देशभर में चल रही पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया व सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के ठिकानों पर एनआईए की रेड में कोटा और बारां में भी टीम ने कार्रवाई (NIA Investigation in Kota and Baran) की है. कोटा के विज्ञान नगर स्थित जामा मस्जिद के सामने अमन कॉलोनी में यह छापा डाला गया. सुबह 5:00 बजे करीब ही टीम पहुंच गई थी. वहीं, सांगोद में भी कार्रवाई की गई है और कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. हालांकि, इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. इस रेड के पहले भी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने कोटा और बारां से सबूत इकट्ठे किए थे, जिसके तहत उन्होंने सभी ठिकानों के बारे में पता किया था. पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े मुखिया की भी पूरी जानकारी ली थी.
इसके अलावा उनकी सभी गतिविधियों पर भी नजर पहले से ही वह बनाए हुए थे. आज छापे के दौरान बड़ी संख्या में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स बल भी उनके साथ मौजूद रहा. किसी भी अनहोनी को देखते हुए एहतियातन यह बल तैनात किया गया था. दूसरी तरफ बारां में भी बड़ी संख्या में एनआईए की टीम के सदस्य पहुंचे हैं. उनके साथ सीआरपीएफ के जवान भी हैं. टीम ने नगर परिषद में पड़ाव डाला है.
इस टीम ने कई जगह पर दबिश भी दी है. आपको बता दें कि देश की सर्वोच्च जांच एजेंसियों में शामिल नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी बुधवार एनआईए कोटा पहुंची है. यहां पर उनके कई अधिकारी सर्किट हाउस और डाक बंगले में रुके हैं. इसके अलावा बारां में भी डाक बंगला और सर्किट हाउस एनआईए अधिकारियों के लिए (NIA Investigation in Kota and Baran) बुक किया गया है. करीब एक दर्जन के आसपास अधिकारी और पूरी टीम आई है. यह दिल्ली में एनआईए में ही दर्ज हुई टेरर फंडिंग से जुड़ी एफआईआर की जांच के लिए (NIA Team Reached Kota) पहुंचे हैं. एनआईए टीम में शामिल एक दर्जन अधिकारी और सीआरपीएफ के सैकड़ों जवान शामिल हैं. इनमें आईपीएस अधिकारी आशीष बत्रा और रवि चौधरी हैं, जिनमें आईजी लेवल के भी अधिकारी हैं.
प्रदेश अध्यक्ष आसिफ मिर्जा के घर छापा : राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उससे जुड़े लिंक पर देशभर में छापेमारी की है. टेरर फंडिंग और कैम्प चलाने के मामले में जांच एजेंसी ने छापा मारा है. बीते कुछ दिनों में एनआईए ने इस मामले में एक दर्जन से अधिक केस दर्ज किए हैं, जिसमें पीएफआई का लिंक मिला है. सांगोद में पॉपुलर फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष आसिफ मिर्जा की गिरफ्तारी के लिए घर पर सर्च वारंट के साथ दबिश दी थी. आसिफ नहीं मिला तो उसके भाई आरिफ को हिरासत में लिया, लेकिन पूछताछ के बाद छोड़ दिया. भारी संख्या में सीआरपीएफ के जवान और पुलिस बल तैनात रहा था. वहीं कोटा शहर के विज्ञान नगर के अमन कॉलोनी के जिस मकान पर छापा कोटा में डाला था, जहां पर पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष आसिफ मिर्जा 10 साल पहले किराए से कमरा ले कर रहता था. इस दौरान वह कोटा में पढ़ाई कर रहा था. इसके मकान मालिक अब्दुल करीम का कहना है कि वह तो आसिफ को भूल भी गए हैं, उन्हें जानकारी नहीं है कि वह कब यहां रहा था.
एकत्रित हो गए सैकड़ों लोग : आसिफ मिर्जा के सांगोद स्थित घर पर कल सुबह दबिश देने के लिए एनआईए की टीम पहुंची थी. घर पर ताला लगा हुआ था. ऐसे में एनआईए टीम ने दरवाजा नहीं खोलने पर ताले को तोड़ दिया और अंदर प्रवेश कर गई. इस दौरान उसका भाई बाथरूम में था. काफी देर तक उसने वहां भी इंतजार करवाया. इसके बावजूद भी सैकड़ों की संख्या में लोग उसके घर के पास आ गए. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि उसने मोबाइल से ही मैसेज कर के लोगों को सूचना दे दी होगी. एनआईए के साथ मौजूद सीआरपीएफ की टीम ने लोगों को रोकने का प्रयास किया. इसके बाद लोकल पुलिस भी पहुंच गई और लोगों को पीछे हटाया गया. आसिफ के पिता सांगोद नगर पालिका में पूर्व पार्षद रहे अशफाक भिंडरवाला थे.
बारां से प्रदेश सचिव सादिक सर्राफ को किया गिरफ्तार : राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम ने एसडीपीआई के प्रदेश सचिव शादिक सर्राफ के आवास पर छापा मारकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान टीम ने उनकी पत्नी सहित सभी परिवार जनों के मोबाइल भी जब्त कर लिए हैं, इस मामले को लेकर आज सुबह एसडीपीआई के जिला सचिव इखतिहार अहमद के नेतृत्व में मुस्लिम समाज के लोग कोतवाली पहुंचे. इस मामले का विरोध जताते हुए आगे की रणनीति बनाने की बात कही है.
अहमद ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र जिस प्रकार अन्य राजनैतिक दलों को ईडी व अन्य केन्द्रीय जांच एजेंसियों की कारवाई कर परेशान कर रही ही एसडीपीआई इससे डरने वाली नहीं है. हम एनआईए की कारवाई का विरोध करेंगे और आगे की रणनीति बनाएंगे. करीब 40 सदस्यीय एनआईए की टीम के बारां पहुंचने की खबर जिले भर में आग की तरह फैल गई. वहीं, संदिग्ध कार्यों में लिप्त लोगों में हड़कंप मच गया. देर शाम तक एनआईए की टीम ने किसी को कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन गुरुवार अल सुबह छापे की कारवाई को अंजाम दिया गया.
एक दिन पहले पहुंचे अधिकारी, रात को हुई ब्रीफिंग : राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम 1 दिन पहले ही कोटा और बारां में पहुंच गई थी. जहां पर वह अलग-अलग ठिकानों पर रुक गए थे. इसके साथ ही (NIA Raid in Kota) सीआरपीएफ के जवानों को भी बुलाया गया था और सीआरपीएफ की पूरी टुकड़ी भी इस छापे के लिए मंगाई गई थी, ताकि लोकल पुलिस को इनपुट नहीं देना पड़े. जिससे कि छापे की गोपनीयता बरकरार रहे.
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ऐसा नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के अधिकारियों ने पूरी योजना बनाई थी. बुधवार देर रात को सभी अधिकारियों को ब्रीफिंग की गई कि किस तरह से छापा कहां पर डालना है. जिसके बाद कोटा से सांगोद, विज्ञान नगर के अमन कॉलोनी के लिए रवाना टीम हुई. वहीं, इसी तरह से बारां में एक ठिकानों पर छापे मारे गए. सीआरपीएफ की टुकड़ी भी अलग-अलग हिस्सों में बांट दी गई थी. जिसमें पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी हैं, साथ ही सभी जवान हथियारबंद थे. हालांकि, छापे के बाद में अचानक ही लोगों ने कुछ जगह हंगामा किया, इसके चलते लोकल पुलिस भी मौके पर पहुंची.
कोटा में भी किया विरोध-प्रदर्शन, सर्किट हाउस से कलेक्ट्रेट तक निकाला मार्च : कोटा में भी एनआईए की कार्रवाई का विरोध पीएफआई के लोगों ने किया है. बड़ी संख्या में पीएफआई के लोग सर्किट हाउस के बाहर एकत्रित हो गए. जहां से कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली है. पीएफआई के जिला अध्यक्ष सादिक अहमद का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार के खिलाफ कोई भी आवाज उठाता है, उसको ईडी, सीबीआई और एनआईए दबाने में जुट जाती है. हम बीजेपी के नफरत और गलत पॉलिसियों का विरोध करते हैं. इसीलिए कार्रवाई की गई है. पीएफआई दफ्तरों पर छापेमारी और गिरफ्तारी के विरोध में ही हम प्रदर्शन कर रहे हैं. टेरर और विदेशी फंडिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम विदेशों से चंदा नहीं ले रहे हैं. झोली फैलाकर लोगों से पैसा मांगते हैं, जिसका भी पूरा हिसाब किताब इनकम टैक्स विभाग को देते हैं.