कोटा. देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2022 में व्हाइटनर लगी ओएमआर शीट और गलत माध्यम के प्रश्न पत्रों के वितरण की खामियां सामने आई थीं. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने निराकरण से संबंधित किसी भी प्रकार का कोई ऑफिशियल अपडेट परीक्षा समाप्त होने के 15 दिनों बाद भी जारी नहीं की है. कोई ऑफिशियल अपडेट जारी नहीं किए जाने के कारण कई विद्यार्थी व अभिभावक अनिश्चितता में हैं. इसके साथ ही एक और बड़ी खामी सामने आई है. एनटीए ने बी-आर्क व बी-प्लानिंग प्रवेश परीक्षा के दूसरे सत्र के आयोजन शनिवार को समाप्त हो गया. जबकि पहले सत्र का एनटीए स्कोर अभी तक जारी नहीं किया गया (NTA score not released) है.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि जब पहले सत्र का स्कोर ही जारी नहीं हुआ है, तो दूसरे सत्र के आयोजन का आखिर क्या औचित्य है? वहीं साल 2019 में एनटीए ने इंजीनियरिंग व आर्किटेक्चर प्रवेश परीक्षा का आयोजन वर्ष में दो बार जनवरी व अप्रैल माह में करने का निर्णय इसलिए लिया गया था कि विद्यार्थियों को पहले चरण में की गई गलतियों को सुधारने का मौका मिले. वे परफॉर्मेंस इंप्रूव कर सकें व परीक्षाओं को लेकर विद्यार्थियों में तनाव कम हो. साल 2019 से लेकर वर्ष 2021 तक कोरोना के चलते जेईईमेन बीई व बीटेक और बीआर्क-बी प्लानिंग परीक्षाएं चाहे दो सत्रों में आयोजित की गई हों या फिर चार सत्रों में, ऐसा कभी नहीं हुआ कि पिछले-सत्र का एनटीए स्कोर जारी किए गए बगैर अगले-सत्र की परीक्षा का आयोजन किया गया हो.
शर्मा ने बताया कि वर्ष 2022 में ऐसा पहली बार हो रहा है कि बी-आर्क/प्लानिंग प्रवेश-परीक्षा के जुलाई-सत्र का आयोजन, जून-सत्र के एटीए-स्कोर जारी किए बिना ही कर लिया गया. निश्चित तौर पर यह बड़ी ऐतिहासिक घटना है. बी-आर्क/प्लानिंग के जून-सेशन के एनटीए-स्कोर जारी नहीं किए जाने के कारण विद्यार्थियों को अपनी खामियां जानने का मौका ही नहीं मिला. किसे कहां, कौन से सब्जेक्ट-पार्ट में इंप्रूव करना है यह विद्यार्थी समझ ही नहीं पाए. शर्मा ने तो यहां तक बताया कि हो सकता है जिन विद्यार्थियों को जून-सेशन में 100-परसेंटाईल प्राप्त होने की संभावना हो उन्होंने भी मजबूरी में फिर से जुलाई-सेशन अटेम्ट किया हो. शर्मा ने बताया कि इससे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की कार्यप्रणाली व साख पर प्रश्नचिन्ह लगा है.
पढ़ें: JEE MAIN 2022: जून सेशन बी-आर्क व बी-प्लांनिग के स्कोरकार्ड नहीं हुए जारी... जुलाई की परीक्षा 30 को
आखिर क्यों हो रही है गड़बड़ियां, 'ट्रेनिंग' का अभाव: शर्मा ने बताया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी की परीक्षा से संबंधित सभी विशेषज्ञों को यह ज्ञात है कि अंग्रेजी माध्यम का प्रश्न पत्र सिर्फ अंग्रेजी में छपा होता है. जबकि हिंदी माध्यम का प्रश्न पत्र हिंदी व अंग्रेजी दोनों माध्यमों में छपा होता है. क्षेत्रीय भाषाओं के प्रश्नपत्र क्षेत्रीय भाषा व अंग्रेजी दोनों में छपे होते हैं. ऐसे में यदि कोई इनविजीलेटर हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम का प्रश्न पत्र वितरित कर देता है, तो यह साफ है कि परीक्षा आयोजन से पूर्व 'ट्रेनिंग' का अभाव रहा है. हिंदी माध्यम का विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम के प्रश्न पत्र में क्या समझ पाएगा? यदि परीक्षा पूर्व ठीक प्रकार से ट्रेनिंग दी गई होती तो केंद्र अधीक्षक, इनविजीलेटर व ऑब्जर्वर मिलकर इस प्रकार की गड़बड़ी को रोकते.
दूसरी और वितरित की गई ओएमआर शीट को वापस लेना. भरी हुई ओएमआर शीट पर व्हाइटनर लगाना, उसे फिर से वितरित करना यह साफ करता है कि संबंधित इनविजीलेटर व केंद्र अधीक्षक को यह जानकारी नहीं है कि व्हाइटनर लगी ओएमआर शीट को ऑप्टिकल मार्क रीडर स्केनर, स्कैन ही नहीं करता, लेकिन रिजेक्ट कर देता है. एनटीए को भविष्य के लिए केंद्र अधीक्षकों व इनविजीलेटर्स की बेहतर ट्रेनिंग की आवश्यकता है. बीआर्क व बीप्लानिंग का समय सीमा में एनटीए स्कोर जारी नहीं किया जाना यह दर्शाता है कि एजेंसी वर्क लोड को मैनेज नहीं कर पा रही है.