कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट यूजी 2022) का परिणाम 7 जुलाई को जारी कर दिया था. इस परिणाम में देश के सरकारी व निजी मेडिकल संस्थानों की एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष अंडर ग्रेजुएट व बीएससी नर्सिंग कोर्सेज की सीटों पर प्रवेश के लिए 993000 विद्यार्थियों को क्वालीफाई किया था, लेकिन नीट यूजी 2022 के रिजल्ट के 1 सप्ताह बाद 1 भी मेडिकल काउंसलिंग कमेटी ने एमबीबीएस की 92000 से ज्यादा सीटों के लिए प्रवेश प्रक्रिया के तहत काउंसलिंग का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया (NEET UG counselling notification awaited) है. इसके अलावा बीडीएस, आयुष अंडर ग्रेजुएट व बीएससी नर्सिंग कोर्स के लिए काउंसलिंग की भी कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है. ऐसे में नीट यूजी 2022 से सफल घोषित किए गए लाखों विद्यार्थी इसका इंतजार कर रहे हैं.
विद्यार्थियों के लिए केवल सरकारी सीट का ही क्रेज: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट यूजी परीक्षा आयोजित कर परिणाम जारी करने तक ही सीमित है. देश के सभी मेडिकल संस्थानों के एमबीबीएस, बीडीएस व आयुष अंडर ग्रेजुएट कोर्स की सीटों पर प्रवेश डायरेक्टर जनरल आफ हेल्थ साइंसेज (DGHS) की गठित मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) व स्टेट काउंसलिंग कमेटियां ही नीट यूजी की मेरिट के आधार पर दिए जाते हैं. एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि क्वालीफाई विद्यार्थियों में गवर्नमेंट एमबीबीएस सीट को लेकर ही क्रेज (Craze of MBBS seats in students) है.
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बीडीए़स में खाली रह गई थी 22 फीसदी सीटें: शर्मा के अनुसार बीते सालों के आंकड़ों से यह साफ हो जाता है कि आयुष व बीडीएस कोर्स में प्रवेश को लेकर विद्यार्थियों व अभिभावकों में कोई विशेष रुचि नहीं है. आयुष कोर्स में केवल कुछ नामी गिरामी संस्थानों की आयुर्वेद सीटों पर विद्यार्थियों की रुचि है, लेकिन इन सीटों पर भी प्रवेश विद्यार्थियों की प्राथमिकता नहीं है. बीडीएस की सीटों पर प्रवेश के हाल ज्यादा निराशाजनक हैं. डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के साल 2021 के आंकड़ों के अनुसार देश के 317 डेंटल संस्थानों में 27698 सीटें हैं, लेकिन 2021 में 21644 सीटों पर विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया. जबकि 6054 यानी कि करीब 22 बीडीएस सीटें खाली रह गई थी.