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नया भारत रो नयो स्टेशन "सोगरिया" बनकर तैयार, करोड़ों के स्टेशन को रेल मंत्री के ग्रीन सिग्नल का इंतजार

नया भारत रो नयो स्टेशन (Naya Bharat Ro Naya Station) यानी नए भारत का नया स्टेशन- राजस्थान का सोगरिया (Sogariya) बनकर तैयार है. करोड़ों की लागत से बना राजस्थान (Rajasthan) की संस्कृति को दर्शाता ये स्टेशन सुर्खियों में तब आया जब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishanav) ने इसको टैग करते हुए ट्वीट (Tweet) किया था. सवाल पूछा जाने लगा कि बनकर तो तैयार है लेकिन इसका उद्घाटन कब होगा?

Sogariya
नया भारत रो नयो स्टेशन तैयार
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Published : Sep 28, 2021, 2:26 PM IST

Updated : Sep 28, 2021, 8:18 PM IST

कोटा: सोगरिया स्टेशन (Sogaria Station) करीब 1 महीने से पूरी तरह से बनकर तैयार है, लेकिन आम लोगों की पहुंच से अभी दूर है. करोड़ों रुपए इसमें खर्च हुए. इसे शुरू करने की जद्दोजहद बीते 6 महीने से चल रही है. पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल इसको ग्रीन सिग्नल (Green Signal Of Railway Minister) दिखाने वाले थे तो अब नए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की बाट ये स्टेशन खोज रहा है. कोटा के मंडल रेल प्रबंधक पंकज शर्मा ने अब उम्मीद जताई है कि आने वाले शारदीय नवरात्र में उद्घाटन किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें- Special: पानी में घुला जहर! बीकानेर में बढ़ रही बीमारों की तादाद... जिम्मेदार कौन?

कब चालू होगा नए भारत का नया स्टेशन

उद्घाटन को लेकर फिलहाल कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी सोगरिया स्टेशन ((Sogaria Station)) का फोटो ट्वीट (Tweet) किया. राजस्थानी भाषा में लिखा "नया भारत रो नयो स्टेशन' और ये लोगों की जुबान पर चढ़ गया इसके साथ ही ये सवाल भी कि 'नए भारत रो नयो स्टेशन कब चाल एलो' यानी ये कब से लोगों की सुविधा के लिए प्रयोग में लाया जाएगा.

नया भारत रो नयो स्टेशन "सोगरिया" बनकर तैयार

हरी झंडी का इंतजार

यहां पर यात्री प्रतिक्षालय के साथ-साथ टिकट काउंटर और रिजर्वेशन काउंटर भी स्थापित कर दिए गए हैं. उपनगरीय स्टेशन के रूप में इसे विकसित किया जाना है. कोटा स्टेशन (Kota) बीना मुख्य लाइन पर स्थित है. जबकि इसे दिल्ली-मुंबई व कोटा-चित्तौड़गढ़ रेल खंड से भी जोड़ा गया है.

कई ट्रेनों को यहां से बाईपास किया जाएगा, जो कोटा स्टेशन पर नहीं जाएगी. इस कोटा जंक्शन का भार कम होगा. यह स्टेशन कोटा जंक्शन से महज 3 किलोमीटर दूर ही स्थित है. रेलवे स्टेशन पर भी वीवीआइपी वेटिंग रूम (VVIP Waiting Room) के अलावा सामान्य वेटिंग रूम (Waiting Room), स्टेशन सुपरिटेंडेंट, स्टेशन मास्टर, स्टेशन मैनेजर के साथ-साथ ट्रेनों के संचालन से जुड़े कई रूम बनकर तैयार हो गए हैं. जहां पर मशीनरी भी लगा दी गई है.

इस स्टेशन में सब कुछ बनकर तैयार है बस इसे हरी झंडी का इंतजार है. जिसके बाद यहां पर ट्रेनों का रुकना भी शुरू हो जाएगा. ट्रेनों में पानी भरने के लिए भी यहां पर एक सिस्टम लगाया गया है.

Paper less
पेपर लैस होगी व्यवस्था

संरक्षा अधिकारियों ने भी कर ले लिया जायजा

रेलवे के किसी भी नए स्टेशन को शुरू करने के पहले संरक्षा अधिकारी (Safety Officers) इसका जायजा लेते हैं. उनकी अनुमति मिलने के बाद ही रेलवे स्टेशन शुरू किया जाता है. ऐसे में सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने भी सोगरिया स्टेशन (Sogaria Station) का जायजा ले लिया. स्टेशन पर पहुंचने वाली एप्रोच सड़क (Approach Road) पूरी तरह से तैयार है. सर्कुलेटिंग एरिया (Circulating Area) में कार, ऑटो - रिक्शा और निजी वाहनों के साथ-साथ वीआईपी पार्किंग (VIP Parking) भी तैयार कर दी गई है.

पढ़ें- Special : जवाबदेही कानून पर आधा कार्यकाल बीतने के बाद भी जवाब देने की स्थिति में नहीं गहलोत सरकार...मंशा पर उठने लगे सवाल

सेल्फी प्वाइंट और फ्री वाईफाई!

नए भारत की नई तस्वीर पेश करते इस स्टेशन में वो सारी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं जो इसे ट्रेंडी बनाती हैं. करीब 16 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुए हेरिटेज लुक (Heritage Look) के स्टेशन में एक सेल्फी प्वाइंट (Selfie Point) भी रखा गया है. ताकि फुर्सत के क्षणों में सेल्फी लेकर मन बहला सकें, सोशल मीडिया पर अपलोड कर सकें और पर्यटन का एक जरिया बन सके.

Heritage look
हेरिटेज लुक पर विशेष ध्यान

स्टेशन पर अलग-अलग तरह की लाइटिंग की गई है ताकि वह रात के समय रंगबिरंगा दिखे. दावा है कि स्टेशन परिसर में रेल यात्रियों को फ्री वाई-फाई की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए भी इंस्ट्रूमेंट इंस्टॉल कर दिए गए हैं. यहां तक कि धौलपुर का लाल पत्थर इस व्यवस्था को सुघड़ रूप देने के लिए इस्तेमाल किया गया है.

पेपरलेस सिस्टम करने की तैयारी

रेलवे सोगरिया स्टेशन (Railway Sogaria Station) पर पेपर लेस चार्ट के लिए इलेक्ट्रिक बोर्ड (Electric Chart) लगाए गए हैं. इसके साथ ही दो उच्चस्तरीय प्लेटफार्म तैयार कर दिए गए हैं. पर्याप्त यात्री सुविधाएं और वेटिंग रूम के साथ-साथ प्लेटफार्म पर जगह-जगह बैठने के लिए बेंच लगाए गए हैं. इसके साथ ही कोच गाइडेंस डिस्प्ले बोर्ड और यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेनों की आने-जाने की समय सारणी के लिए डिस्प्ले बोर्ड भी लगाए गए हैं. जीपीएस आधारित क्लॉक (GPS enabled Clock) भी स्टेशन पर स्थापित कर दी गई है.

ये भी पढ़ें- Special: गर्भ धारण किए बिना गाय दे रही दूध, डॉक्टरों ने नई पद्धति से शुरू किया दुग्ध उत्पादन

होगी समय की बचत, नहीं बदलना पड़ेगा इंजन

सोगरिया स्टेशन (Sogaria Station) शुरू हो जाने के बाद बारां (Baran) की तरफ से जयपुर (Jaipur) और चित्तौड़गढ़ की तरफ जाने वाली ट्रेनों को यहां से बाईपास किए जाने की योजना है. जिसके बाद कोटा जंक्शन (Kota) पर इस तरफ जाने वाली ट्रेनों का इंजन बदला जाता था, अब इससे निजात मिलेगी. इसके साथ ही चित्तौड़गढ़ और जयपुर की तरफ से आने वाली ट्रेनें भी सीधी आ सकेंगी. सीधा रूट हो जाने पर इंजन बदलने में लगने वाले समय की बचत होगी और यात्रियों को भी इससे फायदा होगा.

धीरे-धीरे होगी ट्रेनों के ठहराव की शुरुआत

शुरुआत में यहां से पैसेंजर (Passenger Train) और साप्ताहिक ट्रेनों (Weekly Train) को ही रवाना किया जाएगा. इसके बाद मेमू ट्रेन भी यहां से संचालित की जा सकती हैं. मेल पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव की भी योजना है. य

नई व्यवस्था बारां (Baran) और छबड़ा की तरफ अप-डाउन करने वाले लोगों के लिए किसी खुश खबर से कम नहीं है. फिलहाल कोटा गुना रेल खंड (Kota) पर होकर उदयपुर - शालीमार, बीकानेर - पुरी, विशाखापट्टनम - भगत की कोठी, भगत की कोठी - अंबावरम, मदार - कोलकाता, अजमेर - संतरागाछी जैसी सप्ताहिक ट्रेन यहां से गुजरती है.

इसके अलावा कोटा - इंदौर इंटरसिटी, जोधपुर - भोपाल, दयोदय एक्सप्रेस और आधा दर्जन पैसेंजर व मेल - एक्सप्रेस ट्रेन का भी रूट यही है. ये ट्रेनें बीना-ग्वालियर की तरफ जाती हैं. ऐसे में रेलवे (Railway) धीरे-धीरे ही यहां पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाएगा ताकि कोटा जंक्शन (Kota Junction) का भी भार कम हो. संभावना पूरी है कि आगामी समय में ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी जिससे स्टेशन का अधिकतम उपयोग हो सकेगा.

कोटा: सोगरिया स्टेशन (Sogaria Station) करीब 1 महीने से पूरी तरह से बनकर तैयार है, लेकिन आम लोगों की पहुंच से अभी दूर है. करोड़ों रुपए इसमें खर्च हुए. इसे शुरू करने की जद्दोजहद बीते 6 महीने से चल रही है. पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल इसको ग्रीन सिग्नल (Green Signal Of Railway Minister) दिखाने वाले थे तो अब नए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की बाट ये स्टेशन खोज रहा है. कोटा के मंडल रेल प्रबंधक पंकज शर्मा ने अब उम्मीद जताई है कि आने वाले शारदीय नवरात्र में उद्घाटन किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें- Special: पानी में घुला जहर! बीकानेर में बढ़ रही बीमारों की तादाद... जिम्मेदार कौन?

कब चालू होगा नए भारत का नया स्टेशन

उद्घाटन को लेकर फिलहाल कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी सोगरिया स्टेशन ((Sogaria Station)) का फोटो ट्वीट (Tweet) किया. राजस्थानी भाषा में लिखा "नया भारत रो नयो स्टेशन' और ये लोगों की जुबान पर चढ़ गया इसके साथ ही ये सवाल भी कि 'नए भारत रो नयो स्टेशन कब चाल एलो' यानी ये कब से लोगों की सुविधा के लिए प्रयोग में लाया जाएगा.

नया भारत रो नयो स्टेशन "सोगरिया" बनकर तैयार

हरी झंडी का इंतजार

यहां पर यात्री प्रतिक्षालय के साथ-साथ टिकट काउंटर और रिजर्वेशन काउंटर भी स्थापित कर दिए गए हैं. उपनगरीय स्टेशन के रूप में इसे विकसित किया जाना है. कोटा स्टेशन (Kota) बीना मुख्य लाइन पर स्थित है. जबकि इसे दिल्ली-मुंबई व कोटा-चित्तौड़गढ़ रेल खंड से भी जोड़ा गया है.

कई ट्रेनों को यहां से बाईपास किया जाएगा, जो कोटा स्टेशन पर नहीं जाएगी. इस कोटा जंक्शन का भार कम होगा. यह स्टेशन कोटा जंक्शन से महज 3 किलोमीटर दूर ही स्थित है. रेलवे स्टेशन पर भी वीवीआइपी वेटिंग रूम (VVIP Waiting Room) के अलावा सामान्य वेटिंग रूम (Waiting Room), स्टेशन सुपरिटेंडेंट, स्टेशन मास्टर, स्टेशन मैनेजर के साथ-साथ ट्रेनों के संचालन से जुड़े कई रूम बनकर तैयार हो गए हैं. जहां पर मशीनरी भी लगा दी गई है.

इस स्टेशन में सब कुछ बनकर तैयार है बस इसे हरी झंडी का इंतजार है. जिसके बाद यहां पर ट्रेनों का रुकना भी शुरू हो जाएगा. ट्रेनों में पानी भरने के लिए भी यहां पर एक सिस्टम लगाया गया है.

Paper less
पेपर लैस होगी व्यवस्था

संरक्षा अधिकारियों ने भी कर ले लिया जायजा

रेलवे के किसी भी नए स्टेशन को शुरू करने के पहले संरक्षा अधिकारी (Safety Officers) इसका जायजा लेते हैं. उनकी अनुमति मिलने के बाद ही रेलवे स्टेशन शुरू किया जाता है. ऐसे में सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने भी सोगरिया स्टेशन (Sogaria Station) का जायजा ले लिया. स्टेशन पर पहुंचने वाली एप्रोच सड़क (Approach Road) पूरी तरह से तैयार है. सर्कुलेटिंग एरिया (Circulating Area) में कार, ऑटो - रिक्शा और निजी वाहनों के साथ-साथ वीआईपी पार्किंग (VIP Parking) भी तैयार कर दी गई है.

पढ़ें- Special : जवाबदेही कानून पर आधा कार्यकाल बीतने के बाद भी जवाब देने की स्थिति में नहीं गहलोत सरकार...मंशा पर उठने लगे सवाल

सेल्फी प्वाइंट और फ्री वाईफाई!

नए भारत की नई तस्वीर पेश करते इस स्टेशन में वो सारी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं जो इसे ट्रेंडी बनाती हैं. करीब 16 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुए हेरिटेज लुक (Heritage Look) के स्टेशन में एक सेल्फी प्वाइंट (Selfie Point) भी रखा गया है. ताकि फुर्सत के क्षणों में सेल्फी लेकर मन बहला सकें, सोशल मीडिया पर अपलोड कर सकें और पर्यटन का एक जरिया बन सके.

Heritage look
हेरिटेज लुक पर विशेष ध्यान

स्टेशन पर अलग-अलग तरह की लाइटिंग की गई है ताकि वह रात के समय रंगबिरंगा दिखे. दावा है कि स्टेशन परिसर में रेल यात्रियों को फ्री वाई-फाई की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए भी इंस्ट्रूमेंट इंस्टॉल कर दिए गए हैं. यहां तक कि धौलपुर का लाल पत्थर इस व्यवस्था को सुघड़ रूप देने के लिए इस्तेमाल किया गया है.

पेपरलेस सिस्टम करने की तैयारी

रेलवे सोगरिया स्टेशन (Railway Sogaria Station) पर पेपर लेस चार्ट के लिए इलेक्ट्रिक बोर्ड (Electric Chart) लगाए गए हैं. इसके साथ ही दो उच्चस्तरीय प्लेटफार्म तैयार कर दिए गए हैं. पर्याप्त यात्री सुविधाएं और वेटिंग रूम के साथ-साथ प्लेटफार्म पर जगह-जगह बैठने के लिए बेंच लगाए गए हैं. इसके साथ ही कोच गाइडेंस डिस्प्ले बोर्ड और यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेनों की आने-जाने की समय सारणी के लिए डिस्प्ले बोर्ड भी लगाए गए हैं. जीपीएस आधारित क्लॉक (GPS enabled Clock) भी स्टेशन पर स्थापित कर दी गई है.

ये भी पढ़ें- Special: गर्भ धारण किए बिना गाय दे रही दूध, डॉक्टरों ने नई पद्धति से शुरू किया दुग्ध उत्पादन

होगी समय की बचत, नहीं बदलना पड़ेगा इंजन

सोगरिया स्टेशन (Sogaria Station) शुरू हो जाने के बाद बारां (Baran) की तरफ से जयपुर (Jaipur) और चित्तौड़गढ़ की तरफ जाने वाली ट्रेनों को यहां से बाईपास किए जाने की योजना है. जिसके बाद कोटा जंक्शन (Kota) पर इस तरफ जाने वाली ट्रेनों का इंजन बदला जाता था, अब इससे निजात मिलेगी. इसके साथ ही चित्तौड़गढ़ और जयपुर की तरफ से आने वाली ट्रेनें भी सीधी आ सकेंगी. सीधा रूट हो जाने पर इंजन बदलने में लगने वाले समय की बचत होगी और यात्रियों को भी इससे फायदा होगा.

धीरे-धीरे होगी ट्रेनों के ठहराव की शुरुआत

शुरुआत में यहां से पैसेंजर (Passenger Train) और साप्ताहिक ट्रेनों (Weekly Train) को ही रवाना किया जाएगा. इसके बाद मेमू ट्रेन भी यहां से संचालित की जा सकती हैं. मेल पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव की भी योजना है. य

नई व्यवस्था बारां (Baran) और छबड़ा की तरफ अप-डाउन करने वाले लोगों के लिए किसी खुश खबर से कम नहीं है. फिलहाल कोटा गुना रेल खंड (Kota) पर होकर उदयपुर - शालीमार, बीकानेर - पुरी, विशाखापट्टनम - भगत की कोठी, भगत की कोठी - अंबावरम, मदार - कोलकाता, अजमेर - संतरागाछी जैसी सप्ताहिक ट्रेन यहां से गुजरती है.

इसके अलावा कोटा - इंदौर इंटरसिटी, जोधपुर - भोपाल, दयोदय एक्सप्रेस और आधा दर्जन पैसेंजर व मेल - एक्सप्रेस ट्रेन का भी रूट यही है. ये ट्रेनें बीना-ग्वालियर की तरफ जाती हैं. ऐसे में रेलवे (Railway) धीरे-धीरे ही यहां पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाएगा ताकि कोटा जंक्शन (Kota Junction) का भी भार कम हो. संभावना पूरी है कि आगामी समय में ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी जिससे स्टेशन का अधिकतम उपयोग हो सकेगा.

Last Updated : Sep 28, 2021, 8:18 PM IST
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