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विनायका गांव में कोरोना से मां बेटी की मौत, बेटी की कुछ दिन बाद थी शादी

राजस्थान में कोरोना संक्रमण के कारण कई लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, जिले के विनायका गांव में एक मां बेटी की कोरोना से मौत हो गई. कोरोना वायरस से 12 घंटे के बीच मां-बेटी की जान चली गई. वहीं, बेटी की शादी भी नवंबर में तय थी लेकिन खुशियों आने से पहले ही घर में मातम छा गया.

कोटा हिंदी न्यूज , Kota Hindi News
विनायका गांव में कोरोना से मां बेटी की मौत
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Published : May 13, 2021, 9:15 PM IST

इटावा (कोटा). शहर के इटावा में कोरोना संक्रमण काल बना हुआ है. कोरोना की दूसरी लहर ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है. जिले के विनायका गांव में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां कोरोना वायरस से 12 घंटे के बीच मां-बेटी की जान चली गई. जिस समय मां की चिता को अग्नि दी जा रही थी, उसी वक्त बेटी की मौत की भी खबर आ गई. इससे पहले तक पूरा परिवार B.Tech. डिग्री होल्डर बेटी की शादी की तैयारी में लगा था. बाद में महामारी के कारण शादी को नवंबर तक स्थगित किया गया था.

विनायका के पूर्व सरपंच के परिवार में दो साल में चार मौत

विनायका के पूर्व सरपंच कन्हैया लाल (72) की पत्नी का दिल की बीमारी के कारण दो साल पहले निधन हुआ था. वहीं, बेटे बद्रीलाल (47) की साइलेंट हार्ट अटैक के चलते एक साल पहले मौत हुई थी. परिवार में बहू बद्री बाई (45), 3 पोते-पोतियां बचे थे. कुछ माह पहले तक परिवार में खुशियों का माहौल था. पोती संगीता (25) की शादी तय हुई थी.

बता दें कि संगीता जयपुर से B.Tech. सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी. महामारी के कारण शादी को नवम्बर तक के लिए स्थगित किया था. संगीता की मां बद्री बाई शादी की तैयारियों में व्यस्त थी. पूर्व सरपंच ने पोती की शादी के लिए कार, कोटा में मैरिज हॉल, हलवाई और अन्य कई बुकिंग करवा दी थी. वे 21 नवंबर को कोटा में शादी करना चाहते थे. महामारी के कारण शादी को नवम्बर तक के लिए स्थगित किया था. संगीता की मां शादी की तैयारियों में व्यस्त थी. संगीता की मां बद्री बाई एक माह पहले बारां जिले में परिचित के यहां गई थी. वहां शादी को लेकर खरीददारी चल रही थी. वहां से लौटते ही बीमार हो गई.

पढ़ें- पाक शरणार्थियों को जबरन गांव से निकालने का Video Viral, मंत्री ने दखल देकर सुरक्षित स्थान पर रुकवाया

जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए कोटा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. बेटी संगीता अस्पताल में मां की देखरेख में जुटी थी. इस दौरान बेटी की भी तबियत खराब हो गई. हालत में सुधार नहीं होने पर मां बेटी को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. बेटी संगीता के सीटी स्कोर 19 था. जिसका लगभग 12 दिन से अस्पताल में इलाज चल रहा था. तीन चार दिन पहले ही मां की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, लेकिन दोनों ऑक्सीजन सपोर्ट पर थीं. मंगलवार रात 8 बजे मां ने दम तोड़ दिया.

वहीं, दूसरे दिन सुबह परिजन अंतिम संस्कार के लिए शव गांव में लेकर आ गए. मां के अंतिम संस्कार के दो घंटे भी नहीं बीते थे कि बेटी की मौत की खबर आ गई. बेटी संगीता ने इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दम तोड़ दिया. गांव में एक दिन में दो शवों के अंतिम संस्कार से माहौल गमगीन हो गया. पूरे गांव में मातम छा गया.

इटावा (कोटा). शहर के इटावा में कोरोना संक्रमण काल बना हुआ है. कोरोना की दूसरी लहर ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है. जिले के विनायका गांव में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां कोरोना वायरस से 12 घंटे के बीच मां-बेटी की जान चली गई. जिस समय मां की चिता को अग्नि दी जा रही थी, उसी वक्त बेटी की मौत की भी खबर आ गई. इससे पहले तक पूरा परिवार B.Tech. डिग्री होल्डर बेटी की शादी की तैयारी में लगा था. बाद में महामारी के कारण शादी को नवंबर तक स्थगित किया गया था.

विनायका के पूर्व सरपंच के परिवार में दो साल में चार मौत

विनायका के पूर्व सरपंच कन्हैया लाल (72) की पत्नी का दिल की बीमारी के कारण दो साल पहले निधन हुआ था. वहीं, बेटे बद्रीलाल (47) की साइलेंट हार्ट अटैक के चलते एक साल पहले मौत हुई थी. परिवार में बहू बद्री बाई (45), 3 पोते-पोतियां बचे थे. कुछ माह पहले तक परिवार में खुशियों का माहौल था. पोती संगीता (25) की शादी तय हुई थी.

बता दें कि संगीता जयपुर से B.Tech. सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी. महामारी के कारण शादी को नवम्बर तक के लिए स्थगित किया था. संगीता की मां बद्री बाई शादी की तैयारियों में व्यस्त थी. पूर्व सरपंच ने पोती की शादी के लिए कार, कोटा में मैरिज हॉल, हलवाई और अन्य कई बुकिंग करवा दी थी. वे 21 नवंबर को कोटा में शादी करना चाहते थे. महामारी के कारण शादी को नवम्बर तक के लिए स्थगित किया था. संगीता की मां शादी की तैयारियों में व्यस्त थी. संगीता की मां बद्री बाई एक माह पहले बारां जिले में परिचित के यहां गई थी. वहां शादी को लेकर खरीददारी चल रही थी. वहां से लौटते ही बीमार हो गई.

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जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए कोटा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. बेटी संगीता अस्पताल में मां की देखरेख में जुटी थी. इस दौरान बेटी की भी तबियत खराब हो गई. हालत में सुधार नहीं होने पर मां बेटी को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. बेटी संगीता के सीटी स्कोर 19 था. जिसका लगभग 12 दिन से अस्पताल में इलाज चल रहा था. तीन चार दिन पहले ही मां की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, लेकिन दोनों ऑक्सीजन सपोर्ट पर थीं. मंगलवार रात 8 बजे मां ने दम तोड़ दिया.

वहीं, दूसरे दिन सुबह परिजन अंतिम संस्कार के लिए शव गांव में लेकर आ गए. मां के अंतिम संस्कार के दो घंटे भी नहीं बीते थे कि बेटी की मौत की खबर आ गई. बेटी संगीता ने इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दम तोड़ दिया. गांव में एक दिन में दो शवों के अंतिम संस्कार से माहौल गमगीन हो गया. पूरे गांव में मातम छा गया.

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