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SPECIAL : मासूमों पर CORONA की दूसरी लहर भारी...कोटा में 50 से ज्यादा बच्चे गंभीर, ब्लड क्लॉटिंग भी हो रही - More than 50 children infected in Kota

कोटा मेडिकल कॉलेज के जेके लोन अस्पताल में बच्चों के लिए 18 बेड का कोविड-19 वार्ड बनाया गया है. वार्ड में अब तक 50 से ज्यादा बच्चों को भर्ती किया जा चुका है. फिलहाल यहां 13 बच्चे भर्ती हैं. 4 बच्चे गंभीर बीमार हैं. उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. इन बच्चों में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या काफी ज्यादा आ रही है.

Corona infection at Kota JK Lone Hospital
मासूमों पर CORONA की दूसरी लहर भारी
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Published : May 12, 2021, 6:57 PM IST

Updated : May 12, 2021, 7:30 PM IST

कोटा. कोरोना की दूसरी लहर में शिशुओं के संक्रमित होने के मामले काफी बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं. कोटा मेडिकल कॉलेज के जेके लोन अस्पताल में बच्चों के लिए ही 18 बेड का कोविड-19 वार्ड अलग से बनाया गया है. जिसमें करीब अब तक 50 से ज्यादा बच्चों को भर्ती किया जा चुका है.

शिशु रोग विशेषज्ञों से खास बातचीत

वर्तमान में यहां पर 13 बच्चे भर्ती हैं. जिनमें से चार बच्चे गंभीर रूप से बीमार है और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. इसके अलावा इन बच्चों में ब्लड क्लोटिंग की समस्या काफी ज्यादा आ रही है. ऐसे में उन्हें खून पतला करने की दवा दी जा रही है. उपचार में जुटे डॉक्टर का कहना है कि बच्चों में कोविड-19 के लक्षण भी नजर आ रहे हैं. मेडिकल कॉलेज में हो रही कोविड-19 जांच के अनुसार अब तक करीब 400 बच्चे कोविड-19 संक्रमित सामने आ चुके हैं. हालांकि लक्षण नहीं होने के चलते अधिकांश को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया है. मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग के सहायक आचार्य और जेके लोन अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ गोपी किशन शर्मा का कहना है कि बच्चों में ओपीडी में भी कोविड-19 के लक्षण लेकर कई तरह के बच्चे आते हैं. साथ ही निजी क्लीनिक पर भी इस तरह के बच्चे सामने आ रहे हैं.

सीवियर लंग इन्फेक्शन, ऑक्सीजन सपोर्ट पर

जेके लोन अस्पताल में भर्ती बच्चों की बात की जाए तो 4 बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. जिनकी स्थिति क्रिटिकल बनी हुई है. यहां तक बाईपेप मशीन के जरिए भी उनका उपचार किया जा रहा है. उनकी जांच करवाने पर उनके फेफड़ों में भी संक्रमण सामने आ रहे हैं. एक बच्चा इनमें न्यूबॉर्न भी है जिसको कि अपनी मां से ही संभवत संक्रमण मिला होगा. उसे भी वार्मर में रखा हुआ है. यह नवजात आसपास के जिलों से भी रेफर होकर आ रहे हैं.

पढ़ें- झालावाड़ में 10 महीने से नर्सेज को नहीं मिल पाया वेतन, ऐसे कैसे होगी कोरोना से जंग

7 साल की उम्र के ज्यादा बच्चे

उपचार में जुटे हुए थर्ड ईयर रेजीडेंट डॉ प्रभुदेव का कहना है कि जो बच्चे अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार हो घर पहुंच रहे हैं. उसे अधिकांश 7 साल की उम्र के कम है. उन्होंने कहा कि वार्ड में जो 13 बच्चे भर्ती हैं उनमें से दो ही बच्चे 7 साल की उम्र से ज्यादा के हैं. ऐसे में करीब 90 फ़ीसदी बच्चे 7 साल की उम्र के कम के ही संक्रमित हो रहे हैं. जिनको खतरा भी अब काफी ज्यादा हो रहा है. डॉ प्रभुदेव का कहना है कि रोज 4 से 5 बच्चों को अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है. जिन्हें सांस लेने में तकलीफ है या फिर ब्लड क्लॉटिंग हो रही है. इनमें से 5 से 7 दिन भर्ती रहने के बाद बच्चे डिस्चार्ज भी किए जा रहे हैं. रोज करीब 2 से 3 बच्चों को अस्पताल से छुट्टी मिल रही है.

अच्छी बात शिशुओं की नहीं हुई मृत्यु

इस बार बच्चों में भी कोविड-19 का संक्रमण काफी ज्यादा हो रहा है. बच्चे इससे प्रभावित ही नहीं हो रहे हैं. उनमें कोविड-19 के लक्षण भी अब नजर आ रहे हैं. कुछ बच्चों में यह बीमारी काफी ज्यादा हो रही है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करने के लिए जरूरत पड़ रही है. इसके चलते जेके लोन अस्पताल में ही 40 से 50 बच्चे भर्ती हुए हैं. साथ ही 13 बच्चे अभी भर्ती हैं. जिनमें से चार ऑक्सीजन पर हैं. ज्यादा उम्र और युवाओं में जिस तरह से बीमारी से मौत के मामले सामने आ रहे हैं. वैसा नवजात और शिशुओं के साथ नहीं हुआ है, लेकिन बच्चों को लेकर अब डर है कि इनमें भीतर बीमारी और गंभीर लक्षण अब बढ़ते जा रहे हैं.

Corona infection at Kota JK Lone Hospital
कोटा में 50 से ज्यादा बच्चे गंभीर

परिजनों से हो रहे हैं संक्रमित

डॉ गोपी किशन का कहना है कि बच्चों में बड़ों के मुकाबले का अच्छी बात है कि बच्चे घर के बाहर नहीं निकल रहे हैं. बच्चों में संक्रमण होगा तो बड़े उम्र के लोगों से ही होगा. जितने भी बच्चे आते हैं उन्हें संक्रमण उनके परिजनों से ही मिलता है. जो प्रोटोकॉल सामान्य है उसे फॉलो किया जाए. घर पर किसी को लक्षण हैं तो वह मास्क लगाकर रहें. सोशल डिस्टेंसिंग रखें, बच्चों की इम्युनिटी का थोड़ा ध्यान रखें.

कोटा. कोरोना की दूसरी लहर में शिशुओं के संक्रमित होने के मामले काफी बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं. कोटा मेडिकल कॉलेज के जेके लोन अस्पताल में बच्चों के लिए ही 18 बेड का कोविड-19 वार्ड अलग से बनाया गया है. जिसमें करीब अब तक 50 से ज्यादा बच्चों को भर्ती किया जा चुका है.

शिशु रोग विशेषज्ञों से खास बातचीत

वर्तमान में यहां पर 13 बच्चे भर्ती हैं. जिनमें से चार बच्चे गंभीर रूप से बीमार है और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. इसके अलावा इन बच्चों में ब्लड क्लोटिंग की समस्या काफी ज्यादा आ रही है. ऐसे में उन्हें खून पतला करने की दवा दी जा रही है. उपचार में जुटे डॉक्टर का कहना है कि बच्चों में कोविड-19 के लक्षण भी नजर आ रहे हैं. मेडिकल कॉलेज में हो रही कोविड-19 जांच के अनुसार अब तक करीब 400 बच्चे कोविड-19 संक्रमित सामने आ चुके हैं. हालांकि लक्षण नहीं होने के चलते अधिकांश को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया है. मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग के सहायक आचार्य और जेके लोन अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ गोपी किशन शर्मा का कहना है कि बच्चों में ओपीडी में भी कोविड-19 के लक्षण लेकर कई तरह के बच्चे आते हैं. साथ ही निजी क्लीनिक पर भी इस तरह के बच्चे सामने आ रहे हैं.

सीवियर लंग इन्फेक्शन, ऑक्सीजन सपोर्ट पर

जेके लोन अस्पताल में भर्ती बच्चों की बात की जाए तो 4 बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. जिनकी स्थिति क्रिटिकल बनी हुई है. यहां तक बाईपेप मशीन के जरिए भी उनका उपचार किया जा रहा है. उनकी जांच करवाने पर उनके फेफड़ों में भी संक्रमण सामने आ रहे हैं. एक बच्चा इनमें न्यूबॉर्न भी है जिसको कि अपनी मां से ही संभवत संक्रमण मिला होगा. उसे भी वार्मर में रखा हुआ है. यह नवजात आसपास के जिलों से भी रेफर होकर आ रहे हैं.

पढ़ें- झालावाड़ में 10 महीने से नर्सेज को नहीं मिल पाया वेतन, ऐसे कैसे होगी कोरोना से जंग

7 साल की उम्र के ज्यादा बच्चे

उपचार में जुटे हुए थर्ड ईयर रेजीडेंट डॉ प्रभुदेव का कहना है कि जो बच्चे अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार हो घर पहुंच रहे हैं. उसे अधिकांश 7 साल की उम्र के कम है. उन्होंने कहा कि वार्ड में जो 13 बच्चे भर्ती हैं उनमें से दो ही बच्चे 7 साल की उम्र से ज्यादा के हैं. ऐसे में करीब 90 फ़ीसदी बच्चे 7 साल की उम्र के कम के ही संक्रमित हो रहे हैं. जिनको खतरा भी अब काफी ज्यादा हो रहा है. डॉ प्रभुदेव का कहना है कि रोज 4 से 5 बच्चों को अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है. जिन्हें सांस लेने में तकलीफ है या फिर ब्लड क्लॉटिंग हो रही है. इनमें से 5 से 7 दिन भर्ती रहने के बाद बच्चे डिस्चार्ज भी किए जा रहे हैं. रोज करीब 2 से 3 बच्चों को अस्पताल से छुट्टी मिल रही है.

अच्छी बात शिशुओं की नहीं हुई मृत्यु

इस बार बच्चों में भी कोविड-19 का संक्रमण काफी ज्यादा हो रहा है. बच्चे इससे प्रभावित ही नहीं हो रहे हैं. उनमें कोविड-19 के लक्षण भी अब नजर आ रहे हैं. कुछ बच्चों में यह बीमारी काफी ज्यादा हो रही है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करने के लिए जरूरत पड़ रही है. इसके चलते जेके लोन अस्पताल में ही 40 से 50 बच्चे भर्ती हुए हैं. साथ ही 13 बच्चे अभी भर्ती हैं. जिनमें से चार ऑक्सीजन पर हैं. ज्यादा उम्र और युवाओं में जिस तरह से बीमारी से मौत के मामले सामने आ रहे हैं. वैसा नवजात और शिशुओं के साथ नहीं हुआ है, लेकिन बच्चों को लेकर अब डर है कि इनमें भीतर बीमारी और गंभीर लक्षण अब बढ़ते जा रहे हैं.

Corona infection at Kota JK Lone Hospital
कोटा में 50 से ज्यादा बच्चे गंभीर

परिजनों से हो रहे हैं संक्रमित

डॉ गोपी किशन का कहना है कि बच्चों में बड़ों के मुकाबले का अच्छी बात है कि बच्चे घर के बाहर नहीं निकल रहे हैं. बच्चों में संक्रमण होगा तो बड़े उम्र के लोगों से ही होगा. जितने भी बच्चे आते हैं उन्हें संक्रमण उनके परिजनों से ही मिलता है. जो प्रोटोकॉल सामान्य है उसे फॉलो किया जाए. घर पर किसी को लक्षण हैं तो वह मास्क लगाकर रहें. सोशल डिस्टेंसिंग रखें, बच्चों की इम्युनिटी का थोड़ा ध्यान रखें.

Last Updated : May 12, 2021, 7:30 PM IST
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