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Exclusive: सरकार ने चहेतों को खुश करने के लिए RPSC अध्यक्ष और सदस्य बनाए, संवैधानिक पदों की गरिमा खत्म की : किरण माहेश्वरी - Kota South Election Incharge '

पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी ने कहा कि आरपीएससी चेयरमैन का पद संवैधानिक है, उसके जिम्मे महत्वपूर्ण कार्य करने होते हैं. इसकी निष्पक्षता जरूरी है, लेकिन पूर्व डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर में भी फेल थे. उन्हें वहां पर अध्यक्ष बना दिया है़ जबकि एसीएस फाइनेंस की पत्नी को सदस्य बना दिया है.

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संवैधानिक पदों की गरिमा खत्म की
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Published : Oct 15, 2020, 11:54 PM IST

कोटा. विधायक किरण माहेश्वरी कोटा दक्षिण चुनाव की प्रभारी हैं और वे कोटा दौरे पर हैं. इस दौरान ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए उन्होंने आरपीएससी के चेयरमैन पद पर पूर्व डीजीपी भूपेंद्र यादव के नियुक्ति पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि जिस तरह से आरपीएससी में सदस्य और अध्यक्ष बनाए गए हैं, इसकी निष्पक्षता पर ही सवालिया निशान लग गए हैं. आरपीएससी अध्यक्ष का पद संवैधानिक है, लेकिन जिस तरह से पूर्व डीजीपी भूपेंद्र यादव की नियुक्ति हुई है, जो काम होने चाहिए अब वे नहीं होंगे.

संवैधानिक पदों की गरिमा खत्म की

पूर्व मंत्री माहेश्वरी ने कहा कि आरपीएससी चेयरमैन का पद संवैधानिक है. इसकी नियक्ति निष्पक्ष तौर से होनी चाहिए थी. पूर्व डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर में फेल थे. फिर भी उन्हें वहां पर अध्यक्ष बना दिया है. एसीएस फाइनेंस की पत्नी को सदस्य बना दिया है. सरकार क्या दिखाना और बताना चाहती है. केवल खानापूर्ति करनी है या फिर कुछ लोगों को सेटिस्फाई करना है. आरपीएससी की गरिमा को खत्म करने वाली बात है.

यह भी पढ़ें: Exclusive: भूपेंद्र यादव को RPSC चेयरमैन बनाकर सरकार ने संस्था का कद छोटा किया : राजेंद्र राठौड़

बागी नहीं बर्दाश्त करेगी पार्टी

बगावत कर चुनाव में उतरने वाले प्रत्याशियों के मुद्दे पर किरण माहेश्वरी ने कहा कि इस बार जो पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ेगा उसको पार्टी से निकाल दिया जाएगा. हमारी पारदर्शिता के साथ मंथन कर रहे हैं. सभी लोगों से राय ले रहे हैं. बूथ से लेकर मंडल लेवल पर बात कर रहे हैं. वहीं पूर्व मंडल अध्यक्ष और महामंत्री से भी चर्चा कर रहे हैं. पुराने वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से भी मशविरा लिया है. फिर भी कोई बगावत करता है तो पार्टी स्ट्रिक्ट एक्शन लेगी.

यह भी पढ़ें: EXCLUSIVE : निगम चुनाव में हाइब्रिड फार्मूले की आवश्यकता नहीं पड़ेगी: तरुण कुमार

युवा कार्यकर्ताओं को मिलेगी तवज्जो

किरण माहेश्वरी ने टिकट पर बात करते हुए कहा कि एक सिस्टम हमने बनाया है. इसके तहत युवा कार्यकर्ता जो कि पार्षद बनने के बाद अच्छी भागदौड़ कर काम करवा सके उनको टिकट दिया जाएगा. साथ ही अनुभवी निगम बोर्ड में होंगे तो काम अच्छा होगा. हमारी कोशिश है कि वार्ड के भीतर से ही कैंडिडेट हो तो उसको तवज्जो मिलेगी. वहीं अब वार्ड का विस्तार हुआ है, पहले 65 थे अब 150 वार्ड दोनों ही नगर निगम के हैं. ऐसे में बहुत सारे वार्ड लंबे हैं. ऐसे में कोई दूसरे वार्ड में चला गया है तो उसे टिकट मिल सकता है.

यह भी पढ़ें: RPSC सदस्यों के चयन पर सियासी उबाल, भाजपा के आरोप पर मंत्री खाचरियावास का पलटवार

कांग्रेस शासन में थानों पर अपराधी नहीं पकड़ने का प्रेशर

किरण माहेश्वरी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि यह बिल्कुल चरमरा गई है. खासतौर पर महिला अत्याचारों को देखें तो यहां पर राजस्थान के लिए बड़े शर्म की बात है. प्रदेश दूसरे या पहले स्थान पर आ रहा है. सामूहिक बलात्कार हो रहे हैं, जिस तरह से महिलाओं के साथ घटनाएं हो रही हैं. वह भी शर्मसार करने वाली हैं. अपराधियों को बचाने का काम हो रहा है, पॉलिटिकल प्रेशर थानों बनाया हुआ है. पुलिस अपराधियों को नहीं पकड़ है और वे खुलेआम छूटे घूम रहे हैं. बेधड़क घटनाएं हो रही हैं, जिस तरह से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. उससे साफ है कि पूरा सिस्टम कोलैप्स हो गया है, लॉयन ऑर्डर खत्म हो चुका है.

कोटा. विधायक किरण माहेश्वरी कोटा दक्षिण चुनाव की प्रभारी हैं और वे कोटा दौरे पर हैं. इस दौरान ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए उन्होंने आरपीएससी के चेयरमैन पद पर पूर्व डीजीपी भूपेंद्र यादव के नियुक्ति पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि जिस तरह से आरपीएससी में सदस्य और अध्यक्ष बनाए गए हैं, इसकी निष्पक्षता पर ही सवालिया निशान लग गए हैं. आरपीएससी अध्यक्ष का पद संवैधानिक है, लेकिन जिस तरह से पूर्व डीजीपी भूपेंद्र यादव की नियुक्ति हुई है, जो काम होने चाहिए अब वे नहीं होंगे.

संवैधानिक पदों की गरिमा खत्म की

पूर्व मंत्री माहेश्वरी ने कहा कि आरपीएससी चेयरमैन का पद संवैधानिक है. इसकी नियक्ति निष्पक्ष तौर से होनी चाहिए थी. पूर्व डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर में फेल थे. फिर भी उन्हें वहां पर अध्यक्ष बना दिया है. एसीएस फाइनेंस की पत्नी को सदस्य बना दिया है. सरकार क्या दिखाना और बताना चाहती है. केवल खानापूर्ति करनी है या फिर कुछ लोगों को सेटिस्फाई करना है. आरपीएससी की गरिमा को खत्म करने वाली बात है.

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बागी नहीं बर्दाश्त करेगी पार्टी

बगावत कर चुनाव में उतरने वाले प्रत्याशियों के मुद्दे पर किरण माहेश्वरी ने कहा कि इस बार जो पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ेगा उसको पार्टी से निकाल दिया जाएगा. हमारी पारदर्शिता के साथ मंथन कर रहे हैं. सभी लोगों से राय ले रहे हैं. बूथ से लेकर मंडल लेवल पर बात कर रहे हैं. वहीं पूर्व मंडल अध्यक्ष और महामंत्री से भी चर्चा कर रहे हैं. पुराने वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से भी मशविरा लिया है. फिर भी कोई बगावत करता है तो पार्टी स्ट्रिक्ट एक्शन लेगी.

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युवा कार्यकर्ताओं को मिलेगी तवज्जो

किरण माहेश्वरी ने टिकट पर बात करते हुए कहा कि एक सिस्टम हमने बनाया है. इसके तहत युवा कार्यकर्ता जो कि पार्षद बनने के बाद अच्छी भागदौड़ कर काम करवा सके उनको टिकट दिया जाएगा. साथ ही अनुभवी निगम बोर्ड में होंगे तो काम अच्छा होगा. हमारी कोशिश है कि वार्ड के भीतर से ही कैंडिडेट हो तो उसको तवज्जो मिलेगी. वहीं अब वार्ड का विस्तार हुआ है, पहले 65 थे अब 150 वार्ड दोनों ही नगर निगम के हैं. ऐसे में बहुत सारे वार्ड लंबे हैं. ऐसे में कोई दूसरे वार्ड में चला गया है तो उसे टिकट मिल सकता है.

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कांग्रेस शासन में थानों पर अपराधी नहीं पकड़ने का प्रेशर

किरण माहेश्वरी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि यह बिल्कुल चरमरा गई है. खासतौर पर महिला अत्याचारों को देखें तो यहां पर राजस्थान के लिए बड़े शर्म की बात है. प्रदेश दूसरे या पहले स्थान पर आ रहा है. सामूहिक बलात्कार हो रहे हैं, जिस तरह से महिलाओं के साथ घटनाएं हो रही हैं. वह भी शर्मसार करने वाली हैं. अपराधियों को बचाने का काम हो रहा है, पॉलिटिकल प्रेशर थानों बनाया हुआ है. पुलिस अपराधियों को नहीं पकड़ है और वे खुलेआम छूटे घूम रहे हैं. बेधड़क घटनाएं हो रही हैं, जिस तरह से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. उससे साफ है कि पूरा सिस्टम कोलैप्स हो गया है, लॉयन ऑर्डर खत्म हो चुका है.

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