कोटा. सांगोद के विधायक भरत सिंह ने बारां जिले में स्थित खान की झोपड़ियां गांव को कोटा में शामिल करवाने के लिए मोर्चा (MLA Bharat Singh Protest In Kota) खोला हुआ है. उनका आरोप है कि इस गांव में अवैध खनन होता है. उन्होंने बिना नाम लिए बारां जिले के विधायकों और मंत्री प्रमोद जैन भाया पर हमला बोला है.
खान की झोपड़िया को कोटा में शामिल करने की मांग : उनका कहना है कि विधानसभा में उन्होंने इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन बारां के 3 विधायकों ने इसके संबंध में पत्र लिख दिया. इसीलिए वह जनता का साथ लेकर धरना प्रदर्शन इस मामले में कर रहे हैं. विधानसभा सत्र शुरू होने पर जयपुर विधानसभा में शामिल होने की जगह कोटा में ही विरोध प्रदर्शन करेंगे. इस दौरान कलेक्टर के बाहर 9 फरवरी से धरना देंगे. जहां बारां जिले के गांव खान की झोपड़िया को कोटा जिले में शामिल करने की मांग करेंगे.
अशोक गहलोत को ब्यूरोक्रेसी चला रही : विधायक भरत सिंह ने ब्यूरोक्रेसी (Bharat Singh allaged Bureaucracy of Rajasthan) पर तंज कंसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ब्यूरोक्रेसी चला रही है. भरत सिंह ने इस मामले पर यहां तक कह दिया कि जिस तरह से शादी में दूल्हा घोड़ी पर बैठा होता है, लेकिन आगे नाचने वाले लोग ही बारात को रास्ता दिखाते हैं, उसी तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (MLA Bharat Singh on CM Ashok Gehlot ) जरूर इस सरकार के मुखिया हैं, लेकिन ब्यूरोक्रेसी नाचने वाले लोगों की तरह है.
30 साल पहले गलती हुई उसे सुधारने की मांग : विधायक भरत सिंह का कहना है कि 30 साल पहले कोटा से अलग जिला बनने पर बारां जिले में खान की झोपड़िया गांव को शामिल कर लिया. यह प्रशासनिक भूल थी, क्योंकि यह भौगोलिक स्थिति से कोटा जिले में स्थित है. आज तक इस भूल का सुधार नहीं हुआ है. यहां पर वैध से ज्यादा अवैध खनन होता है और विकास के मामले में भी गांव पिछड़ा हुआ है. खनन का राजस्व कोटा जिले की डीएमएफटी में जाना चाहिए था, इसकी जगह बारां जिले में जा रहा है.
मुख्यमंत्री और कांग्रेस सरकार के खिलाफ नहीं है धरना : भरत सिंह का कहना है कि मैं सांगोद से 3 बार विधायक रहा हूं. ऐसे में जनता सोचेगी कि मैंने क्या किया? मैंने विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया था, लेकिन तभी मुझे जानकारी मिली कि बारां जिले के 3 विधायकों ने इसके संबंध में राज्य सरकार को पत्र लिखा है. इसी के चलते मेरी मांग पूरी नहीं हो पा रही है. इससे स्पष्ट है कि विधानसभा में मेरे प्रयास के लिए कामयाब नहीं हो रहे हैं. अब मैंने सोच समझकर कोटा में धरना प्रदर्शन की सोचा है. विधानसभा सत्र की शुरुआत 9 फरवरी को सुबह 11:00 बजे होगी, यहां इसी समय मेरा धरना प्रदर्शन शुरू होगा. यह धरना मुख्यमंत्री और कांग्रेस सरकार के खिलाफ नहीं है. इन 30 सालों में तीन तीन बार भाजपा कांग्रेस की सरकार आई है, लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था के चलते यह नहीं हो पाया. ऐसे में अब जनता को साथ लेकर विरोध प्रदर्शन पर उतरा हूं.