कोटा. मंत्री शांति धारीवाल के बयान पर विधायक भरत सिंह ने आपत्ति जताई है. इतना ही नहीं, विधायक भरत सिंह ने इसके लिए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को ही पत्र लिख दिया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि एयरपोर्ट की खाली जमीन पर एक अच्छा पार्क सेंट्रल पार्क जयपुर की तर्ज पर बनाया जाए.
विधायक भरत सिंह ने लिखे हुए पत्र में बताया कि कोटा में नए एयरपोर्ट का बनना प्रस्तावित है. ऐसे में वर्तमान एयरपोर्ट की जमीन पर मिनी सचिवालय बनाने के समाचार मुझे मिले हैं, यह विचार मेरे मन में भी आया था. साथ ही भरत सिंह ने यह भी लिखा कि कोटा के विकास में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का काफी योगदान है. करोड़ों के विकास कार्य कोटा शहर में चल रहे हैं, लेकिन उन्होंने कोटा के एयरपोर्ट की जमीन पर मिनी सचिवालय बनाने पर प्रश्न खड़ा किया है.
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि इस जमीन को खाली रखा जाए. इसके स्थान पर घूमने के लिए जयपुर के सेंट्रल पार्क से भी बेहतर पार्क बनाया जाए. यह जमीन केवल घूमने वालों के लिए हो. यहां चारदीवारी की सुरक्षा का लाभ भी लिया जाए. आवारा मवेशी, कुत्ते व बंदर से सुरक्षित स्थान हो, जहां पर बिना डर और भय के कोटा के निवासी घूम सकें. सड़कों पर होने वाली लूटपाट और चेन स्नैचिंग से बचने के लिए सीसीटीवी कैमरा जगह-जगह पर लगे. वहां सुरक्षा गार्ड भी नियुक्त हो.
भरत सिंह ने आगे बताया कि रनवे के अलावा खाली भूमि पर पेड़ लगाकर हरा-भरा बनाया जाए. इस भूमि पर किसी प्रकार का निर्माण व्यवसाय करना भूल होगी. इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड कंपनी की भूमि पर मिनी सचिवालय का निर्माण करने का सुझाव दिया था, लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया. मिनी सचिवालय भवन वहां अब भी बनाया जा सकता है, क्योंकि वहां पर अभी भी पर्याप्त जमीन उपलब्ध है.
हालांकि, इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड की आवासीय परिसर जगह पर कोटा नगर विकास न्यास स्मार्ट सिटी के तहत 100 करोड़ रुपए की लागत से कोटा सिटी पार्क का निर्माण करवा रही है. जिसका कार्य अंतिम चरण में चल रहा है. साथ ही इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड फैक्ट्री की जगह पर राजीव गांधी आवासीय योजना लांच कर दी गई थी, जिसके भूखंडों को बेच दिया गया है. वहीं, आवासीय परिसर के आधे हिस्से पर राजीव गांधी आवासीय योजना द्वितीय लांच की है.
आपको बता दें कि हाल ही में पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा था कि वह एयरपोर्ट की जगह पर मिनी सचिवालय बनाना चाहते हैं और यह कार्य ढाई साल में पूरा भी हो जाएगा.