कोटा/जयपुर. सांगोद विधायक भरत सिंह बारां जिले के सोरसन में गोडावण प्रजनन केंद्र की मांग कर रहे हैं. सोरसन के आसपास हो रहे खनन पर भी उन्होंने कई बार नाराजगी जताई है. वे खनन को लेकर अंता विधानसभा सीट से विधायक और खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया पर आरोप लगाते आए हैं.
सोरसन वन क्षेत्र के आसपास हो रहे खनन को लेकर उन्होंने अभियान छेड़ा हुआ है, इसी को लेकर वे आज जयपुर में वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई से मिले. इस दौरान उनके साथ पूरा प्रतिनिधिमंडल था. भरत सिंह ने कहा कि सोरसन के नजदीक खनन रोकने के लिए वे पूरी तरह से लामबंद रहेंगे, चाहे उन्हें खुद जहां विस्फोट करके खान से पत्थर निकाला जा रहा है, खड़ा होना पड़े, भले उस विस्फोट में वे खुद उड़ जाएं, लेकिन वे इस मांग को नहीं छोड़ेंगे.
भरत सिंह ने कहा कि जिस तरह पेड़ों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन हुआ था, उसी तरह से हम भी सोरसन के लिए अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ेंगे. वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई ने वन्य अधिकारियों की टीम सोरसन भेजने की बात कही है. उन्होंने कहा कि टीमें वहां हो रही गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटाएंगी.
बता दें कि विधायक भरत सिंह ने सोरसन वन क्षेत्र के आसपास हो रहे खनन की लीज रद्द करने, सोरसन को अभ्यारण्य का दर्जा देकर गोडावण प्रजनन केंद्र स्थापित करने की मांग की है. हाल ही में कोटा दौरे पर आए खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा था कि सोरसन क्षेत्र गोडावण के लिए मुफीद नहीं है. वहां न तो गोडावण हैं, न ही उसके अवशेष मिले हैं. विधानसभा में भी सरकार जवाब दे चुकी है कि सोरसन एरिया गोडावण की लिए अनुकूल नहीं है.
वन अधिकारियों पर भी जताई नाराजगी
विधायक भरत सिंह ने वन्यजीव और वन विभाग के अधिकारियों पर भी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि अधिकांश अधिकारी ऐसे मुद्दों पर ध्यान नहीं देते. इस दौरान वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई के साथ हेड ऑफ द फॉरेस्ट डीएन पांडे, वन सचिव श्रेया गुहा, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरिंदम तोमर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे. विधायक भरत सिंह के साथ गए प्रतिनिधिमंडल में जल बिरादरी के प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश विजय, हाड़ौती नेचुरली सोसाइटी के आरएस तोमर, पूर्व मानक वन्यजीव प्रतिपालक विट्ठल कुमार सनाढ्य, इंटेक के कन्वीनर निखलेश सेठी, बहादुर सिंह हाड़ा, सांगोद ब्लॉक अध्यक्ष कुशलपाल सिंह पानाहेड़ा शामिल थे.
हम आश्वासन के लिए नहीं गए थे
भरत सिंह ने कहा कि हम आश्वासन के लिए भी नहीं गए थे. हमने कहा है कि कानों से सुनने की जगह आंखों से देखकर फैसला लिया जाए. इसके बाद वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई ने प्रमुख सचिव श्रेया गुहा, हेड ऑफ द फॉरेस्ट डीएन पांडे और चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरिंदम तोमर को सोरसन वन क्षेत्र देखने के निर्देश दिए हैं. भरत सिंह का कहना है कि यह लोग दौरा करके क्या फैसला लेते हैं, वह बाद में पता चलेगा. क्योंकि कमरे में बैठे हुए बात समझ में नहीं आएगी, इन अधिकारियों ने कभी सोरसन इलाका देखा भी नहीं है.