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कोटा से 956 बच्चों को लेकर धनबाद के लिए रवाना हुई प्रवासी स्पेशल ट्रेन

झारखंड के बच्चों की वापसी के क्रम में शनिवार रात को भी एक ट्रेन धनबाद के लिए रवाना हुई है. इस ट्रेन के 24 कोचों में 956 स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स को बैठाया गया है. कोटा से शनिवार देर रात 9 बजकर 30 मिनट पर रवाना हुई ट्रेन रविवार शाम 4 बजे धनबाद पहुंचेगी.

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कोटा से 956 बच्चों को लेकर धनबाद के लिए रवाना हुई प्रवासी स्पेशल ट्रेन
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Published : May 3, 2020, 8:41 AM IST

Updated : May 3, 2020, 10:14 AM IST

कोटा. कोटा से झारखंड के बच्चों की वापसी के क्रम में शनिवार रात को भी एक ट्रेन धनबाद के लिए रवाना हुई है. इस ट्रेन के 24 कोचों में 956 स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स को बैठाया गया है. कोटा से शनिवार रात 9 बजकर 30 मिनट पर रवाना हुई ट्रेन रविवार शाम 4 बजे धनबाद पहुंचेगी. इस सिंगल ट्रिप प्रवासी स्पेशल ट्रेन में बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, कोडरमा, दुमका, देवघर, जामतारा, गोडा, साहेबगंज, पाकुर के बच्चें शामिल हैं.

कोटा से 956 बच्चों को लेकर धनबाद के लिए रवाना हुई प्रवासी स्पेशल ट्रेन

रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि यह 24 कोच की विशेष ट्रेन है, जो शुरू होने के स्टेशन से लेकर अंतिम स्टेशन तक बीच में कहीं नहीं रुकेगी. कुछ जगह पर दूसरे मंडल के रेलवे के अधिकारियों से बात की गई है, ताकि बच्चों को बीच में खाने-पीने की सामग्री मिल सके. साथ ही रेलवे सुरक्षा बल भी ट्रेनों में तैनात किया गया है, ताकि बच्चों को किसी तरह की समस्या नहीं आए. निजी कोचिंग के निदेशक नवीन माहेश्वरी का भी कहना है कि बसों से ज्यादा सुरक्षित सफर ट्रेन का होता है. इसके लिए केंद्र और राज्य और जिला प्रशासन को धन्यवाद मिलना चाहिए.

वहीं ट्रेन में बैठकर अपने घर जा रहे छात्रों ने खुशी जताई. छात्रों का कहा कि कोटा में कुछ परेशानियां उन्हें झेलनी पड़ी है. सभी स्टेट के बच्चे लगातार जा रहे थे. अब हमारा भी नंबर आ गया है. अब हमें पता चला कि सब्र का फल मीठा होता है. कुछ बच्चों ने कहा कि खाने-पीने की समस्या थी, इसके अलावा घर के बाहर भी नहीं निकल पा रहे थे. अब सेफ घर पहुंच जाएंगे.

वहीं कुछ बच्चों ने अपने पीजी ओनर की भी शिकायत की कि वे लगातार रेंट के लिए परेशान कर रहे थे. कुछ ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से वे फंसे हुए महसूस कर रहे थे और घर जाने की इच्छा थी, ऐसे में पढ़ाई भी नहीं हो पा रही थी. वे डिप्रेशन में जा रहे थे. साथ ही बच्चों ने कहा कि केंद्र सरकार, राजस्थान सरकार और झारखंड के सरकार तीनों के समन्वय के चलते ही वे अपने घर जा पा रहा है. इसके लिए उन्होंने सरकारों को धन्यवाद भी दिया.

यह भी पढ़ें- राजस्थान में Corona के 106 नए केस, संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 2772 पर, अब तक 68 की मौत

वहीं जब कोटा से ट्रेन रवाना हुई तो स्टेशन पर मौजूद और ट्रेन में बैठे हुए हर चेहरा खिला हुआ नजर आ रहा था बच्चे अंदर से बैठे हुए हाथ खिलाकर स्टेशन पर खड़े हुए लोगों का अभिवादन कर रहे थे, तो स्टेशन पर खड़े हुए लोग भी ताली बजाकर बच्चों को जाने की खुशी में उनका उत्साह बढ़ा रहे थे. इस दौरान रेलवे स्टेशन पर एडीआरएम विनीत पांडेय, सीनियर डीसीएम विजय प्रकाश और वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त विजय पंडित सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.

कोटा. कोटा से झारखंड के बच्चों की वापसी के क्रम में शनिवार रात को भी एक ट्रेन धनबाद के लिए रवाना हुई है. इस ट्रेन के 24 कोचों में 956 स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स को बैठाया गया है. कोटा से शनिवार रात 9 बजकर 30 मिनट पर रवाना हुई ट्रेन रविवार शाम 4 बजे धनबाद पहुंचेगी. इस सिंगल ट्रिप प्रवासी स्पेशल ट्रेन में बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, कोडरमा, दुमका, देवघर, जामतारा, गोडा, साहेबगंज, पाकुर के बच्चें शामिल हैं.

कोटा से 956 बच्चों को लेकर धनबाद के लिए रवाना हुई प्रवासी स्पेशल ट्रेन

रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि यह 24 कोच की विशेष ट्रेन है, जो शुरू होने के स्टेशन से लेकर अंतिम स्टेशन तक बीच में कहीं नहीं रुकेगी. कुछ जगह पर दूसरे मंडल के रेलवे के अधिकारियों से बात की गई है, ताकि बच्चों को बीच में खाने-पीने की सामग्री मिल सके. साथ ही रेलवे सुरक्षा बल भी ट्रेनों में तैनात किया गया है, ताकि बच्चों को किसी तरह की समस्या नहीं आए. निजी कोचिंग के निदेशक नवीन माहेश्वरी का भी कहना है कि बसों से ज्यादा सुरक्षित सफर ट्रेन का होता है. इसके लिए केंद्र और राज्य और जिला प्रशासन को धन्यवाद मिलना चाहिए.

वहीं ट्रेन में बैठकर अपने घर जा रहे छात्रों ने खुशी जताई. छात्रों का कहा कि कोटा में कुछ परेशानियां उन्हें झेलनी पड़ी है. सभी स्टेट के बच्चे लगातार जा रहे थे. अब हमारा भी नंबर आ गया है. अब हमें पता चला कि सब्र का फल मीठा होता है. कुछ बच्चों ने कहा कि खाने-पीने की समस्या थी, इसके अलावा घर के बाहर भी नहीं निकल पा रहे थे. अब सेफ घर पहुंच जाएंगे.

वहीं कुछ बच्चों ने अपने पीजी ओनर की भी शिकायत की कि वे लगातार रेंट के लिए परेशान कर रहे थे. कुछ ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से वे फंसे हुए महसूस कर रहे थे और घर जाने की इच्छा थी, ऐसे में पढ़ाई भी नहीं हो पा रही थी. वे डिप्रेशन में जा रहे थे. साथ ही बच्चों ने कहा कि केंद्र सरकार, राजस्थान सरकार और झारखंड के सरकार तीनों के समन्वय के चलते ही वे अपने घर जा पा रहा है. इसके लिए उन्होंने सरकारों को धन्यवाद भी दिया.

यह भी पढ़ें- राजस्थान में Corona के 106 नए केस, संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 2772 पर, अब तक 68 की मौत

वहीं जब कोटा से ट्रेन रवाना हुई तो स्टेशन पर मौजूद और ट्रेन में बैठे हुए हर चेहरा खिला हुआ नजर आ रहा था बच्चे अंदर से बैठे हुए हाथ खिलाकर स्टेशन पर खड़े हुए लोगों का अभिवादन कर रहे थे, तो स्टेशन पर खड़े हुए लोग भी ताली बजाकर बच्चों को जाने की खुशी में उनका उत्साह बढ़ा रहे थे. इस दौरान रेलवे स्टेशन पर एडीआरएम विनीत पांडेय, सीनियर डीसीएम विजय प्रकाश और वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त विजय पंडित सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.

Last Updated : May 3, 2020, 10:14 AM IST
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