कोटा. रेलवे जीएम के साथ कोटा रेल मंडल क्षेत्र में आने वाले सांसदों की मीटिंग शुक्रवार को हुई. इस मीटिंग में सांसदों की उपस्थिति कम ही थी. बैठक मे अधिकतर सांसद अधिकारियों से नाराज दिखे. सांसदों ने इस बैठक को सिर्फ दिखावा बताया. साथ ही उन्होंने सवाल उठा दिए कि जब इस बैठक में निर्णय ही नहीं लिए जा सकते हैं, तो फिर इस बैठक को करने का कोई औचित्य ही क्या है?
रेलवे मंडल कोटा क्षेत्र में आने वाले सांसदों के साथ (MPs raised questions against Railway GM ) पश्चिमी मध्य रेलवे के महाप्रबंधक सुधीर गुप्ता की बैठक कोटा के उम्मेद भवन पैलेस में हुई. सुबह 11 बजे से आयोजित इस बैठक में सांसदों ने रुचि नहीं दिखाई. बैठक में मौजूद कुछ सांसदों ने अधिकारियों पर जमकर नाराजगी और तल्खी दिखाई. इस दौरान सांसद डॉ. मनोज राजोरिया ने कहा कि क्या हम अधिकारियों की शक्ल देखने के लिए यहां मीटिंग में आते हैं ? इसके साथ ही उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि रेलवे अधिकारी पत्रों का गोलमोल या गलत जवाब देते है साथ ही साथ समस्याओं का कोई समाधान नहीं निकाला जाता है.
11 में 5 सांसद ही रहे मौजूद: इस बैठक के लिए 11 सांसदों को निमंत्रण भेजा गया था, और (only 5 Mps took part in meeting) उनके लिए उम्मेद भवन पैलेस में व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन बैठक में 11 में से सिर्फ 5 सांसद ही मौजूद रहे. इनमे करौली के सांसद डॉ. मनोज राजोरिया, सवाई माधोपुर टोंक से सुखबीर सिंह जौनपुरिया, चित्तौड़गढ़ से सीपी जोशी, भीलवाड़ा से सुभाष बहेड़िया और झालावाड़ बारां से दुष्यंत सिंह मौजूद रहे. वहीं बैठक में लोकसभा स्पीकर व कोटा बूंदी के सांसद ओम बिरला, भरतपुर से रंजीता कोली, उज्जैन से अनिल फिरोजिया, मथुरा से हेमा मालिनी, मंदसौर से सुधीर गुप्ता व राजगढ़ से रोडमल नागर को भी आमंत्रित किया गया था लेकिन वह इस मीटिंग में उपस्थित नहीं हुए.
गलत जवाब देते हैं पीएम तक उठाएंगे मुद्दा: डॉ मनोज राजोरिया ने कहा कि करौली जिले को जोड़ने वाला एकमात्र स्टेशन हिंडौन सिटी है. उन्होंने सोगरिया से नई दिल्ली की ट्रेन के ठहराव के लिए रेलवे के महाप्रबंधक सुधीर गुप्ता को पत्र लिखा था. जिसका (Manoj Rajoria spoke against railway Gm) उन्होंने जवाब दिया कि ट्रेन वहां से घाटे में चल रही है. इसका जवाब देते हुए राजोरिया ने कहा कि जब वहां ट्रेन रुकती ही नहीं है, तो घाटे में कैसे चल सकती है ?. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बंद हुई ट्रेनों को दोबारा चला कर उनके ठहराव दिए जाएं. हिंडौन रेलवे स्टेशन के सौंदर्यकरण का कार्य भी अभी तक शुरू नहीं हुआ, यह भी दुर्भाग्य है. उन्होंने कहा कि जीएम सुधीर कुमार गुप्ता का हर सवाल का एक ही जवाब होता है कि मामले को रेलवे बोर्ड में भेज देंगे. इस मामले पर मनोज राजोरिया की ओर से सख्ती से कहा गया है कि ट्रेनों को रोकना पड़ेगा नहीं तो आम जनता के मुद्दों की लड़ाई अधिकारियों से लड़नी पड़ेगी, नहीं तो रेलवे बोर्ड, रेल मंत्री और प्रधानमंत्री तक भी मुद्दा उठाऊंगा.