कोटा. पुलवामा अटैक में अपने प्राणों की आहूति देने वाले शहीद हेमराज मीणा की याद में उनके पैतृक गांव में एक मूर्ति बनवाई जानी थी. लेकिन अभी तक ना तो प्रतिभा का ही निर्माण हो पाया और ना ही राज्य सरकार ने किए किसी वायदे को पूरा किया है. वहीं, अब सांगोद विधायक शहीद की मूर्ति लगाने के काम मे रोड़े अटकाने में लगे हैं. ये आरोप रविवार को शहीद की पत्नी मधुबाला मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लगाए.
मधुबाला मीणा ने कहा कि पुलवामा हमले में शहीद हुए सांगोद तहसील के लाडले हेमराज मीणा के पैतृक गांव विनोद कलां में शहीद स्मृति पार्क बनवाने की कवायद ओम बिरला ने शुरू करवाई थी. इसके लिए सांसद ओम बिरला की अनुशंसा पर 10 लाख रुपए स्वीकृत करवाए गए थे. इस रकम से स्थानीय पंचायत की ओर से मिट्टी भराई, समतलीकरण और तीन तरफ बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया गया है.
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वहीं, जनसहयोग से राशि एकत्र कर शहीद की प्रतिमा बनवाई गई है. जिसे पार्क स्थापित करना है, लेकिन शहीद की पत्नी का आरोप है कि सांगोद विधायक मूर्ति स्थापना कार्य में अड़ंगा लगा रहे हैं. शहीद की वीरांगना मधुबाला ने कहा कि स्मृति पार्क विकसित करने के लिए पूर्व विधायक हीरालाल नागर ने अतिरिक्त राशि की आवश्यकता बताई, जिस पर राज्यसभा सांसद विजय गोयल ने 20 लाख रुपये की स्वीकृति दी. उन्होंने बताया कि 13 फरवरी 2020 को जिला परिषद ने केके बिरला मैमोरियल ट्रस्ट को कार्यकारी एजेंसी बनाकर प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी, लेकिन तकनीकी स्वीकृति जारी नहीं की जा रही है.
इसके पीछे उन्होंने विधायक भरत सिंह पर आरोप लगाया और कहा कि विधायक कार्यकारी एजेंसी केके बिरला मेमोरियल ट्रस्ट को कार्य नहीं करने दे रहे हैं. वह अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर सीएफसीएल के अधिकारियों को बुलवाकर धमका रहे हैं.
बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले में शहादत पाने वाले कोटा के वीनोद गांव के लाल हेमराज मीणा की शहादत को करीब 15 महीने गुजर चुके हैं. लेकिन आज भी शहीद की प्रतिमा अभी भी स्थापित किए जाने की प्रतीक्षा में हैं. वहीं, वीरांगना मधुबाला मीणा ने रविवार को इस पूरे मामले को लेकर पूर्व सैनिक सेवा परिषद के बैनर तले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके निराशा और आक्रोश का इजहार किया.
राज्य सरकार ने नहीं निभाया वादा...
- सरकार ने सांगोद में अदालत चैराहे पर अतिरिक्त प्रतिमा स्थापित करने का वादा किया था, वह भी पूरा नहीं किया गया.
- शहर से घर तक डामर सड़क का निर्माण भी करना था, जो नहीं हुआ.
- पेयजल पाइपलाइन का वादा भी नहीं निभाया गया.
- सांगोद में जहां शहीद की प्रतिमा लगानी थी, वहां से अतिक्रमण नहीं हटाया गया.
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'कांग्रेस से चुनाव नहीं लड़ा इसलिए आ रही समस्या'
वीरांगना ने इस दौरान खुलासा करते हुए कहा कि साल 2019 में उन्हें कांग्रेस की तरफ से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट ऑफर किया गया था, लेकिन उन्हे राजनीति में कोई रुचि नहीं हैं. इसलिए उन्होंने मना कर दिया था.