कोटा. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) कोटा दौरे पर आए हुए हैं. वे अगले 8 दिनों तक कोटा में ही रहेंगे और लोकसभा क्षेत्र की सभी 8 विधानसभाओं में जाकर लोगों से मुलाकात करेंगे. कोरोना काल में जिन बच्चों ने अपने परिवार को खोया है या फिर जिन परिवारों में मां-पिता में से एक ही बचे हैं उन सभी से भी जाकर बिरला मुलाकात करेंगे.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बिरला ने कहा कि कोविड 19 (Covid-19) से बचाव के लिए वैक्सीन काफी कारगर है और यह व्यक्ति को सुरक्षा कवच भी प्रदान करती है. सही बात है कि हमारा देश काफी बड़ा है, लेकिन हमें हर चुनौती का मुकाबला सामूहिक रूप से करना है.
वैक्सीन के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करना होगा. देश की सभी लोकतांत्रिक संस्थाएं चाहे पंचायत हो या नगर पालिका, सभी को मिलकर काम करना होगा. बिरला ने कहा कि वैक्सीन के लिए जो भ्रांतियां फैली हुई है, उन्हें भी दूर करेंगे. जिससे की आम जनता को सुरक्षा मिल सके.
अनाथ बच्चों के लिए करेंगे काम
कोरोना के दौर में कई बच्चों ने अपने माता या पिता को खोया है. कुछ ऐसे भी बच्चे हैं जिनके परिवार में कोई नहीं बचा. इन घरों में आर्थिक रूप से घर चलाने वाला कोई व्यक्ति नहीं है.
बिरला ने कहा कि वह संसदीय क्षेत्र में सभी आठों विधानसभाओं में जाकर ऐसे परिवारों से मिलेंगे. उनके दुखों को मिलकर कम करेंगे. साथ ही कैसे उनको आर्थिक संबल प्रदान कर सकें, ताकि ये सभी लोग अपने परिवार को ठीक से चला सके. इसके लिए भी उनसे बातचीत कि जाएगी. बिरला ने कहा कि वसुदेव कुटुंबकम यह हमारी संस्कृति और संस्कार हैं. इन परिवारों के लिए व्यापक योजना बनाएंगे.
लोगों के अभाव अभियोग भी सुने स्पीकर
ओम बिरला ने कोटा पहुंचने (Om Birla Reaches Kota) पर लोकसभा के कैंप ऑफिस शक्ति नगर में लोगों से मुलाकात भी की है. कोटा बूंदी संसदीय क्षेत्र के बड़ी संख्या में लोग बिरला से मिलने पहुंचे थे. बिरला सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी लोगों से मुलाकात की. उनकी समस्याओं को सुना और उनको समाधान के लिए अधिकारियों से बातचीत करने के साथ दिशा-निर्देश भी दिए. बिरला ने चिकित्सा से लेकर खाद, बीज और अन्य समस्याओं को पर भी बात की.
मुकुंदरा के लिए कर रहे हैं लगातार प्रयास
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि वे मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (Mukundara Hills Tiger Reserve) के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, पिछली बार एनटीसीए के अधिकारियों से बुलाकर चर्चा की थी. उन्होंने एक टीम भेजी थी. एनटीसीए ने जो अध्ययन किया है की कोरोना के बाद मुकंदरा नेशनल पार्क के अंदर किस तरीके से टाइगर ला सकते हैं और उन्हें कैसे सुरक्षित रखा जाए इसके भी व्यापक इंतजाम होने चाहिए.