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लक्षण कोविड के, रिपोर्ट नेगेटिव..ओम बिरला ने ICMR से कहा- कोटा मेडिकल कॉलेज के साथ मिलकर करें स्टडी - Om Birla ICMR

कोटा में ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं जिनमें लक्षण कोविड-19 के हैं लेकिन आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव से बात कर उन्हें कोटा मेडिकल कॉलेज के साथ मिलकर इस संबंध में स्टडी करने के लिए कहा है.

मौसमी बीमारी ओम बिरला समीक्षा बैठक
मौसमी बीमारी ओम बिरला समीक्षा बैठक
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Published : Sep 21, 2021, 10:37 PM IST

कोटा. कोटा मेडिकल कॉलेज में कई ऐसे मरीज भर्ती हैं। जिनकी कोविड 19 की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट तो नेगेटिव है, लेकिन लक्षण उन्हें कोरोना के हैं. इस संबंध में आज लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव से बात की और उन्हें कोटा मेडिकल कॉलेज के साथ मिलकर इस संबंध में स्टडी करने के लिए कहा है.

दरअसल लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मौसमी बीमारियों को लेकर कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र की एक समीक्षा बैठक की थी. जिसमें जिला प्रशासन के साथ मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे. इस दौरान मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि कुछ मरीज ऐसे भी आ रहे हैं, जिन्हें ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की आवश्यकता है, लेकिन उनकी कोविड- 19 की रिपोर्ट नेगेटिव है.

स्पीकर बिरला ने इसका कारण कोटा के स्थानीय चिकित्सकों से पूछा, लेकिन वे इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दे पाए. इसके बाद बिरला ने आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. भार्गव से बात की. साथ ही मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना से भी करवाई. इसके बाद उन्होंने कहा कि आईसीएमआर और मेडिकल कॉलेज मिलकर इस तरह के मामलों की स्टडी करें तथा कारणों का पता लगाएं. डॉ. भार्गव ने डॉ. सरदाना को केस से जुड़ी जानकारी और दस्तावेज लेकर दिल्ली बुलाया है.

पढ़ें- डेंगू का प्रकोप : क्या है डेंगू बुखार, कैसे फैलता है, बचाव के क्या हैं उपाय ?

डेंगू के लिए प्रशासनिक स्तर पर नहीं हुए उपाय..

स्पीकर बिरला ने डेंगू, स्क्रब टायफस, मलेरिया व अन्य मौसमी बीमारियों के मरीजों के संबंध में भी अधिकारियों से जानकारी ली. बिरला ने नाराजगी जताते हुए यह भी कहा कि प्रशासनिक स्तर पर ठोस उपाय डेंगू की रोकथाम के लिए नहीं किए गए हैं. लोगों को इसके लिए जागरुक भी नहीं किया गया. जबकि इसके लिए एक अभियान चलना चाहिए था.

बिरला ने जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ और सीएमएचओ के डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर को निर्देश दिए हैं कि मौसमी बीमारियों से जुड़े सभी दवाइयां डिस्पेंसरी में उपलब्ध हों. साथ ही डेंगू नियंत्रण के लिए महानगरों में हो रहे नवाचारों की स्टडी कर कोटा में भी उन्हें लागू किया जाए.

इसके साथ ही लोकसभा स्पीकर को जानकारी दी गई कि जिले में 84 फीसदी लोगों को वैक्सीन की पहली और 35 फीसदी को दूसरी डोज लग चुकी है, लेकिन स्पीकर बिरला इससे संतुष्ट नहीं दिखे. उन्होंने कहा कि अभियान में तेजी लाई जाए और संसदीय क्षेत्र में 100 फीसदी लोगों को वैक्सीनेट किया जाए.

कोटा. कोटा मेडिकल कॉलेज में कई ऐसे मरीज भर्ती हैं। जिनकी कोविड 19 की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट तो नेगेटिव है, लेकिन लक्षण उन्हें कोरोना के हैं. इस संबंध में आज लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव से बात की और उन्हें कोटा मेडिकल कॉलेज के साथ मिलकर इस संबंध में स्टडी करने के लिए कहा है.

दरअसल लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मौसमी बीमारियों को लेकर कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र की एक समीक्षा बैठक की थी. जिसमें जिला प्रशासन के साथ मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे. इस दौरान मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि कुछ मरीज ऐसे भी आ रहे हैं, जिन्हें ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की आवश्यकता है, लेकिन उनकी कोविड- 19 की रिपोर्ट नेगेटिव है.

स्पीकर बिरला ने इसका कारण कोटा के स्थानीय चिकित्सकों से पूछा, लेकिन वे इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दे पाए. इसके बाद बिरला ने आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. भार्गव से बात की. साथ ही मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना से भी करवाई. इसके बाद उन्होंने कहा कि आईसीएमआर और मेडिकल कॉलेज मिलकर इस तरह के मामलों की स्टडी करें तथा कारणों का पता लगाएं. डॉ. भार्गव ने डॉ. सरदाना को केस से जुड़ी जानकारी और दस्तावेज लेकर दिल्ली बुलाया है.

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डेंगू के लिए प्रशासनिक स्तर पर नहीं हुए उपाय..

स्पीकर बिरला ने डेंगू, स्क्रब टायफस, मलेरिया व अन्य मौसमी बीमारियों के मरीजों के संबंध में भी अधिकारियों से जानकारी ली. बिरला ने नाराजगी जताते हुए यह भी कहा कि प्रशासनिक स्तर पर ठोस उपाय डेंगू की रोकथाम के लिए नहीं किए गए हैं. लोगों को इसके लिए जागरुक भी नहीं किया गया. जबकि इसके लिए एक अभियान चलना चाहिए था.

बिरला ने जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ और सीएमएचओ के डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर को निर्देश दिए हैं कि मौसमी बीमारियों से जुड़े सभी दवाइयां डिस्पेंसरी में उपलब्ध हों. साथ ही डेंगू नियंत्रण के लिए महानगरों में हो रहे नवाचारों की स्टडी कर कोटा में भी उन्हें लागू किया जाए.

इसके साथ ही लोकसभा स्पीकर को जानकारी दी गई कि जिले में 84 फीसदी लोगों को वैक्सीन की पहली और 35 फीसदी को दूसरी डोज लग चुकी है, लेकिन स्पीकर बिरला इससे संतुष्ट नहीं दिखे. उन्होंने कहा कि अभियान में तेजी लाई जाए और संसदीय क्षेत्र में 100 फीसदी लोगों को वैक्सीनेट किया जाए.

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