कोटा. मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं में कोटा देशभर में सिरमौर बना हुआ है. यहां से हर साल हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स आईआईटी और बड़े मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेते हैं. यह सब कुछ ऑफलाइन होने वाली कोटा कोचिंग की पढ़ाई के जरिए ही होता है, लेकिन अब जब इंटरनेट का युग आ गया है. क्लासरूम कोटा कोचिंग को चुनौतियां देशभर के अलग-अलग हिस्सों से मिल रही है. ऐसे में कोटा कोचिंग अब ऑनलाइन में भी बड़े स्तर पर उतरने वाली है.
इसके लिए कोटा की कोचिंग संस्थान ने लेटर ऑफ इंटरेस्ट भी राज्य सरकार को दिया है. कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के वाइस प्रेसिडेंट नितेश शर्मा का कहना है कि ऑनलाइन कोचिंग आज की डिमांड है. इसमें कोई सीमाएं भी नहीं है. ऑफलाइन कोचिंग में निश्चित संख्या में ही स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जा सकता है. उनके लिए कई तरह सुविधाओं को बिल्डिंग में स्थापित किया जाता है. जबकि ऑनलाइन कोचिंग में एक ही बिल्डिंग से देशभर के लाखों स्टूडेंट्स को पढ़ाया जा सकता है. इसमें कोई सीमाएं निश्चित नहीं है.
लाखों बच्चों को पढ़ाया है कोविड-19 दौरान ऑनलाइनः कोरोना काल में कोटा के कोचिंग संस्थान बंद रहे. जिसके बाद यहां पढ़ रहे बच्चों को उनके घरों पर भेजा गया. लेकिन सबसे बड़ी चुनौती थी कि इन बच्चों साल बर्बाद नहीं हो, क्योंकि मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम सरकार करवाने वाली थी. इसको लेकर ही इन बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया गया. यह बच्चों की संख्या कम नहीं लाखों थी. इन बच्चों को अलग-अलग ग्रुप्स में बांटा गया और उनके बाद में उनकी फैकल्टी ने ही ऑनलाइन लेक्चर दिए. लाइव क्लासेज भी शुरू की गई. इसके अलावा डाउट काउंटर भी ऑनलाइन ही हुए. बच्चों को किसी भी तरह की समस्या होने पर वह सीधे फैकल्टी से भी संपर्क कर रहे थे.
बना रहे हैं कंटेंट, दावा- सबसे यूनिक होगाः कोटा के कोचिंग संस्थानों को ऑनलाइन कोचिंग से बड़े स्तर पर चुनौती मिल रही है. ऐसे में अब ऑनलाइन के तौर पर भी कोटा कोचिंग सामने आने वाला है. कोटा के ऑनलाइन कोचिंग संस्थान के एमडी (Kota will Give Strong Challenge in Online) आनंद माहेश्वरी का कहना है कि उन्होंने एक नई कंपनी बनाई है. कोटा की कोचिंग संस्थानों की देशभर में कई ब्रांच है, लेकिन जिस तरह की पढ़ाई कोटा में होती है, वैसा सब जगह संभव नहीं हो पा रहा है.
इसी के अनुरूप बच्चों के लिए कंटेंट तैयार कर रहे हैं. जिस तरह से ऑफलाइन उन्हें पढ़ाया जाता है, वैसा ही कंटेंट उन्हें ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके लिए एनिमेशन, ग्राफिक डिजाइन कई तरह के टूल्स उपयोग में लिए जा रहे हैं. माहेश्वरी ने दावा किया है कि यह यूनीक कंटेंट कोटा का ही होगा, क्योंकि यहां की कोचिंग की भी सफलता में यह कंटेंट काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है. 4 महीने में यह कंटेंट 80 फीसदी तैयार भी हो गया है.
लाखों को रोजगार और करोड़ों को शिक्षा का दावाः राज्य सरकार ने आयोजित किए निवेश सेमिनार के तहत भी कोटा के निजी कोचिंग संस्थान ने लेटर ऑफ इंटरेस्ट दिया है. रीको के सीनियर रीजनल मैनेजर एसके गर्ग का कहना है कि कोटा में डिजिटल एजुकेशन के तहत 300 करोड़ से ज्यादा के निवेश की बात कही है. इस पर कंपनी ने साफ बताया है कि वह बड़े स्तर पर काम कर रहे हैं और जिससे आने वाले समय में बड़े स्तर पर रोजगार भी स्थानीय लोगों को मिलेगा.
इस पर कोटा का कोचिंग संस्थान काम भी कर रहा है. हजारों लोगों को रोजगार (Online Coaching Classes in Kota) आने वाले कुछ सालों में इससे मिलेगा. साथ ही उन्होंने दावा किया है कि आने वाले समय में करीब ढाई करोड़ स्टूडेंट्स को यहां से पढ़ाया जा सकेगा.
अभी भी हो रही है हाइब्रिड मॉडल पर पढ़ाईः कोविड-19 ने दौरान ऑफलाइन क्लासेस बंद थी. ऑनलाइन ही सपोर्ट सिस्टम बच्चों के लिए बन गया था. इसके जरिए बच्चे अपने स्टडी को निरन्तर रख पाएं थे. लॉकडाउन के दौरान ही स्टडी को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट कर दिया था. इसके रिजल्ट भी अच्छे आए थे. जो फैसिलिटी ऑनलाइन दी थी, अब नॉर्मल कंडीशन में बढ़ रही है. वर्तमान में भी ऑनलाइन क्लासेज भी इसके साथ पैरेलल है.
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ऐसे में स्टूडेंट्स हाइब्रिड मॉडल पर पढ़ाई कर रहे हैं. ऑनलाइन में हमारे पास कोई सीमाएं नहीं है, कितने भी बच्चों को एजुकेशन दे सकते हैं. कोटा आज नहीं आ पा रहे हैं या ओवरसीज में रहते हैं, उन्हें भी ऑनलाइन टीचिंग में अच्छा रेस्पॉन्स मिला है. दूसरे देशों में रहने वाले बच्चे जो कोटा नहीं आ सकते वह भी इस तरह से शिक्षा ले रहे हैं. बड़ी संख्या में ऑनलाइन के एनरोलमेंट कोटा कोचिंग से हैं.
मजबूरी में शुरुआत हुई, कुछ समय में बनेगी जरूरतः कोविड-19 के बाद जैसे ही 2020 में कोचिंग संस्थानों को बंद कर दिया गया. वैसे ही यहां पढ़ रहे बच्चों के सामने मेडिकल और इंजीनियरिंग सीट को प्राप्त करने के लिए दिक्कत होने लगी. ऐसे में तुरंत कोचिंग संस्थानों ने अपने ऑफलाइन कोचिंग को ऑनलाइन मोड में परिवर्तित कर दिया. इसके चलते लगातार डेढ़ साल तक बच्चों को कोचिंग भी मिलती रही और वे सफल भी इसमें हुए हैं.
हालांकि, एक्सपर्ट मानते हैं कि ऑफलाइन कोचिंग के जो फायदे हैं. वह ऑनलाइन कोचिंग में नहीं मिल सकते हैं. इसके बावजूद (Education in Kota) बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स अभी भी ऑनलाइन ही पढ़ाई कर रहे हैं. जिससे ऑनलाइन कोचिंग का मार्केट भी अब गति पकड़ने लगा है. कोचिंग से जुड़े जानकारों की मानें तो आने वाले समय में यह एक बड़ी जरूरत बन जाएगा.
कोटा की फैकल्टी ने कोविड में ली है सबसे अच्छी ट्रेनिंगः कोविड-19 के दौरान कोटा की सभी फैकल्टी ने ऑनलाइन मोड को लेकर अच्छी मेहनत की है. जिसमें आईआईटियन से लेकर सभी फैकल्टी मेंबर शामिल हैं. इनको अच्छा तजुर्बा भी हो गया है. साथ ही एकेडमिक कंटेंट यहां का पहले से ही अच्छा है. ऐसे में यह कंटेंट बच्चों के समझ में भी आने लगा है. इसके चलते रैंक भी कोटा से आई है. दूसरे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से देखा जाए तो कोटा का यही अंतर साफ नजर आता है.
एकेडमिक एक्सीलेंस कोटा का पहले से है. कोटा कोचिंग संस्थानों का कहना है कि हमने (Kota coaching Institutes) हमेशा ही रूट लेवल पर एक एडमिट पर काम किया है और उसी के लिए आज पूरे इंडिया में यह रिकॉग्नाइज किया जा रहा है. हमने नई कंपनी बनाई है. इसमें नए ऑपरेटर, टेक्नोलॉजी, सेल्स और मार्केटिंग के टूल्स लगा रहे हैं. आने वाले टाइम में अच्छी टेक्नोलॉजी से कोटा की कोचिंग मिलेगी. बीते 4 महीने में काफी काम किया है और यह जल्द ही रिलीज होगा.