कोटा. किसी भी मुद्दे को लेकर प्रदर्शन आम बात हो गई है. साथ ही अधिकांश प्रदर्शन हिंसक हो जाते हैं और उनमें तोड़फोड़ व आगजनी भी उपद्रवी कर देते हैं. इन उपद्रवियों की पहचान भी बड़ी मुश्किल से हो पाती है. अधिकांश जगह पर दंगे होने पर आरोपी पुलिस से छूट भागता है. अब पुलिस ने इसका तोड़ निकाल लिया है. पुलिस ने ऐसे हेलमेट अपने अधिकारियों को दिए हैं, जिनमें कैमरे यानि "तीसरी आंख" लगी हुई है. साथ ही ब्लूटूथ व अन्य तकनीक भी इन कैमरों की डिवाइस में है.
इन कैमरों की डिवाइस वाले हेलमेट में रिकॉर्डिंग की भी सुविधा है. यहां तक की यह आवाज को भी सुन लेते हैं और उसे भी वीडियो के साथ रिकॉर्ड कर लेते हैं. इसके साथ ही इन हेलमेट में लगे कैमरों की डिवाइस को आसानी से मोबाइल और कंप्यूटर से जोड़ा जा सकता है, ताकि तुरंत उपद्रवियों की पहचान भी हो जाए.
नजर भी नहीं आता कैमरा
इस हेलमेट को देखने पर यह एक सामान्य हेलमेट ही लगेगा. इसमें लगा कैमरा आसानी से नजर भी नहीं आता है. जिससे किसी को शक भी नहीं होता है कि इस हेलमेट में कैमरा लगा हुआ है. जिससे अधिकांश प्रदर्शनों के दौरान पुलिस या पुलिस के जवान पहन लेते हैं, लेकिन यह अलग हेलमेट है. इसमें जो कैमरा लगा है वह नाइट विजन का भी है. ऐसे में रात के समय भी वह आसानी से सब कुछ चीजें कैद कर लेता है.
पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारियों को दिए
हेलमेट के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस उपाधीक्षक द्वितीय भगवंत सिंह हिंगड़ ने बताया कि पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों में अलग-अलग तरह के उपकरण उपलब्ध कराएं है, जिममें हेलमेट भी एक है. नए तरीके के हेलमेट में रिकॉर्डिंग हो जाती है. ब्लूटूथ सिस्टम भी है. इसको मोबाइल में भी इसे तुरंत देख सकते हैं. साथ ही कंप्यूटर में सेव कर लिया जाता है. इसमें बैटरी होती है, जिसे चार्ज कर लिया जाता है.
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ऐसे कई अलग-अलग उपकरण नए-नए उपकरण पुलिस को दिए जा रहे हैं. इसके अलावा बॉडी कैमरे भी जल्दी ही पुलिस के जवानों को दिए जाएंगे. अभी यह हेलमेट पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारियों को दिए गए थे, अब जवानों को भी इस तरह के कैमरे वाले हेलमेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
लॉ एंड ऑर्डर बिगाड़ने और मॉब कंट्रोल में सहायक
पुलिस उप अधीक्षक भगवंत सिंह हिंगड़ ने बताया कि हेलमेट में लगे कैमरे में रिकॉर्डिंग की सुविधा है. इसमें बिल्कुल सामने कैमरा लगा रहता है, जिसमें रिकॉर्डिंग होती है. अगर कोई बदमाशी करता है या लॉ एंड ऑर्डर को बिगाड़ने की कोशिश करता है, तो इसमें रिकॉर्डिंग हो जाती है. जिससे उसकी पहचान आसानी से की जा सकती है. साथ ही उन्होंने बताया कि भीड़ को कंट्रोल करने के लिए भी ये हेलमेट में लगे कैमरे काफी सहायक होते हैं.